property possession : प्रोपर्टी से कब्जा छुड़ाने में सरकारी तंत्र खुद करेगा मदद, आपको बस करना होगा ये काम
property possession : अकसर होता यह है कि कोई किसी काम के कारण बीजी रहता है और वह अपनी प्रोपर्टी (property laws) को लावारिस छोड़ देता है। इस दौरान कई लोग मौके की तलाश में रहते हैं और प्रोपर्टी पर अपना कब्जा जमा लेते हैं। हमें अपनी ही प्रोपर्टी (property law) को वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई (law) लड़नी पड़ती है। आप कभी ऐसी स्थिति से न गुजरें इसलिए ये आपके काम की खबर है। आइए आर्टिकल में जानते हैं हम सरकारी तंत्र की सहायता से कैसे अपनी प्रोपर्टी बचा सकते हैं।

My job alarm (property possession) : आपकी जमीन पर किसी ने अवैध कब्जा (illegal possession case) डाल लिया है तो अपना संविधान ऐसे कई कानून हमें देता है हमारी संपत्ति वापस (remove illegal possession) दिला सकते हैं। बता दें कि जमीन पर अवैध कब्जा (illegal possession on land) किया जाना आम बात है। ऐसे लाखों मामले होंगे, जहां लोग अपनी ही जमीन को छुड़ाने के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे होंगे। ये काम कई सालों से होता आ रहा है। इसमें जमीन के असली मालिक (property owner) को अपनी ही जमीन का मालिक बनने में टेंशन के दौर से गुजरना पड़ता है।
आजकल रिकॉर्ड पूरी तरह ऑनलाइन हो रहे हैं तो कई राज्यों में अवैध कब्जे (possession) की समस्या समाप्त हो रही है। ऑनलाइन होने के बाद भी आए दिन कहीं न कहीं हमें अवैध कब्जे पर झगड़े होने के मामले सुनने में मिल जाते हैं। इस झगड़े में लोगों के पीढ़ियों के बैर बंध जाते हैं। लेकिन हम आपको बताते हैं कि प्रॉपर्टी पर अगर कोई अवैध कब्जा कर भी लेता है तो भी उससे लड़ने की जरूरत नहीं है।
आप बेहद आसान तरीके से कब्जा छुड़वा (illegal possession remove) सकते हैं। कब्जा छुड़वाने के मामले में सरकारी तंत्र (Govt system) अपने आप सहाया करता है। इस बारे में बहुत सारे लोगों को पूरी जानकारी नहीं है। अगर अभी आप इसको जान जाएंगे तो आप खुद कभी ऐसी समस्या में नहीं घिरोगे और दूसरों को भी इस प्रकार के लफड़े से बचा ही लोगे।
जानिए क्या है प्रक्रिया
पीड़ित व्यक्ति के पास आपराधिक और सिविल (civil law) दोनों तरह के केस दर्ज कराने का ऑपश्न होता है। कानून की प्रक्रिया कुछ लंबी हो सकती है, लेकिन हिंसा (possession removel) से तो देर अच्छी है। अगर आपकी संपत्ति पर अवैध कब्जा है तो (property possession) तो प्रॉपर्टी से इस अवैध कब्जे को हटवाने के लिए का आने वाले कुछ कानूनों के बारे में हम बता रहे हैं। जो हम बताएंगे उनें शुरुआत की 3 धाराएं आपराधिक कानून में आती हैं। वहीं, अंतिम धारा सिविल कानून (civil law) का हिस्सा है।
आईपीसी की धारा (IPC laws) के अनुसार ये है अहम धारा
420 धारा (420 act) काफी चर्चित धारा है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से धोखाधड़ी के अनेक मामलों किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को बल प्रयोग कर उसकी संपत्ति से हटाया गया है, तो ये कानून (Law) प्रयोग में आता है। किसी भी पीड़ित को सबसे पहले इसे प्रयोग में लाना चाहिए।
आईपीसी की धारा 406 (act 406 IPC) कानून का प्रयोग उस समय किया जाता है तब कोई किसी दूसरे व्यक्ति को विश्वास में लेकर उसकी संपत्ति पर कब्जा करता है। यह एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। कोई भी पीड़ित इस धारा में अपने नजदीकी पुलिस थाने (police station) में केस दर्ज करवा सकता है।
इस मामले में धारा 467 कारगर है। अगर किसी संपत्ति को गलत तरीके से तैयार कागजातों के आधार पर कोई कब्जाने का प्रयास करता है तो तब यह कानून अमल में आता है। कूटरचना कानून (counterfeiting law) भी इसे बोला जाता है। अगर किसी ने कोई चालबाजी करके फर्जी कागज बनवाए हैं तो वो इसके अंदर आते हैं।
सिविल कानून में ये है प्रावधान
एक कानून है, जिसे स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट (Specific Relief Act) के नाम से भी जाना जाता है। यह सिविल कानून में आता है। खास परिस्थिति में ही इसका प्रयोग किया जा सकता है। इस कानून में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं की जा सकती है। इसमें कोई नकली कागज भी नहीं होते हैं, आरोपी केवल मनमर्जी से पीड़ित की संपत्ति पर कब्जा जमा लेता है। इसके तहत धारा 6 में पीड़ित को जल्दी व आसानी से न्याय देने की कोशिश होती है।
सिविल मुकदमें में ये हैं शर्ते
आप कर्मिनल केस को कभी भी करा सकते हैं, लेकिन इस कानून में एक पेंच यह है कि कब्जे के 6 माह के भीतर ही उक्त कानून के तहत केस दर्ज किया जा सकता है। वहीं इस कानून में सरकार के खिलाफ केस (case against govt) नहीं किया जा सकता है।
आपने कानून प्रक्रियाएं जान ली हैं। इनमें से जो भी उचित लगे। उसका इस्तेमाल आप कर ही सकते हैं। आप अपने सभी सबूत दीजिए और आप गलत नहीं है तो निश्चित तौर पर सरकारी ढांचा (govt system) आपकी मदद करेगा और आप अपनी संपत्ति के मालिक बने रहेंगे। इस मामले में वकील की सलाह जरूर ले लें।