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OPS को लेकर PM कर सकते हैं बड़ी घोषणा, जानिये यह जरूरी अपडेट

NPS-OPS Update News : पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर देशभर के कर्मचारी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी ओर NPS का विरोध जारी है। इस मुद्दे पर एक केंद्रीय कर्मचारी संगठन ने पीएम से मांगों पर विचार करने की मांग की है। साथ ही 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को गठित कर इसे लागू करने का आग्रह किया है। कर्मचारियों का मानना है कि अब ओपीएस को लेकर पीएम कभी भी बड़ी घोषणा कर सकते हैं। 

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OPS को लेकर PM कर सकते हैं बड़ी घोषणा, जानिये यह जरूरी अपडेट

My job alarm (ब्यूरो)। OPS को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है।  दरअसल, अब एक बार फिर से पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) को लागू किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसके लिए कई कर्मचारी संगठन एकजुट हो रहे हैं। इसी मांग को लेकर हाल ही में केंद्रीय कर्मचारी संगठन एटक (AITUC) ने PM नरेंद्र मोदी से ओपीएस बहाली की मांग की है।

इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल की ओर से 8th Pay Commission को लेकर भी आग्रह किया गया कि इसे जल्द गठित कर वेतन बढ़ोतरी की जाए। इस पर आगामी अपडेट जल्द मिलने की संभावना कर्मचारियों द्वारा जताई जा रही है। इस अपडेट को जानने से पहले यहां पर ओपीएस और एनपीएस में अंतर समझना भी जरूरी है।


ऐसे समझें OPS और NPS में अंतर


NPS के तहत प्राइवेट और सरकारी दोनों कर्मचारी अकाउंट खुलवा सकते हैं, जबकि OPS सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है। OPS में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है, जबकि NPS में वेतन से 10 प्रतिशत (Basic+DA) की कटौती होती है। यही कारण है कि कर्मचारी ओपीएस की बहाली की मांग कर रहे हैं। हालांकि एनपीएस (OPS-NPS Update News) में भी कई तरह की सुविधाओं को सही बताया जा रहा है।

कर्मचारियों को हैं पीएम से ये उम्मीदें


इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के कर्मचारी संगठनों ने एक बैठक बुलाई है। हालांकि, कार्मिक विभाग की ओर से जारी बैठक के नोटिस में किसी एजेंडे का जिक्र नहीं है। बैठक का नोटिस देखने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं कि पीएम (PM Modi)कुछ सकारात्मक घोषणाएं कर सकते हैं। जैसे एनपीएस को वापस लेना और 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन (8th Pay Commission kab lagu hoga) भी शामिल हैं। इसके अलावा कर्मचारियों को और मुद्दे बहाल होने की भी उम्मीद है।


NPS की कमियां गिनाते हुए कर्मचारियों ने दिए ये तर्क


माना जा रहा है कि पीएम ने एनपीएस में सुधार के लिए टीवी सोमनाथन समिति (TV Somanathan Committee) की सिफारिश पर सरकार के फैसलों की जानकारी देने के लिए ही बैठक बुलाई है। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी संगठन और केंद्रीय ट्रेड यूनियन अंशदायी पेंशन योजना (contributory pension scheme) यानी NPS के खिलाफ हैं। एनपीएस में कई कमियां हैं, इसे कर्मचारियों पर थोंपना सही नहीं है।

इसके पीछे कर्मचारियों का तर्क है कि यह सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह कर्मचारियों से किसी भी योगदान की अपेक्षा किए बिना सम्मानजनक पेंशन (Pention Scheme for employees) प्रदान करके उनकी सेवानिवृत्ति के बाद उनकी देखभाल करे। सरकार को अपने कर्मचारियों को लंबे समय तक देश के लिए सेवाएं देने के बदले पेंशन (pention and salary hike)के लिए उनसे अंशदान लेकर उन पर कर लगाने के बजाय अंशदान देना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी से की यह अपील


केंद्र सरकार के प्रमुख कर्मचारी संगठनों में से एआईडीईएफ ने 23 अगस्त को एक अपील के माध्यम से प्रधानमंत्री को सूचित किया है कि एनपीएस (NPS New Rules) में सुधार उनकी मांग नहीं है। इस संगठन ने एनपीएस को लेकर और कुछ खास नहीं कहा। दूसरी और इसी संगठन का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार (Center Government) के कर्मचारियों को गैर-अंशदायी पेंशन योजना वापस बहाल की जानी चाहिए। इससे उनके लाभ जारी रह सकेंगे। उन्होंने अपनी अपील में आयुध कारखानों के निगमीकरण, डीआरडीओ के पुनर्गठन आदि को वापस लेने की भी मांग की है।


NPS लागू करने के फैसले पर अड़ी है सरकार


कर्मचारी संगठन का कहना है कि सरकार एनपीएस के फैसले को वापस नहीं ले रही है और कर्मचारियों को बरगलाने के लिए एनपीएस (NPS Big Update)में केवल कुछ दिखावटी बदलाव कर रही है। एनपीएस सुविधा के हिसाब से ओपीएस का स्थान नहीं ले सकती। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। संगठन के कर्मचारियों का कहना है कि हम एआईडीईएफ को उनके द्वारा उठाए गए रुख के लिए बधाई देते हैं जो वास्तव में लाखों युवा केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों की भावना को दर्शाता है जो अंशदायी एनपीएस (NPS Update news) का शिकार बन गए हैं।

यह कहना है केंद्रीय कर्मचारी संगठन एटक का


केंद्रीय कर्मचारी संगठन एटक ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि वे गैर-अंशदायी पेंशन योजना यानी ओपीएस की बहाली के लिए सरकारी कर्मचारियों की मांग को स्वीकार करें और बढ़ती महंगाई (Dearness)को देखते हुए तुरंत 8 वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन करें। कर्मचारी संगठन ने इस बात को भी दोहराया कि एटक अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सभी आंदोलनात्मक कार्यक्रमों का समर्थन करना जारी रखेगा।


इस मुद्दे पर नहीं हो सकी पीएम से बैठक


केंद्रीय कर्मचारी संगठन एटक ने कहा है कि 2015 के बाद कभी ओपीएस (OPS) के मुद्दे पर पीएम मोदी के साथ मीटिंग नहीं हुई है। काफी लंबा समय बीत जाने पर 11 साल के बाद भी पीएम ने इस मुद्दे पर कभी चर्चा नहीं की। ऐसे में यह अनदेखी ही कही जा सकती है। इससे कर्मचारियों में रोष है। एटक ने कहा है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली अनिवार्य आईएलसी बैठक 2015 के बाद भी कभी नहीं हुई है।
 

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