Pension Rules: सरकारी कर्मचारियों की पेंशन के नियमों में बदलाव, सरकार ने जारी किया फरमान
Pension Rules: अगर आप कर्मचारी है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल हाल ही में आए एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि सरकारी कर्मचारियों की पेंशन के नियमों में बदलाव किया गया है। जिससे जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है... तो चलिए आइए जान लेते है नीचे इस खबर में।

My job alarm- Family Pension Rules: सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन से जुड़ा महत्वपूर्ण अपडेट आया है। पेंशनभोगी कल्याण विभाग (Pensioners Welfare Department) ने नए नियम के तहत पेंशन के लिए पात्र परिवार के सदस्यों की लिस्ट से बेटी का नाम हटाने की अनुमति नहीं दी है। इसके अलावा, विभाग ने एक्स्ट्राऑर्डिनरी पेंशन (EOP) के अंतर्गत मिल रहे सभी रिटायरमेंट बेनिफिट को शीघ्र और सख्ती से जारी करने के निर्देश भी दिए हैं।
बेटी का नाम होना जरूरी-
सरकारी कर्मचारी अक्सर अपनी पेंशन में बेटी का नाम शामिल नहीं करते। इस संबंध में पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया है कि पेंशन फॉर्मेट में बेटी को परिवार का सदस्य माना जाएगा। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार, अविवाहित, विवाहित और विधवा बेटियों के नाम को परिवार के सदस्यों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। बता दें कि केवल सौतेली और गोद ली गई बेटियां (Step and adopted daughters) इस श्रेणी से बाहर हैं।
किसका अधिकार पहला?
अब सवाल ये उठता है कि आखिर पेंशन पर पहला अधिकार किसका होता है? आपको बता दें कि अगर घर में कोई बच्चा विकलांग (Handicap) है, तो उसको पेंशन लेने का पहला अधिकार दिय़ा जाएगा। इसके अलावा बेटी (मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित के अलावा) को तब तक मिल सकती है जब तक वह शादी नहीं कर लेती है या आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो जाती।
पेंशन की उम्र (pension age) की बात की जाए तो 25 साल से ज्यादा की अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा बेटियां पारिवारिक पेंशन (pension benefits) ले सकती हैं। इसकी शर्त ये है कि परिवार के बाकी सभी बच्चे 25 साल से ज्यादा के हों और उनके पास कमाई का कोई जरिया होना चाहिए।
क्या है फैमिली पेंशन?
सरकारी कर्मचारी की मृत्यु पर उसके परिवार को फैमिली पेंशन (family pension) दी जाती है। कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों का नाम पेंशन में शामिल करता है, ताकि उसकी मौत के बाद परिवार को निरंतर आर्थिक सहायता मिल सके।