Loan : किसानों की हो गई मौज, बिना किसी गारंटी के 7 फीसदी ब्याज पर सरकार देगी लोन
My job alarm - e-Kisan Upaj Nidhi yojna : किसानों के हित के लिए सरकार लगातार कार्यरत है। किसानों को सुविधाएं (facilities of loan for farmers) प्रदान करने में सरकार कभी पीछे नही हटती है। अभी सरकार की ओर से किसानों को अलग-अलग स्कीमों और योजनाओं के तहत लोन की सुविधा (loan facilitiy to farmers) प्रदान की जा रही है।
'ई-किसान उपज निधि' भी इनमें से एक है। सरकार की इस स्कीम के तहत किसान वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (Warehousing Development and Regulatory Authority) के पास रजिस्टर्ड गोदामों में अपनी फसल रखकर लोन सकते हैं। उन्हें अलग से कुछ भी गिरवी रखे बिना 7 फीसदी ब्याज पर आसानी से लोन मिलेगा। आइए जानते हैं किसान इस योजना का फायदा (e-Kisan Upaj Nidhi yojna) कैसे उठा सकते हैं।
अगर आप नही जानते है तो आपकी जनकारी के लिए बता दें कि डब्लूडीआरए (WDRA) के तहत गोदामों की अच्छी तरह से निगरानी की जाती है, इनकी स्थिति बहुत अच्छी है और ये इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित हैं, जो कृषि उपज को अच्छी हालत में रखते हैं तथा खराब नहीं होने देते और इस तरह ये किसानों के कल्याण को बढ़ावा (how to promote the welfare of farmers) देते हैं।
जानिए कैसे मिलेगा लोन
अगर किसान लोन लेना चाहते है तो किसान अपनी फसल को WDRA से रजिस्टर्ड गोदामों में जमा (Farmers deposit their crops in WDRA) करके लोन पा सकेंगे। किसान बिना कुछ गिरवी रखे 7 फीसदी ब्याज पर लोन ले सकेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि इन गोदामों में किसानों को पहले अपनी उपज का भंडारण करने के लिए 3 फीसदी सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि का भुगतान करना पड़ता था, अब केवल 1 फीसदी सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि के भुगतान (Payment of security deposit amount) करने की जरूरत होगी।
ये है ई-किसान उपज निधि के 5 फायदे (5 benefits of e-Kisan Produce Fund)
- इससे किसानों की भंडारण और तत्काल धन मिलने संबंधी समस्याओं का समाधान होगा।
- किसान उपज को वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA loan facility) पंजीकृत गोदामों में जमा करके लोन प्राप्त कर सकेंगे।
- किसान बिना कुछ गिरवी रखे 7% ब्याज पर लोन प्राप्त (interest on loan) कर सकेंगे।
- इससे किसानों के लिए भंडारण रसद आसाना हो जाएगी और उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित होगा।
- किसानों को फसल कटाई के बाद बेहतर भंडारण के अवसर मिल सकेंगे।
- इसके अलावा 'ई-किसान उपज निधि' (e-Kisan Upaj Nidhi yojna) और ई-एनएएम (e-NAM) के साथ, किसान एक इंटरकनेक्टिड मार्केट की प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सक्षम होंगे, जो उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर या उससे ज्यादा दाम पर अपनी उपज को सरकार को बेचने का फायदा पहुंचाती है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में एमएसपी के जरिए सरकारी खरीद 2.5 गुना बढ़ी है। सरकारी खरीद से किसानों को भी लाभ पहुंचा है।