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Loan EMI : लोन नहीं भरने वालों के लिए जरूरी खबर, इन 5 तरीकों से दूर कर सकते हैं टेंशन

Loan EMI : आज के समय में लोन के काम चलना मुश्किल है इसी के चलते अनेकों लोगों को किसी न किसी समय लोन की जरूरत पड जाती हैं। जैसे कि पर्सनल लोन, व्हीकल लोन या होम लोन आम आदमी की जरूरतों का हिस्सा होते हैं। लेकिन लोन लेने के बाद उसे चुकाने के समय में कईं बार लोगों (Loan EMI Guidelines) की हालात खराब हो जाती हैं। जिसके चलते आम आदमी को रिकवरी एजेंटों की मनमानी भी झेलनी पड़ती हैं। बता दें कि अगर आप ये आसान तरीके अपनाते हैं तो आप लोन की समस्या से राहत पा सकते हैं...
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Loan EMI : लोन नहीं भरने वालों के लिए जरूरी खबर, इन 5 तरीकों से दूर कर सकते हैं टेंशन

My job alarm - (Loan EMI) अपनी अनेकों जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्सर लोन का सहारा ले लिया जाता हैं। लेकिन इसके बाद जब किस्तों में लोन चुकाने की बारी आती हैं तो कईं बार ऐसी स्थिति होती हैं कि लोग समय पर लोन (Equated Monthly Instalment) नहीं चुका पाते हैं। जिसके चलते रिकवरी एजेंट घर या ऑफिस आ जाते हैं और लोन लेने वाले शख्स को परेशान करते हैं। बता दें कि ऐसी परेशानियां सबसे ज्यादा पर्सनल लोन के मामले में आती हैं। क्योंकि यह अनसिक्योर्ड लोन होता है जिस पर ज्यादा ब्याज देनी होती है।

अगर आप लोना समय (loan settlement) पर नहीं चुका पाते हैं तो पहले तो बैक द्वारा उस पर ब्याज लगाया जाता हैं। इसके साथ रिकवरी एजेंटों द्वारा परेशान भी किया जाता हैं। अगर आप भी कोई लोन ले चुके हैं या फिर लेने की सलाह कर रहे हैं तो आपको भी इन परेशानियों का सामना करना पड सकता हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि रिजर्व बैंक के मुताबिक लोन लेने वाले शख्स के भी कुछ अधिकार होते हैं।

 

1. बैंक में बात करें


अगर आपके साथ कोई ऐसी स्थिति बन जाती हैं कि आप लोन चुकाने की हालात में नहीं हैं तो सबसे पहले आपको उस बैंक में बात करनी चाहिए जहां से आपने लोन लिया हैं। लोन अगर NBFC कंपनी जैसे Bajaj Finserv, Tata Capital, Kreditbee, Navi Finserv आदि से लिया है तो इनके भी कस्टमर केयर (Personal Loan Guidelines) नंबर पर बात करें और बताएं कि आपकी समस्याएं क्या हैं जिसके चलते आप समय पर ईएमआई नहीं पा रहे हैं। बेहतर होगा कि अपनी समस्या लिखित में बताएं ताकि आपके पास उसका प्रूफ भी रहे। इसके लिए ईमेल करना अच्छा ऑप्शन हो सकता है।

 

2. बची रकम रीस्ट्रक्चर कराएं


आप बैंक से बात करके लोन की बची रकम को (loan balance transfer calculator) रीस्ट्रक्चर करवा सकते हैं। इससे लोन की EMI कम हो जाती है। हालांकि लोन चुकाने का कुल समय बढ़ जाता है। लोन की बची रकम को रीस्ट्रक्चर करवाने से बैंक को भी फायदा होता है क्योंकि उन्हें पहले के मुकाबले ज्यादा रकम मिलती है। आपकी परेशानी (RBI Guidelines) को इस मामले में बैंकों द्वारा आसानी से समझा जा सकता हैं। 

 

3. जुर्माना हटवाने के लिए कहें


किसी भी बैंक से लोन लेने पर आपको आमतौर पर ब्याज देना ही होता हैं लेकिन यदि लोन की EMI चुकाने में 2-3 महीने से ज्यादा (loan balance transfer process) का समय हो जाए तो बैंक का जुर्माना काफी हो जाता है। इतने समय में अगर आपके पास फंड का इंतजाम हो जाता है तो बैंक से जुर्माना हटाने के लिए कह सकते हैं। ज्यादातर बैंक यह जुर्माना हटा भी देते हैं।

 

4. बैलेंस ट्रांसफर करवाएं


हां, किस्त नहीं चुका पाने पर बैलेंस ट्रांसफ़र कराया जा सकता है। बैलेंस ट्रांसफ़र करने का मतलब है कि मौजूदा लोन की बकाया रकम को किसी और ऋणदाता को देना। नए ऋणदाता, मौजूदा लोन का भुगतान करता है और आप उससे नई दर पर लोन लेते हैं। बैलेंस ट्रांसफ़र करने से, ब्याज़ शुल्क कम होता है और लोन (loan settlement RBI Guideline) चुकाने की शर्तें भी बेहतर हो सकती हैं। इससे पहले वाले बैंक की बची रकम का डिमांड ड्राफ्ट (DD) दे दिया जाता है और बाकी की रकम बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है। इससे आप आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकते हैं। हालांकि इस स्थिति में लोन की EMI बढ़ जाती है।

 

5. लोन का सेटलमेंट कराएं


अगर आप लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ हैं और बहुत ज्यादा रकम पास में नहीं है तो आप (what is balance transfer) बैंकसे लोन का सेटलमेंट करने के लिए भी कह सकते हैं। इसम प्रक्रिया में बैंक लोन की बाकी बची पूरी रकम को नहीं लेते बल्कि शेष रकम का कुछ हिस्सा ही लेकर लोन को बंद कर देते हैं। रकम कितनी चुकानी होगी, यह लोन लेने वाले और बैंक के बीच बातचीत पर निर्भर करता है। कई बार शेष रकम का मात्र 15 फीसदी में भी सेटलमेंट हो जाता है। सेटलमेंट कराने से सिबिल स्कोर खराब हो जाता है।

 

पुलिस में करें शिकायत


लोन न चुका पाने पर अगर रिकवरी एजेंट परेशान करें तो इसकी शिकायत पुलिस से करें। कोई भी बैंक या रिकवरी एजेंट (balance transfer processing fee) सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक ही कॉल कर सकता है या घर/ऑफिस आ सकता है। कोई एजेंट धमकी नहीं दे सकता। अगर ऐसा करे तो इसकी शिकायत बैंक या पुलिस से करें।
 

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