Indian Currency : 1 रुपये के नोट पर क्यों नहीं लिखा होता RBI, आप भी नहीं जानते होंगे कारण
Indian Currency : भारतीय मुद्रा का इतिहास दिलचस्प और काफी पुराना है. भारतीय करेंसी (Indian Currency) को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल जवाब होते है. इसी कड़ी में लोगों का ये सवाल है कि आखिर एक रुपये के नोट पर RBI क्यों नहीं लिखा होता... ऐसे में अगर आप भी इसी सवाल से जुड़ा जवाब जानना चाहते है तो चलिए आइए जान लेते है इस खबर में.
My job alarm - भारतीय मुद्रा का इतिहास दिलचस्प और काफी पुराना है. मौजूदा समय में अपने देश में भारतीय मुद्रा का संचालन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) करता है. चाहे वह धातु के सिक्के हों या फिर कागज के नोट सभी को RBI ही जारी करता है. भारतीय मुद्रा के नोटों पर भारतीय रिजर्व बैंक लिखा होता है और उस नोट को जारी करने वाले गवर्नर के हस्ताक्षर भी होते हैं...
RBI गवर्नर के हस्ताक्षर नहीं होते 1 रुपये के नोट पर-
माैजूदा समय में नोट के रूप में एक रुपया सबसे छोटी करेंसी है. एक रुपये के नोट को भारतीय रिजर्व बैंक जारी नहीं करता है. इसे भारत सरकार जारी करती है. यही वजह है कि एक रुपये के नोट पर आरबीआई के गवर्नर का हस्ताक्षर नहीं होता. एक रुपये के नोट पर वित्त सचिव का हस्ताक्षर होता है.
कब जारी हुआ था 1 रुपये का पहला नोट-
एक रुपये के पहले नोट की प्रिटिंग 30 नवंबर, 1917 को हुआ था. पहले नोट पर किंग जॉर्ज पंचम की तस्वीर थी. साल 1926 में पहली बार एक रुपये के नोट की छपाई बंद हो गई थी. इसे 1940 में फिर से शुरू किया गया. इसके बाद सा 1994 में एक रुपये के नोट की छपाई फिर से बंद कर दी गई. साल 2015 में दोबारा इसकी शुरुआत हुई.
कब हुई RBI की स्थापना-
बता दें कि आरबीआई की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक एक्ट, 1934 के प्रोविजन के मुताबिक, 1 अप्रैल, 1935 को हुई. रिजर्व बैंक का सेंट्रल ऑफिस (Reserve Bank Central Office) प्रारंभ में कोलकाता में स्थापित किया गया था, जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में ट्रांसफर किया गया.
भारतीय करेंसी का प्रतीक क्या है?
RBI की वेबसाइट के मुताबिक, भारतीय करेंसी का नाम भारतीय रुपया (INR) है. भारतीय रुपये का प्रतीक “₹” है. यह डिजाइन देवनागरी अक्षर “₹” (र) और लैटिन के बड़े “आर/R” अक्षर के समान है जिसमें टॉप पर दोहरी क्षैतिज रेखा है.