Indian Currency : भारत में इन 4 जगहों पर छपते हैं नोट, जानिए कहां से आती है कागज-स्याही
Indian Currency : अक्सर कई लोगों के मन में ये सवाल होता है कि नोट छापने वाली स्याही और कागज कहां से आता है. देश में नोट कहां-कहां छपते हैं? ऐसे में आइए नीचे खबर में जान लेते है कि आखिर देश में किन चार जगहों पर नोट छापे (Indian Currency) जाते है और कहां से आती है कागज-स्याही.
My job alarm - Indian Currency : अक्सर कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि देश में नोट और सिक्के कहां छापे व बनाए जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि भारत में नोट कहां-कहां छपते हैं और इसके लिए स्याही कहां से आती है. दरअसल, भारतीय करेंसी (Indian Currency) छापने का काम भारत सरकार और आरबीआई (Reserve Bank Of India) का होता है. जिसके लिए देशभर में चार प्रिंटिंग प्रेस हैं. यहीं पर नोट छापे जाते हैं और भारतीय करेंसी के सिक्के भी चार मिंट में बनाए जाते हैं.
देश में यहां छपते हैं नोट-
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में नोट छापने के उद्देश्य से साल 1926 में महाराष्ट्र के नासिक में एक प्रिंटिंग प्रेस शुरू की गई थी. जिसमें 10, 100 और 1000 के नोट छापने का काम शुरु किया गया था. हालांकि, तब भी कुछ नोट इंग्लैंड से मंगाए जाते थे. साल 1947 तक नोट छापने के लिए सिर्फ नासिक प्रेस ही कार्यरत थी. उसके बाद साल 1975 में मध्यप्रदेश के देवास में देश की दूसरी प्रेस शुरू की गई और 1997 तक इन दोनों प्रेस से नोट छापे जा रहे थे.
चार जगह छपते हैं नोट-
देश में चार जगहों पर नासिक, देवास, मैसूर व सालबोनी (प. बंगाल) में नोट छपाई का काम किया जाता है. देवास की बैंक नोट प्रेस (Bank Note Press of Dewas) और नासिक की करेंसी नोट प्रेस वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Security Printing and Minting Corporation of India) के नेतृत्व में काम करते हैं.
कहां से आता है पेपर?
भारतीय मुद्रा के नोट में इस्तेमाल होने वाला ज्यादातर पेपर जर्मनी (Germany), यूके और जापान (japan) से आयात किया जाता है. RBI अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय मुद्रा के 80 प्रतिशत नोट विदेश से आने वाले कागज पर ही छपते हैं. वैसे भारत के पास भी एक पेपर मिल सिक्योरिटी पेपर मिल (होशंगाबाद) है. जो नोट और स्टांप के लिए पेपर बनान का काम करती है. वहीं, नोटों में लगने वाली स्पेशल स्याही स्विजरलैंड की कंपनी SICPA से मंगाई जाती है.
भारत में भी लगी स्याही बनाने वाली यूनिट-
हालांकि, कर्नाटक के मैसूर में भी केंद्रीय बैंक (central Bank) की सब्सिडियरी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (BRBNMPL) की स्याही बनाने वाली यूनिट वर्णिका (Vernika) की स्थापना की गयी है. जिसका उद्देश्य देश को नोट छापने के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है.