My job alarm

बिना बताए India Post ने बंद कर दी ये सर्विस, अब इस तरह कटेगी जेब

India Post - हाल ही में आए एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि भारतीय डाक विभाग ने बिना पूर्व सूचना के रजिस्टर्ड बुक पोस्ट सेवा को बंद (Registered book post service closed) कर दिया है, जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। ऐसे में आइए नीचे खबर में जान लेते है इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी-

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बिना बताए India Post ने बंद कर दी ये सर्विस, अब इस तरह कटेगी जेब

My job alarm - (India Post Book Post Service) भारतीय डाक विभाग ने बिना पूर्व सूचना के रजिस्टर्ड बुक पोस्ट सेवा को बंद (Registered book post service closed) कर दिया है, जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। यह कदम तब सामने आया जब लोग इस सेवा का उपयोग करने के लिए पोस्ट ऑफिस गए। इससे किताबें भेजने की लागत में वृद्धि हो गई है, क्योंकि अब लोग अन्य महंगे विकल्पों का सहारा लेने के लिए मजबूर हैं। (Post Office)

इसलिए हुई थी शुरुआत-

कूरियर सेवाओं के विस्तृतीकरण के बावजूद, डाक विभाग पर भरोसा करने वालों की संख्या अभी भी काफी है। इसकी मुख्य वजह है किफायती दरें। निजी कूरियर कंपनियों की तुलना में, पोस्ट ऑफिस से डाक भेजना (Sending mail from the post office) अब भी अधिक सस्ता है। 'बुक पोस्ट सर्विस' की शुरुआत का उद्देश्य व्यक्तिगत प्रकाशकों और पुस्तक प्रेमियों को सस्ती दरों में किताबें भेजने की सुविधा प्रदान करना था।

यह सेवा पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प थी, जिससे वे कम लागत में साहित्य का आनंद ले सकते थे। हालांकि, डाक विभाग ने इस महत्वपूर्ण सेवा को बंद कर दिया है, जिससे पुस्तक प्रेमियों के लिए एक अच्छा विकल्प खत्म हो गया है। इससे कई लोग निराश हैं, क्योंकि अब उन्हें अन्य महंगी सेवाओं का सहारा लेना पड़ेगा।

कोई कारण नहीं बताया-

डाक विभाग ने रजिस्टर्ड बुक पोस्ट सेवा (Registered Book Post Service) बंद करने की कोई पूर्व सूचना नहीं दी है और इसके पीछे का कारण भी स्पष्ट नहीं किया है। इस निर्णय ने निजीकरण के प्रति आशंका को बढ़ा दिया है। देशभर के व्यक्तिगत प्रकाशक इस कदम की आलोचना कर रहे हैं, उनका मानना है कि इस सेवा के बंद होने से किताबें भेजने की लागत में वृद्धि होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम संभवतः पढ़ाई और ज्ञान के वितरण पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा, जो अंततः समाज को प्रभावित करेगा।

कितना होता था खर्चा?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया पोस्ट (India Post) ने 18 दिसंबर को ही इस सर्विस को बंद कर दिया था, लेकिन इसकी जानकारी लोगों को तब लगी जब वे पोस्ट ऑफिस पहुंचे। इस सेवा से स्वतंत्र पुस्तक प्रकाशकों को अपने ग्राहकों को नाममात्र डाक शुल्क पर किताबें भेजने में मदद मिलती थी। लेकिन अब उनकी लागत बढ़ जाएगी। RBP के तहत पूरे भारत में कहीं भी 200 पन्नों की किताब लगभग 20-25 रुपये में भेजी जा सकती थी।

अब बचे हैं महंगे विकल्प-

इस सेवा के बंद होने के बाद पुस्तक प्रेमियों और प्रकाशकों को स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड पोस्ट या फिर दूसरे विकल्पों पर विचार करना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड पोस्ट RBP के मुकाबले महंगे पड़ेंगे। खासकर वजन के हिसाब से उनकी दरें एकदम से ज्यादा हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में पब्लिशर्स (Publishers) को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी और वह इसका कुछ हिस्सा ग्राहकों से वसूलेंगे। कुल मिलाकर इससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे।

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