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Income Tax Rules on Gold : दिवाली पर सोना खरीदने से पहले जान लें इनकम टैक्स के नियम

Tax Rules on Gold : पूरे सालभर में अधिकतर लोग दिवाली के मौके पर ही सोने की खरीददारी करते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि अधिकतर लोग धनतेरस के दिन सोना खरीदने को शुभ मानते हैं। इसके अलावा अब सोने को निवेश व रिटर्न के लिए भी खरीदा जाने लगा है। जमीन की तरह ही सोने में निवेश (Gold par tax rules)को सुरक्षित और शानदार रिटर्न का विकल्प समझा जाता है। यह काफी हद तक सही भी है। बता दें कि सोने की खरीददारी कई तरह से की जाती है। हर तरह की खरीददारी पर टैक्स के अलग नियम हैं। इसके अलावा दिवाली पर सोना गिफ्ट (sona gift me lene par kitna tax lgega)में देने का ट्रेंड भी है। गिफ्ट लेने पर भी आपको टैक्स चुकाना पड़ सकता है, आइये जानते हैं इस संबंध में पूरी डिटेल इस खबर में।

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Income Tax Rules on Gold : दिवाली पर सोना खरीदने से पहले जान लें इनकम टैक्स के नियम

My job alarm - (Gold tax rules) दिवाली जैसे त्योहारों पर सोना खरीदने की परंपरा भारत में शुरू से ही रही है। धनतेरस के दिन भी लोग गहने खरीदते हैं। आजकल दिवाली व धनतेरस पर अधिकतर लोग सोने की खरीददारी को शुभ मानने के साथ-साथ अपनी बचत के हिस्से का सही व सुरक्षित निवेश (Gold Investment on Dhanteras)भी मानते हैं। यही कारण है कि इन त्योहारों पर सोने के गहने खरीदने के अलावा डिजिटल गोल्ड, पेपर गोल्ड, गोल्‍ड बॉन्‍ड और गोल्‍ड ईटीएफ जैसे विकल्पों की ओर भी लोग रुझान दिखाने लगे हैं। सोना खरीदने के इन सभी विकल्पों पर टैक्स के नियम भी अलग-अलग हैं।

 


फिजिकल गोल्ड पर इतना देना पड़ता है इनकम टैक्स 

 


फिजिकल गोल्ड और डिजिटल गोल्ड पर भी सरकार ने इनकम टैक्स के नियम लागू किए हुए हैं। फिजिकल गोल्ड में निवेश का अर्थ गहने या सोने के बिस्कुट, सोने के सिक्के खरीदने से है। अधिकतर लोग भारत में फिजिकल गोल्ड ही खरीदते हैं और ट्रेंड व परंपरा भी  यही रही है। इस तरह के गोल्ड पर लांग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) के अनुसार टैक्स देना पड़ता है।  फिजिकल गोल्ड पर लगने वाला टैक्स 20.8 प्रतिशत निर्धारित है। 

डिजिटल गोल्ड पर भी लगता है इनकम टैक्स


डिजिटल गोल्ड (digital gold) वह होता है जो आप ऑनलाइन खरीदते हैं। डिजिटल गोल्ड सुरक्षा के लिहाज से सही रहता है।  यह डिजिटल वॉलेट में सेफ रहता है। समय-समय पर जरूरत अनुसार आप इसकी खरीद फरोख्त फिजिकल यानी घर पर रखे गोल्ड की तरह ही कर सकते हैं। अगर आप इसे फिजिकल गोल्ड (sone par kitna tax dena padta hai)में चेंज करके अपने घर या बैंक लॉकर में रखना चाहते हैं तो इसे एक्स्ट्रा चार्ज देकर  फिजिकल गोल्ड(physical gold) में बदल सकते हैं। इस पर इनकम टैक्स फिजिकल गोल्ड की तरह ही लगता है। यह 20.8 फीसदी टैक्स के दायरे में आता है।  आरबीआई या सेबी  निवेश के इस विकल्प को रेगुलेट नहीं करते, न ही उनके पास यह अधिकार है।

पेपर गोल्ड क्या है और कितना लगता है टैक्स?


सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि पेपर गोल्ड (paper gold kya hota hai)होता क्या है। पेपर गोल्ड में म्यूचुअल फंड, ईटीएफ, सॉवरेन बॉन्ड आदि शामिल हैं। ईटीएफ या म्यूचुअल फंड बेचकर जो आय आपको होती है वह कैपिटल गेंस मानी जाती है। तीन साल बाद इस तरह के पेपर गोल्ड को बेचते हैं तो इसे लांग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) माना जाएगा और टैक्स देना पड़ेगा। इस पर इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार 20.8 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। यह व्यवस्था इनकम टैक्स स्लैब से अलग होती है। अगर 3 साल से कम समय में बेचने पर आय हुई है तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस की कैटेगरी में रखा जाता है। STCG (short term capital gains)के मामले में टैक्स हमेशा इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार देना पड़ता है। 


दूसरों से इतना सोना लेने पर लगेगा टैक्स


भारत में त्योहारों व अन्य खास अवसरों पर गिफ्ट देने का भी ट्रेंड है। लोग दिवाली के साथ-साथ धनतेरस जैसे मौकों पर भी अपने रिश्तेदारों या फिर खास दोस्तों को सोना या गहने उपहार में देते हैं। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56(2) के अनुसार बता दें कि अगर कोई अपने माता-पिता, पति-पत्नी या बच्चों को सोने के गहने गिफ्ट में देता है तो इस पर इनकम टैक्स नहीं लगता है। इसे ब्लड रिलेशन में गिफ्ट (gift me sona lene par kya hoga) देने की बात से भी समझा जा सकता है। दूसरी ओर अगर आप रिश्तेदारों के अलावा किसी थर्ड पर्सन या परिचित से 50,000 रुपये से अधिक कीमत का सोना गिफ्ट में लेते हैं तो आपको टैक्स देना पड़ेगा। 

शादी में मिले सोने पर टैक्स?


सीधे शब्दों में इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि अगर आपको परिजन या रिश्तेदारों से विरासत में या उपहार में सोना या सोने के गहने मिल रहे हैं तो इनकम टैक्स नहीं लगेगा, अन्य से 50 हजार से ज्यादा का सोना लिया तो टैक्स लगेगा। दोस्तों या अन्य  से सोना लेने पर इसे अन्य सोर्स से होने वाली आय की श्रेणी (gift me sona lene par kitna tax dena hoga) में रखा जाता है, इसलिए टैक्स भी लगता है। खुद की शादी में मिले सोने के गहनों पर भी टैक्स नहीं लगता। जब आप शादी में उपहार में मिले इस सोने को बेचेंगे तो सरकार कैपिटल गेंस की दर से टैक्स लेगी।

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