Income Tax : टैक्सपेयर्स के लिए गुड न्यूज, इनकम टैक्स विभाग ने नियमों में किया बदलाव
Income tax new rules : करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, हाल ही में वित्त मंत्रालय ने आईटी नियमों में बदलाव किया है। जिससे सैलरीड एंप्लॉयीज को राहत मिलेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 15 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन के जरिए CBDT ने इनकम टैक्स रूल्स 1962 में संशोधन किया है। आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं आईटी नियमों में बदलाव से टैक्सपेयर्स को क्या क्या लाभ मिलेगा।
My job alarm - सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ (CBDT) ने हाल ही में करदाताओं के लिए राहत भरे कुछ नए नियम जारी किए हैं, जिससे इनकम टैक्स (income tax) से जुड़े प्रावधानों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव खासतौर पर सैलरीड एंप्लॉयीज (वेतनभोगी कर्मचारियों) और नाबालिग करदाताओं के लिए किए गए हैं, ताकि वे आसानी से टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स (TDS) और टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स (TCS) का क्रेडिट क्लेम कर सकें। इन नए नियमों के चलते न सिर्फ करदाता, बल्कि उनके पैरंट्स और अन्य संबंधित लोग भी अधिक सुविधाजनक तरीके से टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा सकेंगे।
सैलरीड एंप्लॉयीज के लिए TDS और TCS क्रेडिट की सुविधा
CBDT ने फाइनैंस एक्ट 2024 के तहत, इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 192(2B) में संशोधन किया है। इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए TDS या TCS के तहत पहले से कट चुके टैक्स का क्रेडिट क्लेम करना आसान बनाना है। इस बदलाव के बाद, सैलरीड एंप्लॉयीज को अपने एंप्लॉयर (नियोक्ता) को इस बारे में जानकारी देनी होगी कि उनके ऊपर कौन सा टैक्स काटा गया है और वे उसका क्रेडिट कैसे लेना चाहते हैं। एंप्लॉयर उस जानकारी के आधार पर ही सैलरी से TDS की कटौती करेगा।
इस प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए सरकार ने फॉर्म 12BAA पेश किया है, जिसे कर्मचारी को अपने एंप्लॉयर को भरकर देना होगा। यह फॉर्म सेक्शन 192(2B) के तहत जरूरी जानकारी का प्रिस्क्राइब्ड स्टेटमेंट है, जो कर्मचारी के लिए टैक्स की सही कटौती सुनिश्चित करेगा। इसके जरिए टैक्स क्रेडिट की प्रक्रिया (Tax Credit Process) को सरल बनाया गया है और कर्मचारियों को यह सहूलियत मिलेगी कि उन्हें किसी अन्य जगह जाकर इस प्रक्रिया को पूरा नहीं करना पड़ेगा।
इसके अलावा किसी खास खर्च पर चुकाए गए टैक्स के लिए TCS का क्रेडिट खर्च करने वाले व्यक्ति के बजाय दूसरे व्यक्ति को क्लेम करने की इजाजत देने वाला बदलाव भी किया गया है। इससे ऐसे नाबालिग कलेक्टी के मामले में पैरंट TCS क्रेडिट क्लेम (credit claim) कर सकेंगे, जिनकी इनकम पैरंट के साथ जोड़ी जाती हो। फाइनैंस मिनिस्ट्री के बयान में कहा गया कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 2060 के सब-सेक्शन 4 को संशोधित किया गया है, जिससे कलेक्टी के अलावा दूसरे व्यक्ति को TCS क्रेडिट किया जा सके।
TCS क्रेडिट के लिए कैसे करें आवेदन
TCS क्रेडिट क्लेम करने की प्रक्रिया को और स्पष्ट बनाने के लिए सरकार ने एक डिक्लेरेशन (घोषणा पत्र) का प्रावधान रखा है। TCS का क्रेडिट क्लेम करने वाले व्यक्ति को बैंक या उस संस्थान के पास डिक्लेरेशन देना होगा, जिसने TCS कलेक्ट किया हो। इस डिक्लेरेशन में निम्नलिखित जानकारियां देनी होंगी:
वह व्यक्ति: जिसका PAN (Permanent Account Number) इस्तेमाल किया जा रहा है, उसके नाम, पता और PAN की जानकारी देनी होगी।
TCS की जानकारी: जिस पेमेंट के लिए क्रेडिट लिया जा रहा है, उसकी पूरी जानकारी भी डिक्लेरेशन में देनी होगी।
क्रेडिट का कारण: यह भी बताना होगा कि उस व्यक्ति को क्रेडिट क्यों दिया जा रहा है, ताकि प्रक्रिया स्पष्ट और पारदर्शी रहे।
इस तरह की प्रक्रिया से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि टैक्स क्रेडिट सही व्यक्ति के पास पहुंचे और कोई गलतफहमी या परेशानी न हो।
इनकम टैक्स कलेक्शन में इजाफा
पिछले 10 वर्षों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection) में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.60 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो कि पिछले दशक के मुकाबले 182% की बढ़ोतरी है। इसका मुख्य कारण यह है कि सरकार ने कर सुधारों के साथ-साथ टैक्सपेयर्स के लिए कई प्रोत्साहन दिए हैं, जिससे टैक्स देने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
पिछले 10 वर्षों में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 9.11 लाख करोड़ रुपये हो गया है, वहीं व्यक्तिगत इनकम टैक्स (Personal Income Tax) कलेक्शन लगभग 4 गुना बढ़कर 10.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि देश में टैक्स सिस्टम (tax system) को बेहतर और सरल बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स की संख्या भी बढ़ी है और कलेक्शन में भी बढ़ोतरी हुई है।