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FD में निवेश से पहले जान लें यह जरूरी बातें, नहीं तो पड़ जाएंगे लेने के देने

FD Investment risks :आज के समय में हर व्यक्ति अपनी आय का कुछ हिस्सा बचत के रूप में कहीं न कहीं निवेश करता है। देशभर में  बड़े पैमाने पर लोग अपने बचत के पैसों कई जगहों में निवेश करते हैं ताकि उनका पैसा सुरक्षित भी रहे और साथ ही उनको मोटा रिटर्न भी मिल सकें। वर्तमान में भी कई लोग बचत के पैसों को फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश करना पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें इन्वेस्टमेंट करने से आपको गारंटीड रिटर्न (fixed deposit) मिलता है। लेकिन इसमें भी कुछ जोखिम जुड़े होते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।

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FD में निवेश से पहले जान लें यह जरूरी बातें, नहीं तो पड़ जाएंगे लेने के देने

My job alarm - (FD Investment): अगर आप भी एफडी में निवेश का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर जाननी आपके लिए बेहद जरूरी है। वैसे तो आमतौर पर लोग एफडी में पैसा इन्वेस्ट भी करते हैं, और उन्हें अच्छा खासा रिटर्न भी मिलता है, लेकिन कई लोगों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में कोई अंदाजा (FD Investment)नहीं होता है। अगर आप भी एफडी कराने जा रहे हैं तो आज हम आपको FD निवेश के कुछ नुकसान के बारे में बताने वाले हैं। आइए जानते हैं।

 

बना रहता है डिफॉल्ट रिस्क-

 

वैसे तो एफडी में रकम सुरक्षित ही होती है, लेकिन आप सबसे पहले तो आप जान लें कि एफडी में निवेश से बैंक के डिफॉल्ट की संभावना कम होती है, लेकिन पूरी तरह  से खत्म नहीं होती है। इसके लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर देता है। अगर इससे ज्‍यादा निवेश आपने बैंक में कर रखा है तो वो पैसा डूब जाएगा। 

बाजार में ब्याज दरों में आता रहता है बदलाव-


जैसा कि आप जानते हैं कि FD में एक निश्चित दर पर ब्याज (FD Interest Rate) मिलता है। अगर बाजार में ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो आपका निवेश उस बढ़ी दर का लाभ नहीं ले सकता है। खासकर जिन लोगों ने  लंबे कार्यकाल वाली फिकस्ड डिपॉजिट करा रखी है वो इसका फायदा नहीं उठा सकते हैं।

बना रहता है मुद्रास्फीति का रिस्क-


इसके अलावा अगर एफडी की ब्याज दर मुद्रास्फीति दर से कम (fixed Deposit me investment ke nuksan) है, तो आपकी वास्तविक क्रय शक्ति घट जाती है क्योंकि वास्तविक रिटर्न की गणना मुद्रास्फीति को घटाकर तय की जाती है।

लिक्विटी का इश्यू-


अगर आप एफडी को समय से पहले तुड़वाते हैं तो इसके लिए आपको प्री-मैच्‍योर पेनल्टी देनी पड़ती है। एफडी (FD) में आपका पैसा लॉक हो जाता है। जरूरत पड़ने पर समय से पहले निकासी पर जुर्माना या कम ब्याज (FD liquidity challenges) दर मिलती है।

इस तरीके से घटा सकते हैं एफडी से जोखिम-


अगर आप एफडी के जोखिम को हटाना चाहते हैं तो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की अवधि, ब्याज दर, और अलग-अलग बैंकों में निवेश कर आप जोखिम से बचाव कर सकते हैं। आप एफडी में निवेश  से पहले इन बातों में विचार कर सकते हैं। इसके बाद ही अपनी वित्तीय योजना को संतुलित करें।

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