Noida और ग्रेटर नोएडा वालों के लिए जरूरी खबर, अब धड़ाधड़ सील होंगी प्रॉपर्टीज
Noida - नोएडा और ग्रेटर नोएडा वालों के लिए जरूरी खबर है। दरअसल आपको बता दें कि, एमनेस्टी स्कीम का फायदा नहीं उठाने वाले बिल्डर्स के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों ने ऐसे बिल्डर्स के खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू करने और उनकी संपत्ति जब्त करने का फैसला किया है... इस अपडेट से जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ लें।
My job alarm - नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों ने उन बिल्डर्स (Builders) के खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू करने और उनकी संपत्ति जब्त करने का फैसला किया है, जिन्होंने प्राधिकरणों को अपना बकाया चुकाने के लिए एमनेस्टी स्कीम (Amnesty Scheme) यानी माफी योजना का लाभ नहीं उठाया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि, अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में विकास प्राधिकरणों (Development Authorities in National Capital Region) ने डेवलपर्स को 31 अगस्त तक अपने बकाया बकाये का 25 प्रतिशत चुकाने और कुछ लाभों के साथ अतिरिक्त किसान मुआवजे (Additional farmer compensation) के लिए भुगतान करने का समय दिया था। हाल ही में, नोएडा प्राधिकरण ने ओमेक्स ग्रुप (Noida Authority has acquired Omaxe Group) की अनबिकी जमीन को सील कर दिया, क्योंकि कंपनी पर 457 करोड़ रुपये का बकाया था।
एमनेस्टी स्कीम के हिस्से के रूप में नोएडा में 22 डेवलपर्स ने प्राधिकरण को कुल बकाया राशि का 25% यानी ₹275 करोड़ का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है। इससे लगभग 2,500 फ्लैट घर खरीदारों के लिए फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डरों को पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा, अमिताभ कांत समिति की रिपोर्ट के अनुसार बकाया राशि का 25 प्रतिशत जमा नहीं करने वाले बिल्डरों को आवंटित भूमि रद्द कर दी जाएगी और उनके मामले आर्थिक अपराध शाखा को भेजे जाएंगे।
किसने चुकाया बकाया-
मिली जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा में 98 परियोजनाओं में से 13 बिल्डरों ने अपना बकाया चुका दिया है, जबकि 58 बिल्डरों ने बकाया राशि का 25 प्रतिशत जमा कर दिया है। प्रॉपर्टी डेवलपर्स पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरणों (Yamuna Expressway Authorities) का करीब 40 हजार करोड़ रुपये बकाया है।
इसमें आवंटित भूखंडों के लिए प्रीमियम, ब्याज और पेनल्टी शामिल है। ये प्रोजेक्ट्स अभी निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं। प्रस्ताव के अनुसार पॉलिसी का लाभ उठाने वाले बिल्डरों को खरीदारों से कोई अतिरिक्त ब्याज लेने की अनुमति नहीं होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार द्वारा प्रदान किया गया वित्तीय लाभ घर खरीदारों को दिया जाए।
एक स्वतंत्र चार्टर्ड अकाउंटेंट या कोई तीसरा पक्ष बिल्डर के बकाये की पुनर्गणना करेगा। इसके अतिरिक्त, बिल्डर को तीन साल का एक्सटेंशन देने के लिए कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा। जब डेवलपर्स राहत पैकेज के लिए सहमत हो जाते हैं, तो उन्हें बकाया राशि का 25 प्रतिशत जमा करना होगा और प्राधिकरण संपत्ति (authority property) को गिरवी रखने की अनुमति देगा ताकि बिल्डर परियोजना को पूरा करने के लिए आवश्यक धन जुटा सके।
प्राधिकरण ने कहा है कि राहत पैकेज उन परियोजनाओं पर लागू नहीं होगा जो स्पोर्ट्स सिटी योजना का हिस्सा हैं। साथ ही कमर्शियल (Commercial), इंस्टीट्यूशनल (Institutional) और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स (Industrial Projects) को भी इससे अलग रखा गया है।