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6 करोड़ PF खाताधारकों के लिए जरूरी खबर, EPFO ने नियमों में किया बदलाव

EPFO - देश के 6 करोड़ पीएफ खाताधारकों के लिए जरूरी खबर। दरअसल, देश में धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके चलते कर्मचारी भविष्य निधि संगठन  (EPFO) ने खातों को फ्रीज या डी-फ्रीज करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) जारी किया है। इस अपडेट से जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे...

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6 करोड़ PF खाताधारकों के लिए जरूरी खबर, EPFO ने नियमों में किया बदलाव

My job alarm - EPFO New Rules: एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने खातों को फ्रीज और डी-फ्रीज करने के लिए एसओपी जारी किया है। ईपीएफओ ने वेरिफेकेशन के लिए सदस्य आईडी, सार्वभौमिक खाता संख्या या प्रतिष्ठानों को फ्रीज करने के लिए नई समय सीमा तय की है। ईपीएफओ के इस कदम से पैसों की सुरक्षा, धोखाधड़ी और अनधिकृत निकासी को रोकने में मदद मिलेगी।

30 दिन में कराना होगा सत्यापन

ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation) ने किसी इंडीविजुअल या प्रतिष्ठान के अकाउंट के वेरिफिकेशन के लिए फ्रीज किए जाने वाले समय की लिमिट 30 दिन तक सेट कर दी है, जबकि इस समयसीमा को 14 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है.

EPF अकाउंट के फ्रीज होने का कया मतलब है?
फ्रीजिंग का मतलब कैटेगरीज को कई कामों को निष्क्रिय करना है
यूनिफाइड पोर्टल में लॉगिन करना (मेंबर/एंप्लॉयर)
नया UAN बनाना या MID को पहले से मौजूद UAN से लिंक करना
 मेंबर प्रोफाइल और केवाईसी/एम्प्लायर DSC में कोई भी एडिशन या बदलाव
 किसी एमआईडी में Appendix-E, वीडीआर स्पेशल, वीडीआर ट्रांसफर-इन आदि के माध्यम से कोई भी डिपॉजिट
 क्लेम का कोई सेटलमेंट/फंड ट्रांसफर या निकासी
एम्प्लायर/ऑथराइज्ड सिग्नटोरी के आधार/पैन/डीएससी के इस्तेमाल सहित समान पैन/जीएसटीएन आदि के आधार पर नए प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन.

डी-फ्रीजिंग होने का क्या मतलब है?
डी-फ्रीजिंग का मतलब है कि जिन कामों पर रोक लगाई गई है, उन्हें फिर से बहाल करना है और एक तय टाइम लिमिट में वैरिफिकेशन के बाद सही पाया जाना है.

पैसों की सुरक्षा EPFO की पहली प्राथमिकता-

EPFO के मुताबिक, उसकी पहली प्राथमिकता खातों में मौजूद पैसों की सुरक्षा करना है। अगर धोखाधड़ी की कोई संभावना दिखती है तो MID/UAN के संचालन पर रोक लगा दी जाएगी। बता दें कि EPFO से कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी पेंशन योजना और कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना जैसी योजनाओं के जरिए छह करोड़ से अधिक लोग जुड़े हुए हैं।

ईपीएफओ ने खातों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं। उसने सदस्य आईडी और यूएएन के लिए सत्यापन की कई परतें लागू की हैं। इसका मकसद संदिग्ध खातों या लेनदेन के संभावित मामलों की पहचान करना और डुप्लिकेट या धोखाधड़ी वाली निकासी को रोकना और पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

धोखाधड़ी की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करेगा EPFO-

ईपीएफओ का कहना है कि अगर अनियमितताओं या धोखाधड़ी की कोई शिकायत मिलती है तो वह इस पर तुरंत कार्रवाई करेगा। साथ ही ये भी कहा कि वह ऐसे मामलों में आपराधिक मुकदमा (Criminal prosecution) चलाने के लिए अधिकारियों को जानकारी देगा। इस दौरान जो खामी सामने आएगी, उसके लिए फील्ड कार्यालय के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

क्षेत्रीय कार्यालय करेगा धोखाधड़ी से निकाले गए पैसों की वसूली-

एसओपी के मुताबिक, धोखाधड़ी से निकाली गई राशि के मामले में, संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय राशि की मात्रा निर्धारित करेगा। क्षेत्रीय कार्यालय ही ब्याज के साथ पैसे की वसूली करेगा। इसके बाद जो राशि प्राप्त होगी, उसे सदस्य के खाते में फिर से जमा कर दिया जाएगा।

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