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500 रुपये का नोट छापना RBI को पड़ता है इतना महंगा, जानिये कितना आता है खर्च

RBI Guidelines for 500 rupees note : भारतीय रिजर्व बैंक सिर्फ 1 रुपये के नोट को छोड़कर सभी नोटों को छापता है। ऐसे में भारतीय मुद्रा को छापने के लिए सरकार को काफी खर्च (Indian Currency) भी करना पड़ता है। हर नोट का छपाई का खर्च अलग-अलग है। इस समय सबसे बड़ा नोट 500 रुपये का है। इस नोट को छापने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को दूसरे नोटों के बजाय अलग खर्च करना पड़ता है। आइये जानते हैं इस बारे में पूरी डिटेल।

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500 रुपये का नोट छापना RBI को पड़ता है इतना महंगा, जानिये कितना आता है खर्च

My job alarm - (500 rupees note update) भारत में रहने वाले हर व्यक्ति को देश में किसी भी चीज को खरीदने के लिए भारतीय मुद्रा की जरूरत पड़ती है। भारतीय मुद्रा को छापने के लिए सरकार और आरबीआई (reserve bank of india) को मोटा पैसा खर्च करना पड़ता है। जहां एक और देश भर में महंगाई का सिलसिला लगातार बढ़ता चला जा रहा है, वहीं दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक के लिए नोटों को छापना (500 ka ek Note chapne ka charch kitna hai) भी महंगा पड़ रहा है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि RBI को 500 रुपये का नोट छापने में कितना खर्च करना पड़ता है। 

सिक्‍के बनाने में आती है इतनी लागत


RBI को भारतीय मुद्रा को छापने के लिए अलग-अलग खर्च करना पड़ता है। ऐसे में अपको यह जानकर हैरानी होगी कि RBI को 500 रुपये को छापने में सबसे ज्यादा लागत लगती है। ये लागत 200 रुपये के नोट (RBI guidelines) की छपाई से कहीं ज्यादा है। वहीं अगर सिक्‍कों की ढलाई पर लगने वाले खर्च के बारे में बात करें तो इस पर लगने वाली लागत नोट छापने से कई गुना महंगी पड़ जाती है। फिर भी आरबीआई सिक्के इसलिए बनाता है क्योंकि इनकी लाइफ कागज के नोटों से ज्यादा होती है। कागज के नोट सिक्कों की बजाय जल्दी खराब होते हैं और उन्हें फिर से छापने में आरबीआई को दोबारा खर्च (note chapne par kitna kharch aata hai)उठाना पड़ता है। इस तरह से कागज के नोट छपाई खर्च में सिक्कों से भी महंगे पड़ जाते हैं।

इन जगहों पर होती है नोटों की छपाई 


सरकार व आरबीआई की ओर से करेंसी नोटों की छपाई के लिए कुछ विशेष जगह तय की गई हैं। नोट की छपाई (printing cost of indian currencies) देश के 4 प्रेस  में की जाती है। जिसमें से 2 प्रेस आरबीआई के अंतर्गत आती हैं तो वहीं बाकी प्रेस केंद्र सरकार के अंतर्गत कार्य करती हैं। आरबीआई की प्रेस (RBI Press kha hai) मैसूर और सालबोनी में स्थित है। वहीं केंद्र सरकार की प्रेस नासिक और देवास में स्थित है। 

10 रुपये के नोट को छापने में लगती है इतनी लागत


आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार नोटों की छपाई करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) को 10 रुपये के नोट को छापने में काफी लागत लगती है। एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में 10 रुपये के 2 हजार नोट छापने पर 1920 रुपये खर्च करने पड़े थे। जिसके अनुसार एक 10 रुपये के नोट को छापने के लिए RBI को 96 पैसे  करीब एक रुपया खर्च करना पड़ा था।

20 रुपये के नोट को छापने का खर्चा 


अगर 20 रुपये के नोट को छापने (Printing Cost of 20 rupees note) के लिए लगने वाली लागत के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक को 20 रुपये के दो हजार नोटों को छापने के लिए 1900 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जिसके मुताबिक 20 रुपये के एक नोट को छापने पर लगने वाली लागत 95 पैसे प्रति नोट है, यह भी करीब एक रुपया ही है। इस तरीके से 20 रुपये के 2 हजार नोट छापने से ज्‍यादा खर्च 10 रुपये (10 rupees printing Cost) के 2 हजार नोट छापने पर होता है। वहीं अगर 50 रुपये के नोट को छापने की लागत के बारे में बात करें तो RBI को 1 पचास रुपये का नोट छापने के लिए लगभग .14 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। 100 रुपये के नोट को छापने के लिए लगने वाली लागत 1.75 रुपये के करीब है। 

200 के नोट से ज्यादा महंगा पड़ता है 500 का नोट छापना


RBI को 200 रुपये का एक नोट छापने के लिए लगभग 2.37 रुपये खर्चने पड़ते हैं। वहीं 200 रुपये छापने के लिए लगने वाली लागत (200 rupees printing Cost) 500 के नोट से कम है। आरबीआई को 500 रुपये का नोट छापना सबसे महंगा पड़ रहा है। अगर 500 रुपये के नोट को छापने के लिए लगने वाली लागत (500 rupees printing Cost) के बारे में बात करें तो वो ढाई रूप से ज्यादा है, जो 2 रुपये 57 पैसे  है।

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