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Loan लेने के लिए कितना होना चाहिए CIBIL Score, आप जान लें ये जरूरी बात

CIBIL Score for loan : क्या आप जानते हैं कि लोन लेने के लिए आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score)अधिकतम कितना होना चाहिए। वैसे तो आपको बता दें कि लोन एप्लाकेशन कैंसिल होने के और भी कारण हो सकते है। इसलिए आइए नीचे खबर में जान लें लोन लेने के लिए किन किन चीजों का सही होना जरूरी है। साथ ही ये सभी जान लें कि कितना सिबिल स्कोर लोन लेने के लिए आवश्यक है। जानिए लोन लेने के लिए कितना CIBIL Score होनो चाहिए....
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Loan लेने के लिए कितना होना चाहिए CIBIL Score, आप जान लें ये जरूरी बात

My job alarm - (CIBIL Score for loan) : ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से आपका लोन आवेदन बैंक द्वारा रद्द किया जा सकता है। इसलिए जब भी आप लोन लेने जाएं तो पूरी तैयारी के साथ लोन के लिए आवेदन करें ताकि आपको लोन (Loan) मिलने में कोई परेशानी न हो। अब यहां सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि बैंक कुछ आवेदकों को लोन देने से मना क्यों कर देते हैं। अक्सर छोटी-छोटी गलतियों के कारण लोन आवेदन (reason of loan application rejection) रद्द हो जाता है, जैसे अगर आपके पते का सत्यापन अधूरा है तो लोन आवेदन खारिज हो सकता है.

  • Loan एप्लीकेशन रद्द होने का कारण:

आप बैंक में लोन के लिए आवेदन (How To Apply For Loan) करने जाते हैं और अगर बैंक आपको लोन देने से मना कर देता है तो आपको पता लगाना चाहिए कि इसके पीछे क्या वजह थी. आपके लोन आवेदन के खारिज होने का कारण जानना बहुत जरूरी है। कई बार बैंक छोटी-छोटी वजहों से लोन देने से मना कर देते हैं।

  • Loan रद्द होने की छोटी या गंभीर वजह का कारण:

आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि अगर आपका एड्रेस वेरिफिकेशन अधूरा रहता है, तब भी लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकता है। कई बार लोन रद्द करने के पीछे गंभीर कारण भी हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, खराब क्रेडिट रेटिंग (bad credit rating) के कारण बैंक आपका लोन आवेदन रद्द कर देते हैं।

  • क्या कम इनकम हो सकती है वजह:

 कई बार ऐसा भी देखा गया है कि जब बैंक को लगता है कि आपकी आय लोन चुकाने के लिए पर्याप्त नहीं है तो बैंक आपके लोन आवेदन (loan application process) की प्रक्रिया को टाल देते हैं। बैंक यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपके पास लोन चुकाने की क्षमता है या नहीं. इसलिए, बैंक आपकी आय और बैंक खाते के बारे में गहन जानकारी एकत्र करना चाहते हैं। जब तक आपकी आय बैंक द्वारा निर्धारित मानकों से मेल नहीं खाती, बैंक आपको ऋण देने से इनकार कर सकते हैं। इसलिए आपकी आय भी इसमें एक महत्वपूर्ण कारक है।

  • CIBIL Score खराब होना:

अधिकतर देखा गया है कि अक्सर लोन आवेदन खारिज होने का कारण कम सिबिल स्कोर होता है। सबसे पहले आपको बता दें कि सिबिल स्कोर 300-900 के बीच होता है और 750 सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है। ऐसे सिबिल स्कोर (CIBIL Score) से व्यक्ति को आसानी से लोन मिल सकता है।

CIBIL Score के मुताबिक 79 फीसदी बैंक लोन उन्हीं को दिया गया है जिनका स्कोर 750 से ऊपर होता है। इसी तरह कंपनियों के लिए कंपनीज क्रेडिट रिपोर्ट (Companies Credit Report) की रैकिंग 1 से 10 के बीच के स्केल के हिसाब से तय करता है। 1 नंबर वाली कंपनी का स्कोर सबसे बढ़िया माना जाता है।

  • CIBIL Score में कैसें करें सुधार:

अगर आपका लोन CIBIL स्कोर कम होने के कारण रिजेक्ट हो गया है तो सबसे पहले आपको अपना CIBIL स्कोर सुधारना होगा। सबसे पहले आपको क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से विस्तृत रिपोर्ट लेनी होगी. जब आपको अपनी विस्तृत क्रेडिट रिपोर्ट मिल जाए, तो उसका पूरा विवरण पढ़ें। इस बात की बड़ी संभावना रहती है कि आपकी क्रेडिट रेटिंग में गलती हो गई हो।

उदाहरण के लिए जो लोन आपने पहले ही चुका दिया है। कई बार वह सिबिल रिपोर्ट (credit report) में पेंडिग दिखा रहा हो। इसलिए अगर आप इस तरह की कमी पाते हैं तो क्रॉस चेक करें और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से ठीक करने के लिए कहें।

  • Loan रिजेक्ट होने पर करें दूसरे बैंक का चयन:

यह जरूरी नहीं है कि आप लोन के लिए सिर्फ एक ही बैंक पर निर्भर रहें. आपको अपना ऋण आवेदन अन्य बैंकों में भी जमा करना चाहिए। अपनी बैंक शाखा में ऋण के लिए आवेदन करना हमेशा फायदेमंद होता है। अगर आपका बैंक लोन देने से मना कर दे तो दूसरा बैंक चुनें। कई मामलों में, ग्रामीण बैंक और क्षेत्रीय सहकारी बैंक कम कठोर शर्तें लगाते हैं। इन बैंकों में जल्दी लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

  • अपने लोन की डाउन पेमेंट बढ़ाएं:

मान लीजिए अगर आप किसी भी तरह की खरीदारी जैसे होम और कार लोन के लिए लोन के लिए आवेदन करते हैं तो आप अपने लोन की डाउन पेमेंट राशि बढ़ा सकते हैं। इससे आपको आसानी से लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपके लोन की ईएमआई (EMI) कम हो जाती है और कर्ज का बोझ भी कम हो जाता है।

  • पुराने कर्ज का करें निपटारा:

अगर आपने पहले लोन लिया है और अब आपको नया लोन लेने में दिक्कत आ रही है तो आपको नया लोन नहीं मिल पा रहा है क्योंकि आपके पुराने लोन की रकम ज्यादा है। इसलिए आपके लिए सबसे पहले उस लोन को चुकाना अनिवार्य है। आम तौर पर, बैंक चाहते हैं कि ऋण और आय का अनुपात लगभग 35 प्रतिशत हो और 40 प्रतिशत से अधिक डीटीआई जोखिम श्रेणी में आता है।

वहीं, जब DTI का आंकलन किया जाता है तो इसमें आपके पुराने पर्सनल लोन (personal loan) , कार लोन (car loan) , होम लोन (Home loan) और क्रेडिट कार्ड की बकाया को शामिल (credirt card dues)  किया जाता है। अगर कर्ज-आमदनी के अनुपात की वजह से लोन रिजेक्ट हुआ है तो पहले अपना पुराना लोन क्लियर कर लें।

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