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Home Loan वालों के लिए काम की खबर, 50 लाख का लोन 10 साल से भी कम में हो जाएगा री-पेमेंट, इस तरीके से बचा सकते हैं लाखों रुपये

Home Loan Saving Tip : आज के महंगाई के दौर में घर खरीदना या घर बनाना आसान काम नहीं है। इसके लिए अक्सर हर किसी को होम लोन लेना ही पड़ता है। अगर आपने भी होम लोन ले रखा है या लेने वाले तो यह खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। आप अपने होम लोन को कम समय में व कम से कम ब्याज में री-पेमेंट (home loan repayment tips)करना चाहते हैं तो खबर में बताई गई टिप्स को आजमाएं। इससे आपका होम लोन कम समय में ही री-पेमेंट हो जाएगा और आप लाखों रुपयों की बचत (in treeko se aasani se kre home loan chukta)भी कर सकेंगे। आइये जानें आपको कौन से तरीके आजमाने हैं।

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Home Loan वालों के लिए काम की खबर, 50 लाख का लोन 10 साल से भी कम में हो जाएगा री-पेमेंट, इस तरीके से बचा सकते हैं लाखों रुपये

My job alarm - (home loan tips) यह तो हर किसी का सपना होता है कि अपना खुद का घर बनाया जाए या खरीदा जाए, लेकिन महंगाई के इस दौर में यह बिना लोन के संभव हो पाना आसान नहीं है। यही कारण है कि लोग इसके लिए होम लोन का विकल्प तलाशते हैं। कई बार होम लोन (sasta home loan kaise le) लेने के बाद इसे चुकता करने में काफी समय लग जाता है, जिससे लंबी ईएमआई व अधिक ब्याज दरों के बोझ के कारण लाखों रुपये अतिरिक्त खर्च हो जाते हैं। ऐसे में आपको यहां खास टिप्स बताने जा रहे हैं। इन टिप्स (home loan ke tips) को आजमाकर आप 50 लाख रुपये का लोन भी 10 साल से पहले की चुकता कर देंगे और लाखों रुपये भी बचा लेंगे। खबर में जानिये इसके लिए क्या करें।

लोन चुकाने का समय हो कम 


होम लोन लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि लोन चुकाने का समय कम हो यानी लोन टेन्योर या ऋण अवधि (sasta home loan kaise milega) कम होनी चाहिए। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे कम ब्याज दरों का भुगतान आपको कम समय तक करना होगा। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार मई 2022 से मार्च 2023 के बीच आरबीआई की ओर से रेपो रेट बढ़ाई गई। इससे अनेक लोगों पर असर पड़ा। उनकी होम लोन की ईएमआई (home loan EMI) या लोन टेन्‍योर यानी ऋण अवधि बढ़ गई है। कुछ लोगों ने तो इससे राहत पाने के लिए अपना रास्ता बना लिया है तो कुछ सोच रहे हैं कि ब्‍याज दरें (home loan par interest rates) घट जाएंगी। जबकि ऐसा होने की संभावनाएं नजर नहीं आ रही हैं। यद‍ि आप अपने होम लोन का समय से पहले भुगतान करना चाहते हैं तो इन सभी बातों को ध्यान में जरूर रखें।

ईएमआई को ऐसे बनाएं आसान


कम लोन अवधि में ज्यादा इएमआई (Home loan EMI) होंगी तो यह मुश्किल काम है। इसलिए खासकर युवा लोन टेन्‍योर इस बात का ध्यान रखें कि कहीं आपका बजट न बिगड़ जाए। बेहतर होगा कि आप 20 साल तक की लंबी ऋण अवधि को चुनें। इसका फायदा यह होगा कि आमदनी बढ़ने के साथ ईएमआई को धीरे-धीरे बढ़ाया जाए तो बोझ नहीं पड़ेगा। हर साल ईएमआई 5 प्रतिशत भी बढ़ती है तो 20 साल तक के लोन की अवधि करीब आठ साल कम हो जाएगी। हर साल 10 प्रतिशत की दर से ईएमआई बढ़ाएंगे तो 9 प्रतिशत ब्याज दर वाले 50 लाख के होम लोन (home loan ko repayment kaise kre) को 10 साल में ही चुकता कर सकेंगे। इससे आपको पैसों की बचत भी होगी।


बीमे का महत्व


होम लोन लेते समय आमतौर पर लोग कर्जदाता  से बीमा योजनाओं (home loan par insurance)के बारे में पता ही नहीं करते। यह जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए। परिजनों या आश्रितों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए  होम लोन के साथ लाइफ इंश्‍योरेंस कराना सही रहता है। हालांकि बैंकों की बीमा पॉलिसियों में कुछ ल‍िम‍िटेशन होती हैं क्योंकि अगर आपने लोन लेंडर को चेंज कर दिया तो ये बीमा पॉलिसी लोन (insurance policy benefits) से जुड़ी होने के कारण ट्रांसफर नहीं होंगी यानी अगले लोन लेंडर को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए बैंक के अलावा अलग से टर्म इंश्योरेंस लें, इसमें म‍िलने वाला कवरेज हर हाल में साथ ही रहेगा।

ब्‍याज दर और बेंचमार्क के बारे में जानना जरूरी


होम लोन लेते समय यह जरूर देखें कि आपके लिए होम लोन का कौन सा टाइप सही रहेगा। इसमें बेंचमार्क और लोन दर के बीच का कनेक्शन (Interest rates aur benchmarks me antar) भी जानना जरूरी है। कई लेंडर लोन की रीसेट अवधि तिमाही, छमाही या सालाना निर्धारित करते हैं। लोन लेने से पहले ब्याज दर रीसेट की आवृत्ति को सोचकर चुनें। ऐसा लोन चुनें जो बाहरी बेंचमार्क दर में जल्दी जल्दी बदलाव करता हो। इसका यानी होम लोन में से एक बाहरी बेंचमार्क है RBI रेपो दर। इससे जुड़ी फ्लोटिंग दरें (floating rates) भी होती हैं, जो जून 2023 से 6.5 प्रतिशत के हिसाब से हैं। आप होम लोन लेते समय सही फ्लोटिंग रेट व परिवर्तनशील फ्लोटिंग रेट पर जरूर विचार करें।


ज्‍वाइंट लोन लेते समय क्या करें?


यदि आपका लाइफ पार्टनर यानी जीवनसाथी जॉब या काम करता है और टैक्‍स बेन‍िफ‍िट भी लेना  चाहते हैं तो ज्‍वाइंट होम लोन अच्छा विकल्प है। इससे टैक्स में भी बचत होगी। सरकार की ओर से होम लोन के री-पेमेंट पर लगने वाले ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ भी दिया जाता है। ऐसा करके आप इसका लाभ उठा सकते हैं। जबकि पिछले कुछ सालों से औसत लोन राशि बढ़ी है। यह घरों व प्रोपर्टी के महंगा (property rates) होने के कारण हुआ है। 9 प्रतिशत ब्याज दर पर अगर 20 साल की अवधि वाला 50 लाख रुपये का लोन लिया जाता है तो उस पर लगभग 4.5 लाख रुपये तो हर साल ब्याज ही हो जाता है। ऐसे में आप ज्वाइंट होम लोन (joint home loan) का विकल्प चुन सकते हैं।


यह भी जानना है जरूरी

आरबीआई (RBI)के आंकड़ों में खुदरा महंगाई की दर र‍िकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई हैं। भारतीय र‍िजर्व बैंक (RBI) ने प‍िछली दस एमपीसी यानी मौद्रिक नीति समिति  की बैठकों के बावजूद रेपो रेट 6.5 प्रत‍िशत (RBI repo rate) पर ही कायम रखा हुआ है। इस स्थिति से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि होम लोन कब जाकर सस्ता होगा। अब द‍िसंबर के पहले हफ्ते में होने वाली एमपीसी की बैठक (MCP meeting) में ब्‍याज दर कम होने की उम्‍मीद कम ही है। आसार तो रेपो रेट के 6.5 प्रतिशत पर ही रहने के हैं। 

क्या सस्ता होगा होम लोन


बैंकिंग लोन दरों के जानकारों का मानना है क‍ि ब्याज के बोझ को कम करने के लिए लोन टेन्‍योर (loan Tenure kya hai) यानी लोन की अवधि को कम से कम रखें। लोन अवधि जितनी कम होगी कम्‍पाउंड इंटरेस्‍ट रेट के कारण ब्याज कम देना पड़ेगा। लंबी लोन अवधि में ब्याज अधिक लगेगा। लंबी लोन अवधि में 10 साल के लिए 9प्रतिशत ब्याज पर 50 लाख रुपये का लोन लेने वाले को 26 लाख रुपये  तो ब्याज के ही देने होंगे। यही ऋण अवधि 15 साल हुई तो ब्याज 41 लाख रुपये देना होगा। इसलिए लोन की अवधि (home loan ka time kitna hona chahiye) जितनी हो सके, उतनी कम रखें। इससे आपको पैसों की बचत हो सकती है। हालांक यह आपके आय के स्रोत आदि पर भी निर्भर करता है।

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