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Home Loan: 3 EMI नहीं चुका पाने पर बैंक कर देगा डिफॉल्‍टर घोषित, जानिए फिर क्‍या होगा आपके साथ

Home Loan: होम लोन एक ऐसा ऋण होता है, जिसका उपयोग लोग घर खरीदने के लिए करते हैं। यह ऋण लंबे समय के लिए होता है और इसमें ईएमआई (EMI) चुकाना आवश्यक होता है। आपको बता दें कि तीन ईएमआई नहीं चुका पाने पर बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर सकता है-

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Home Loan: 3 EMI नहीं चुका पाने पर बैंक कर देगा डिफॉल्‍टर घोषित, जानिए फिर क्‍या होगा आपके साथ

My job alarm - (Home Loan) होम लोन एक ऐसा ऋण होता है, जिसका उपयोग लोग घर खरीदने के लिए करते हैं। यह ऋण लंबे समय के लिए होता है और इसमें ईएमआई (EMI) चुकाना आवश्यक होता है। होम लोन की राशि आमतौर पर बड़ी होती है, जिससे ईएमआई भी उच्च होती है। यदि कोई व्यक्ति एक या दो ईएमआई चूक करता है, तो वह इसे संभाल सकता है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति लगातार तीन ईएमआई चूक जाता है, तो वह बैंक की निगरानी में आ जाता है। इसके बाद बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित कर सकता है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकता है-

पहली किस्‍त मिस होने को चूक मानता है बैंक?

जब ग्राहक की EMI मिस होती है, तो बैंक तुरंत कोई एक्शन नहीं लेते। वे पहले समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करते हैं ताकि संपत्ति की वापसी या नीलामी की आवश्यकता न पड़े। पहली बार EMI चूकने पर बैंक आमतौर पर गंभीरता से नहीं लेते, क्योंकि इसे ग्राहक की एक छोटी सी गलती मानते हैं। इस हाल में बैंक ग्राहक के साथ संवाद करके स्थिति को सुधारने की कोशिश करते हैं।

दूसरी किस्‍त मिस होने पर क्‍या करता है बैंक?

जब ग्राहक की लगातार दो EMI मिस होती हैं, तब बैंक उसे नोटिस करता है और ग्राहक को ईएमआई भरने के लिए रिमाइंडर (Bank EMI reminder) भेजता है। अगर संभव हो तो उधारकर्ता को  ये नोटिस मिलते ही बैंक के साथ बैठकर जल्दी समाधान निकालना चाहिए।

लगातार 3 किस्तें मिस होने पर लोन को NPA मान लेता है बैंक-

जब नोटिस के बावजूद ग्राहक की ओर से कोई ध्‍यान नहीं दिया जाता और तीसरी किस्‍त भी मिस हो जाती है तो बैंक लोन अकाउंट (bank loan account) को NPA मान लेता है और उधारकर्ता को डिफॉल्‍टर घोषित कर देता है।

डिफॉल्‍टर बनने के बाद भी तुरंत नीलामी नहीं होती- 

लोन के NPA बन जाने के बाद भी बैंक एकदम से प्रॉपर्टी की नीलामी नहीं करता। बैंक होम लोन डिफॉल्टर (Home Loan Defaulter) को कानूनी कार्रवाई का नोटिस देता है और फिर उधारकर्ता को छूटी हुई EMI का भुगतान करने के लिए 2 महीने तक का समय देता है। ये डिफॉल्‍टर के लिए सब कुछ ठीक करने का एक और मौका होता है।

कब आती है नीलामी की नौबत? 

कानूनी नोटिस मिलने के बाद भी उधारकर्ता (borrower) की ओर से बैंक को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तब बैंक संपत्ति की नीलामी के लिए आगे बढ़ जाता है।

नीलामी से पहले बैंक जारी करता है नोटिस-

नीलामी के मामले में भी बैंक को पब्लिक नोटिस (public notice) जारी करना पड़ता है। इस नोटिस में असेट का उचित मूल्य, रिजर्व प्राइस, तारीख और नीलामी के समय का भी जिक्र किया जाता है। अगर बॉरोअर को लगता है कि असेट का दाम कम रखा गया है तो वो इस नीलामी को चुनौती दे सकता है।

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