Home Loan EMI: SBI दे रहा 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन, जानिये कितनी चुकानी होगी EMI
My job alarm- (Home Loan EMI Calculation) हर किसी की एक ख़्वाहिश होती है कि उसका अपना घर हो लेकिन अपना घर जीवन में बार बार नहीं बना पाते यह सपना एक बार पुरा कर पाना भी आसान नहीं हैं। इसे पुरा करने के लिए (SBI Home Loan Interest rates) भी हमें होम लोन की मदद लेनी होती है। वहीं, लंबे समय तक ईएमआई के बोझ के डर से लोग होम लोन करवाने से बचते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसा उपाय बताएंगे जिसकी मदद से आप ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं।
कितनी होगी मंथली EMI ?
होम लोन अप्लाई करने से पहले आपको ब्याज दरों को लेकर हर बैंक से पुरी डिटेल ले लेनी चाहिए। इसी के चलते हम आपको देश के (Home Loan EMI Calculator) सबसे बड़े बैंक SBI के होम लोन की कुछ डिटेल्स बताने जा रहे हैं। यदि SBI बैंक के होम लोन की बात करें तो तो होम लोन के लिए यहां कैलकुलेशन से समझ लें कि आपकी मंथली EMI कितनी (Loan EMI Calculation) होगी और आपको लोन टेन्योर में कितना ब्याज चुकाएंगे।
बता दें कि अगर आप भी देश के सबसे बडे बैंक SBI से होम लोन अप्लाई करने जा रहे हैं तो आपको SBI की वेबसाइट पर इसके बारे में हर जानकारी मिल जाएगी। आपको जानकर खुशी होगी कि (SBI Home Loan EMI Calculation) जानकारी के मुताबिक 750 या उससे ज्यादा के सिबिल स्कोर होने पर कस्टमर को शुरुआती 9.15 फीसदी पर होम लोन ऑफर कर रहा है। यदि डिटेल में बात करें तो मानिए कि आपको 30 लाख रुपये का (SBI EMI on 30 lakh rupees for 20 years) लोन 20 साल के लिए लेना है, तो मौजूदा शुरुआती ब्याज दर पर (SBI Home Loan EMI) आपकी EMI कितनी बनेगी? और आप इसका पुरे टेन्योर औसतन के साथ कितना ब्याज चुकाएगें? आइए जानते हैं इन सारे सवालों के जवाब-
लोन अमाउंट: 30 लाख रुपये
लोन टेन्योर: 20 साल
ब्याज दर: 9.15% सालाना
EMI: ₹27,282
कुल टेन्योर में ब्याज: ₹35,47,648
कुल पेमेंट: ₹65,47,648
इस तरह, अगर लोन की अवधि पूरी होने तक आपका कुल भुगतान 65,47,648 रुपये होगा. इसमें करीब आधा से ज्यादा (RBI Update) रकम 35,47,648 रुपये आप बतौर ब्याज चुकाएंगे. हालांकि, यह जान लें कि अपने सिबिल स्कोर ( bank rates)और लोन रिपेमेंट की कैपेसिटी के आधार पर आप होम लोन की ब्याज दरों में बार्गेन कर सकते हैं. फ्लोटिंग रेट पर ब्याज दरें मौजूदा रेट से कम हो सकती हैं।
क्या होता है रेपो रेट -
रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो बैंकों को रिजर्व बैंक से महंगी दर पर कर्ज मिलता है।
Repo rate के घटने-बढ़ने का होता है असर -
SBI जैसे शेड्यूल बैंकों से होम लोन का सीधा संबंध रिजर्व बैंक के रेपो रेट से होता है. रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर (SBI best home loan rates) कमर्शियल बैंक RBI से कर्ज लेते हैं. रिजर्व बैंक ने अक्टूबर 2019 से बैंकों को फ्लोटिंग रेट पर दिये जाने वाले पर्सनल लोन, ऑटो लोन और होम लोन आदि को रेपो रेट से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है. अधिकांश बैंक होम लोन रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) पर ऑफर कर रहे हैं. इसे एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट (EBR) भी कहते हैं.
प्री पेमेंट का विकल्प चुने -
ईएमआई के बोझ से बचने के लिए प्री-पेमेंट यानी समय से पहले भुगतान का विकल्प भी चुन सकते हैं. सालाना 10 प्रतिशत (Minimum home loan rates) ईएमआई बढ़ाकर आप 65 प्रतिशत तक ब्याज बचा सकते हैं. इसके लिए यह भी जरूरी नहीं है कि आप एक बार में ही भुगतान करें. आप अपनी सैलरी के हिसाब से ईएमआई बढ़ा दीजिए. इस तरह आपके लोन की अवधि कम हो जाती है और ब्याज भी कम लगता है.
जैसे अगर आप 8.5 प्रतिशत ब्याज दर पर 20 साल के लिए लोन लेते हैं और सालाना ईएमआई 10 प्रतिशत बढ़ाते हैं तो (SBI best home loan rates) यह लोन सिर्फ 79 महीने यानी 7 साल से भी कम समय में खत्म हो जाएगा. अगर 20 साल में माना कि आपको 100 रुपया ब्याज लग रहा था तो यह भी घट कर 35 हो जाएगा.