Gratuity Rules : 4 साल से ज्यादा और 5 साल से कम की नौकरी पर ग्रेच्युटी मिलेगी या नहीं, जानें नियम
gratuity calculator : किसी कंपनी में लंबे समय तक काम करने पर कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है। ग्रेच्युटी एक तरह का इनाम होता है, जो कर्मचारी की ईमानदार और निरंतर सेवा के बदले कंपनी द्वारा दिया जाता है। इसे रिवॉर्ड मनी भी कह सकते हैं, जो कंपनी अपने कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करने के रूप में देती है। सवाल यह है कि कितने साल काम करने पर ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। चलिए नीचे खबर में समझते हैं ग्रेच्युटी का पूरा कैलकुलेशन -

My job alarm - सैलरीड क्लास में ग्रेच्युटी को लेकर अक्सर चर्चा होती है। आमतौर पर, किसी एक संस्थान में 5 साल तक लगातार काम करने के बाद ग्रेच्युटी (gratuity rule) मिलती है। लेकिन प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए यह जानना जरूरी है कि कुछ स्थितियों में 5 साल से कम समय की नौकरी पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकता है। इसके लिए कुछ खास नियम होते हैं, जिनका पालन करने पर कम समय की नौकरी में भी ग्रेच्युटी पाई जा सकती है। अगर आपके मन में ग्रेच्युटी से जुड़े सवाल हैं, तो इन्हें समझना आपके लिए लाभकारी होगा।
सवाल- ग्रेच्युटी क्या है? (What is Gratuity?)
जवाब- ग्रेच्युटी कंपनी की ओर से कर्मचारियों को दी जाने वाली एक राशि है, जो उनके लगातार सेवा में योगदान के लिए सम्मान स्वरूप दी जाती है। यह कंपनी का अपने कर्मचारी के प्रति आभार प्रकट करने का तरीका है।
सवाल- क्या सभी प्राइवेट कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार होते हैं?
जवाब- भारत में सभी फैक्ट्रियों, खदानों, ऑयल फील्ड (oil field), बंदरगाहों और रेलवे में पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है। इसके अलावा, ऐसी सभी दुकानें और कंपनियां जिनमें 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उनके कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी (gratuity) का लाभ मिलता है। इस तरह, कई प्राइवेट कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का अधिकार मिलता है।
सवाल- कितने साल तक काम के बाद ग्रेच्युटी मिलती है?
जवाब- आमतौर पर, किसी भी संस्थान में लगातार 5 साल तक काम करने वाले कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने के पात्र होते हैं। लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में 5 साल से कम की सेवा पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकता है। ग्रेच्युटी एक्ट के सेक्शन-2A (Section-2A of Gratuity Act) के अनुसार, 'लगातार काम करने' की परिभाषा दी गई है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि कुछ कर्मचारियों को 5 साल से पहले भी ग्रेच्युटी मिल सकती है।
सवाल- क्या 5 साल से पहले ग्रेच्युटी का फायदा मिलता है?
जवाब - ग्रेच्युटी एक्ट (Gratuity Act) के अनुसार, भूमिगत खदानों में काम करने वाले कर्मचारी अगर लगातार 4 साल 190 दिन पूरे कर लेते हैं, तो वे ग्रेच्युटी के हकदार बन जाते हैं। अन्य संगठनों के कर्मचारियों के लिए यह नियम 4 साल 240 दिन (यानी लगभग 4 साल 8 महीने) का है। इस प्रकार, कुछ विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों को 5 साल पूरे किए बिना भी ग्रेच्युटी का लाभ प्राप्त हो सकता है।
सवाल- क्या ग्रेच्युटी में नोटिस पीरियड भी काउंट होता है?
जवाब- हां, ग्रेच्युटी कैलकुलेशन (gratuity calculation) में नोटिस पीरियड को भी जोड़ा जाता है। कई लोग इस पर कंफ्यूज रहते हैं कि क्या नोटिस पीरियड को 'लगातार सेवा' का हिस्सा माना जाएगा। नियम के अनुसार, नोटिस पीरियड को 'लगातार सेवा' में शामिल किया जाता है, इसलिए इसे ग्रेच्युटी में गिना जाता है।
सवाल- ग्रेच्युटी में राशि कैसे कैलकुलेट की जाती है?
जवाब- ग्रेच्युटी की राशि का कैलकुलेशन करना काफी आसान है, और इसे आप खुद भी कर सकते हैं। इसके लिए एक सामान्य फॉर्मूला है:
कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में काम किए गए साल)
मान लीजिए, आपने एक ही कंपनी में लगातार 7 साल काम किया और आपकी अंतिम सैलरी (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) 35,000 रुपये है। तो, ग्रेच्युटी की राशि का कैलकुलेशन इस प्रकार होगा:
(35,000) x (15/26) x (7) = 1,41,346 रुपये
इस तरह, आपको लगभग 1,41,346 रुपये की ग्रेच्युटी मिलेगी। हालांकि, एक कर्मचारी को अधिकतम 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिल सकती है।
वर्तमान नियमों के अनुसार, किसी कर्मचारी को ग्रेच्युटी (gratuity rule) का लाभ पाने के लिए उसी कंपनी में कम से कम 5 साल तक लगातार काम करना जरूरी है। हालांकि, केंद्र सरकार इस अवधि को घटाकर 3 साल करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कई कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा, और वे कम समय में भी ग्रेच्युटी प्राप्त कर सकेंगे।