gold rate: सोने के भाव में 15000 रुपये का बंपर इजाफा, जानिये आने वाले दिनों में और कितनी बढ़ेगे गोल्ड रेट
My job alarm (gold prices) : इस साल का दसवां महीना भी अब खत्म होने को हैं इसी के चलते आप जानते हैं कि त्योहारी सीजन भी चला हुआ हैं। ग्लोबल बाजार की बात करें तो इस पूरे महीने में सेंसेक्स 4.98% नीचे आ चुका है। ऐसा ही हाल निफ्टी का भी है. वह भी 5.4% डाउन हुआ है। करोना काल के बाद से बाजार में किसी एक महीने में आई सबसे बड़ी गिरावट है। इन सबके बीच (gold rates) एक बड़ा बदलाव देखा गया है, जिसपर शायद आपका ध्यान ना गया हो, और वो है सोने की कीमतों में आई रिकॉर्ड तेजी। सोना 80 हजार के आंकड़े को पार कर चुका है। पिछले 10 महीने में 15 हजार रुपए से अधिक की तेजी देखी गई है। अब यहां दो सवाल खड़ा हो रहा है पहला ये कि इस तेजी के पीछे असल कारण क्या है? और दूसरा कि आगे सोने की चाल कैसी रहने वाली है?
गिरते बाजार में रॉकेट हुआ सोना -
शेयर बाजार में आई गिरावट के बीच देश के फिजिकल मार्केट से लेकर वायदा बाजार यानी एमसीएक्स तक गोल्ड का भाव 1 लाख रुपए पार कर गया है। वहीं दूसरी ओर सोने की कीमत भी फिजिकल ( gold prices) मार्केट में 81 हजार रुपए के पार है। जबकि वायदा बाजार में सोने की कीमत 80 हजार रुपए के करीब ही है। 24 अक्टूबर को गोल्ड के दाम एमसीएक्स पर 78,919 रुपए प्रति दस ग्राम के साथ लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया। अब निवेशक सोने की कीमत 1 लाख रुपए पर जाने का इंतजार कर रहे हैं।
अगर गोल्ड को मौजूदा लेवल से अगले एक साल में एक लाख रुपए के लेवल पर पहुंचना है तो कम से भी कम 27 से 28 फीसदी का जंप लेना ही होगा। तब जाकर गोल्ड की कीमतें एक लाख रुपए के लेवल पर पहुंच सकती हैं। बीते एक साल की बात करें तो वायदा बाजार में करीब एक साल में गोल्ड की कीमत में 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है। जिसका प्रमुख कारण जियो पॉलिटिकल टेंशन है। जिसके अगले एक साल में थमने का नाम नहीं है।
युद्ध बना सोने में तेजी का बड़ा कारण
आप जानते हैं किसी भी देश को युद्ध भारी क्षति ही पहुचांता हैं। चाहे जीत भी हो तब भी नुक्सान ही उठाना पडता हैं। दरअसल युद्ध लड़ने के लिए उस देश की इकोनॉमी को भी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। इस दौरान (iran israel war) देशभर में अनेकों चीजों के दाम बढा दिए जाते हैं। जिसके चलते सोने के दाम भी आसमान छूने लगते हैं। दरअसल सोने को हमेशा से आधी रात का गहना माना जाता हैं। कुछ ऐसा ही एक बार फिर देखने को मिल रहा है। पहले रूस-यूक्रेन वॉर की वजह से सोने की कीमतों में तेजी आई थी। अब इजरायल और लेबनाने के बीच चल रही जंग ने गोल्ड की रेट में तेजी ला दी है।
सोने और चांदी की कीमतें विभिन्न कारकों से प्रभावित होती हैं, जिसमें प्रमुख ज्वैलर्स से इनपुट भी शामिल है। सोने की वैश्विक मांग, मुद्रा में उतार-चढ़ाव, ब्याज दरें और सरकारी नीतियां कीमतों को काफी (middle east conflict impact) हद तक प्रभावित करती हैं। इसके अतिरिक्त, वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति और अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती जैसे अंतर्राष्ट्रीय कारक भी भारतीय बाजार में सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
एचडीएफसी सिक्योरिटी में कमोडिटी करेंसी हेड अनुज गुप्ता ने रिपोर्ट में बताया कि सोना हमेशा से पारंपरिक निवेश का सबसे भरोसेमंद साथी माना जाता रहा है। ऐसे में युद्ध के दौरान निवेशक एक ऐसा निवेश (us federal reserve) तलाशते हैं, जिनपर उन्हें भरोसा हो। आंकड़ों के मुताबिक, युद्ध के दौरान शेयर बाजार में गिरावट आती है। इजराइल-ईरान युद्द के दौरान भी ऐसा ही कुछ हुआ है। इस दौरान भी जहां दुनिया भर के बाजारों में गिरावट है, वहीं सोना नए रिकॉर्ड बना रहा है।
आगे कैसी रहेगी चाल?
बता दें कि आने वाले समय में सोने की कीमतों में और भी बदलाव देखने को मिलेगें। लेकिन बता दें कि यह बदलाव कईं बातों पर निर्भर करता हैं कि सोने के भाव कहां तक जा सकते हैं। इसी के चलते आपको बताने जा रहे हैं कि अगले साल में सेंट्रल बैकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती का साइकिल और तेज होगा। जिसके चलते आपको सोने की कीमतों तगडा इजाफा देखने को मिलेगा। जानकारों की मानें तो आने वाले एक साल में गोल्ड की कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है। इसका मतलब है कि अगले एक साल में गोल्ड की कीमतें एक लाख रुपए तक पहुंच सकती है। जानकारों का मानना है कि अगर गोल्ड साल 2024 जैसा प्रदर्शन 2025 में भी करें तो गोल्ड को एक लाख रुपए तक पहुंचा सकते हैं।