Gold Purchase Limit : घर में सोना रखने की क्या है लिमिट, जानिए सरकार के नियम
Gold Purchase Limit : लोग शादियों में अक्सर गिफ्ट में गोल्ड देना पसंद करते हैं तो वहीं कई लोग सोने में निवेश करते हैं। अगर बात महिलाओं की जाए तो उन्हें भी सोने के आभूषण (Gold Jewellery) पहनना काफी पसंद आता है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं घर में कितना सोना रख सकते हैं? अगर आपका जवाब नहीं है तो चलिए आइए आज जान लेते है इस खबर में...
My job alarm - Gold Jewellery: सोना भारतीयों को काफी पसंद है। लोग शादियों में अक्सर गिफ्ट में गोल्ड देना पसंद करते हैं तो वहीं कई लोग सोने में निवेश करते हैं। अगर बात महिलाओं की जाए तो उन्हें भी सोने के आभूषण (Gold Jewellery) पहनना काफी पसंद आता है।
लेकिन क्या आप ये जानते हैं घर में कितना सोना रख सकते हैं? अगर आपका जवाब नहीं है तो आपको बता दें कि वैसे तो भारत में सोने की कोई कानूनी सीमा नहीं है। लेकिन सीबीडीटी ने भारत में सोना खरीदने की कुछ सीमाओं की रूपरेखा तैयार की है। जिसमें शादीशुदा महिलाओं और कुंवारी महिलाओं के लिए अलग नियम हैं।
कौन कितना सोना रख सकता है?
CBDT के मुताबिक, अगर किसी विवाहित महिला (Married Women) के पास 500 ग्राम तक की गोल्ड ज्वेलरी (Gold jewellery) मिलती है तो उसे टैक्स अधिकारी जब्त नहीं करेंगे। अगर किसी अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तक गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे जब्त नहीं किया जाएगा। किसी विवाहित या अविवाहित पुरुष सदस्य का 100 ग्राम तक के गोल्ड ज्वेलरी को जब्त नहीं किया जाएगा।
आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, आप सोना खरीदने के लिए एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन नहीं कर सकते। इसके बाद भी ऐसा करते हैं तो आयकर अधिनियम (Income Tax ACT) की धारा 271डी के तहत नकद लेनदेन राशि के बराबर जुर्माना लगाया जाता है। ये उस गोल्ड की बात हो रही है जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं है, इसके अलावा अगर आपके पास खरीदे गए सोने के पैसों का हिसाब है तो वो इसमें नहीं आता है।
अन्य जरूरी जानकारियां-
सोने पर लगने वाले टैक्स (TAX) को लेकर कई तरह के सवाल दिमाग में आते हैं। अगर आपने घोषित आय या कर-मुक्त इनकम से सोना खरीदा है तो इसपर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा खानदान से मिले सोने पर टैक्स (Gold tax) नहीं लगता है। वहीं, अगर सोना बेचा जाता है तो उसपर टैक्स लगता है।
इसके अलावा अगर सोना तीन सालों तक रखा रहे और इसके बाद भाव बढ़ने पर बेचा जाता है तो उसपर मिलने वाले फायदे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) लगता है। जिसकी दर 20 प्रतिशत तक होती है।