Gold Hallmarking : सोना प्योर है या नहीं, कहीं ज्वेलर्स ने तो नहीं कर दिया घपला, ऐसे करें मिनटों में पता
Gold Hallmarking : भारत में सोना खरीदना केवल एक सामान नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर और भविष्य का निवेश भी है. सोने की शुद्धता को लेकर (pure gold) लोगों में हमेशा संदेह रहता है, जिससे धोखाधड़ी का खतरा बढ़ता है. ऐसे में आज हम आपको अपनी इस खबर में ऐसे तरीके बताने जा रहे है जिन्हें जान लेने के बाद आप मिनटों में पता कर पाएंगे कि सोना प्योर है या नहीं-

My job alarm - (Gold Hallmarking) भारत में सोना खरीदना केवल एक सामान नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर और भविष्य का निवेश भी है. सोने की शुद्धता को लेकर लोगों में हमेशा संदेह रहता है, जिससे धोखाधड़ी का खतरा बढ़ता है. इससे बचने के लिए, भारत सरकार ने सोने की ज्वेलरी (gold jewelery) के लिए हॉलमार्किंग प्रक्रिया शुरू की है. यह प्रक्रिया दिसंबर 2023 में पूरी होने वाली है, जिसके तहत ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के नियमों के अनुसार, 361 जिलों में हॉलमार्किंग लागू की जाएगी.
हॉलमार्किंग सोने की ज्वेलरी की शुद्धता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करती है, जिससे उपभोक्ताओं को उनके पैसे के अनुसार उपयुक्त ज्वेलरी मिलती है. हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर सभी हॉलमार्क वाली ज्वेलरी पर अंकित होता है.
असली हॉलमार्क्ड गोल्ड ज्वेलरी की पहचान कैसे करे-
1. HUID नंबर की जांच करें-
HUID, या हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर, हर सोने की ज्वेलरी (gold jewelery) में होता है, जो यह दिखाता है कि इसे ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने पास किया है.
2. BIS लोगो को देखें-
ज्वेलरी पर BIS हॉलमार्क प्रतीक की मुहर देखें. यह लोगो सुनिश्चित करता है कि ज्वेलरी को BIS के अस्सेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर (AHC) ने शुद्धता के लिए सत्यापित किया है.
3. ज्वेलर के रजिस्ट्रेशन नंबर की पुष्टि करें-
हर BIS-रजिस्टर्ड ज्वेलर के पास एक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है, जो ज्वेलरी पीस पर स्टैम्प किया जाता है. प्रामाणिकता के लिए रजिस्टर्ड ज्वेलर्स से खरीदारी आवश्यक है.
4. शुद्धता और ग्रेड मार्क्स की जांच करें-
ज्वेलरी पर शुद्धता का मार्क जैसे कि 22K, 18K, या 14K, भी दिखाई देना चाहिए, साथ ही हॉलमार्क की मुहर भी. यह प्यूरिटी ग्रेड सोने की मात्रा को दिखाता है, जैसे 22K का मतलब 91.6% शुद्धता.
BIS CARE ऐप का लें सहारा-
सोने की ज्वेलरी की प्रामाणिकता जांचने के लिए BIS ने BIS CARE ऐप लॉन्च किया है, जिसे आप एंड्रॉइड और iOS पर डाउनलोड कर सकते हैं. उपभोक्ता अपने ज्वेलरी के HUID को दर्ज कर के उसकी प्रामाणिकता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ऐप का उपयोग करने की प्रक्रिया सरल है, जो गुणवत्ता की सुनिश्चितता में मदद करती है.
-सबसे पहले ऐप में HUID दर्ज करें. आपके सामने अब ज्वेलरी का पूरा रिकॉर्ड आ जाएगा. इसमें ज्वेलर का रजिस्ट्रेशन नंबर, AHC का दिया हुआ नंबर, ज्वेलरी का प्रकार (जैसे, अंगूठी, हार), और प्योरिटी ग्रेड शामिल हैं.
-ऐप हॉलमार्किंग की तारीख भी दिखाता है, जिससे उपभोक्ता समझ सकते हैं कि ज्वेलरी को वेरीफाई कब किया गया है.
-आप गुणवत्ता या BIS मार्क के दुरुपयोग के बारे में शिकायतें भी दर्ज कर सकते हैं. साथ ही किसी भी भ्रामक विज्ञापन की रिपोर्ट कर सकते हैं, या BIS क्वालिटी स्टैंडर्ड देख सकते हैं.
गोल्ड खरीदारी के लिए ज्वेलर के पास जाते समय क्या देखना चाहिए-
जब आप किसी ज्वेलरी स्टोर में जाएं, तो असली हॉलमार्क वाली ज्वेलरी खरीदना सुनिश्चित करें. सबसे पहले, ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग विवरण देखें, जिसमें BIS लोगो, HUID और प्योरिटी ग्रेड शामिल हैं. यह मुहर यह सुनिश्चित करती है कि ज्वेलरी का BIS मानक के अनुसार परीक्षण और सत्यापन किया गया है. यदि आपके पास स्मार्टफोन है, तो आप खरीदारी से पहले HUID को BIS CARE ऐप में तेजी से सत्यापित कर सकते हैं. इसके अलावा, BIS-रजिस्टर्ड ज्वेलर का एक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। केवल प्रमाणित ज्वेलर्स से खरीदारी करने से ज्वेलरी की शुद्धता सुनिश्चित होती है.
अगर मुमकिन हो, तो उस हॉलमार्किंग सेंटर के बारे में पूछें जहां ज्वेलरी का टेस्ट किया गया था. खरीदारी के बाद, हॉलमार्किंग और प्योरिटी डिटेल वाला एक बिल जरूर लें, ताकि आपके पास भविष्य के लिए रिकॉर्ड हो.
गौरतलब है कि भारत विश्व के सबसे बड़े सोने के उपभोक्ताओं में से एक है. ऐसे में हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता जानने के लिए एक अच्छा मध्याम है. पहले ज्वेलर्स लोगों को गलत या कम शुद्ध वाली ज्वेलरी दे देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.