Bank Cheque भरते समय न करें ये गलती, नहीं तो लग जाएगा चूना
Bank Cheque Using Tips : आज के समय में कई लोग चेक से पेमेंट करते हैं। चेक पेमेंट करना का एक सुरक्षित तरीका है। अगर आप चेक से पेमेंट कर रहे हैं तो आपको सावधानी बरतनी होगी, वरना आपको भारी नुकसान हो सकता है। अगर आप एक छोटी सी भी भूल या गलती कर बैठे तो आपका खाता भी खाली हो सकता और चेक बाउंस जैसी समस्याओं को फेस करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं चेक को भरते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
My job alarm - (Cheque payment rules): चेक से पेमेंट करने के कई फायदे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप चेक से पेमेंट करते समय कुछ गलतियों को कर देते हैं तो आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं और आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इसलिए आपको चेक से पेमेंट (Cheque se payment kaise kren )करते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। चेक को भरते समय हर तरह से सतर्कता बरतनी जरूरी है। चेक भरते समय एक छोटी सी भूल, गलती या लापरवाही के कारण आपको तगड़ा फटका लग सकता है।
अमाउंट के पीछे यह लिखना जरूरी
आप जब भी चेक (Bank Cheque kitne tarah ke hote hain) में धनराशि को लिख देते हैं तो उसके बाद आपको उस राशि के पीछे कुछ साइन का यूज करना चाहिए। आपको अमाउंट को डालने के बाद उसके पीछे ओनली जरूर लिखें। बैंक भी इस बारे में गाइड लाइन जारी करते हैं। उदाहरण के तौर पर- Thirty Thousand only/- और 30000/- । जानकारी के लिए बता दें कि चेक में लगा ये साइन इस बात की ओर संकेत करता है कि आपने जो अमाउंट भरा, वह इतने तक ही सीमित है। अगर ऐसे साइन नहीं लगाते हैं तो कोई भी आपके द्वारा लिखी गई राशि को बढ़ा सकता है और इससे आपको मोटा चूना लग सकता है।
MICR कोड को रखें सेफ
चेक के सबसे नीचे आपको एक सफेद पट्टी देखने को मिल जाती है। इस पट्टी पर एक MICR (मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्निशन) कोड होता है। ऐसे में आप जब कभी भी चेक का यूज करें तो इस बात का ध्यान दें कि इस MICR कोड को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। वहीं चेक साइन (Signature) करते वक्त या किसी भी दूसरी वजह से MICR को किसी भी तरीके का कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। MICR कोड (bank cheque me MICR code) चेक्स की जल्दी प्रोसेसिंग और सेटलमेंट में मदद करता है और आपके काम को आसान बनाता है।
चेक की वेलिडिटी का रखें ध्यान
RBI द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक बैंक चेक पर डाली गई डेट व साइन के 3 महीने बाद तक ही चेक वैलिड रहता है। जिसका मतलब है कि इस अवधि में आपको इस चेक में लिखी गई पेमेंट को डिपॉजिट या फिर विदड्रॉ करना होता है। अगर आप इस अवधि के बाद चेक (cheque ki validity kitni hoti hai) का यूज करते हैं तो ये आपके किसी भी काम नहीं आने वाला है। चेक की अवधि के पूरा हो जाने के बाद आपको नुकसान हो सकता है। इसके अलावा आप भी जब किसी को आगे की डेट में चेक से पेमेंट करें तो आपको इस बात पर काफी ध्यान देना चाहिए। चेक पर तारीख को डालते समय अगर आपसे किसी भी तरीके की कोई गलती हो जाती है तो आपको फोरन दूसरा चेक यूज करना चाहिए।
अकाउंट पेयी व बीयरर चेक में अंतर जानें
अगर आप किसी को खाते में ही रुपये देना चाहते हैं तो अपने द्वारा जारी किए गए चेक पर अकाउंट पेई लिखना न भूलें। यह चेक के लेफ्ट साइड में ऊपर की ओर कोने में लिखा जाता है। A/C Payee डबल क्रॉस लाइन के बीच में ही लिखें। ऐसा करने पर पैसे बैंक खाते में ही जाएंगे, इससे नकद भुगतान नहीं करवाया जा सकता। ऐसा करने का फायदा यह होता है कि अगर चेक भरने के बाद गुम भी हो जाता है तो कोई पैसों का भुगतान नहीं करवा सकता। अकाउंट लिखते समय चेक पर राइट साइड में लिखे बीयरर को जरूर काट दें। इसके अलावा आप चाहते हैं कि चेक देने के बाद रुपये कैश किए जाएं तो अकाउंट पेयी न लिखें। इससे व्यक्ति सीधा खाते से पैसे निकलवा सकेगा।
शब्दों और फिगर्स के बीच न छोड़ें ज्यादा जगह
जब भी किसी को चेक से पेमेंट करें तो हर कॉलम को ध्यान से भरें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि नाम, अंक, शब्द या फीगर भरते समय अधिक जगह उनके बीच न रह जाए। खासकर नाम और पैसों को लेकर तो यह ध्यान जरूर रखें। अगर आपने अधिक जगह छोड़ दी तो नाम और रकम में छेड़छाड़ की संभावना बढ़ जाती है। चेक में अमाउंट अंकों व शब्दों में (cheque bhrte samay kya sawdhani brten) भरी जाती है। इसलिए दोनों का सही से मिलान कर लें। यह अलग-अलग न हो, नहीं तो चेक रिजेक्ट हो सकता है।
हमेशा ध्यान से भरें रकम
चेक में जब आप राशि भर रहे होते हैं तो यह जरूर देख लें कि आपके बैंक खाते में कुल कितने रुपये हैं। खाते में जमा राशि से ज्यादा अमाउंट भर देने पर आपको परेशानी हो सकती है। यह चेक बाउंस हो जाएगा और यह गलती आपको भारी पड़ सकती है, पेनल्टी लगेगी वह अलग। चेक बाउंस होने पर पेनल्टी (Cheque Bounce Penalty) की राशि अलग-अलग बैंकों में भिन्न हो सकती है। यह आमतौर पर 500 रुपये प्लस GST होती है।
हस्ताक्षर को लेकर करें गौर
चेक से पेमेंट करते समय हस्ताक्षर को लेकर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। इसके मिसमेच होने से चेक कैंसिल (cheque kab cancel hota hai) हो सकता है। जब आप चेक से पेमेंट करें तो चेक पर अपने हस्ताक्षर करते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि कहीं अलग तरह के हस्ताक्षर न हों। सही से हस्ताक्षर का मिलान होना जरूरी होता है। बैंक की जिस ब्रांच में आपका रिकॉर्ड है, वहां पर जो हस्ताक्षर खाता खुलवाने के समय दर्ज किए गए हैं, वहीं हमेशा करें। अगर किसी बैंक में आपने खाता खुलवाते समय दूसरी तरह के हस्ताक्षर किए हुए हैं तो हर प्रक्रिया (cheque kab reject hota hai) में उन्हीं को ध्यान में रखें, वही हस्ताक्षर चेक बुक पर भी करें। यह ध्यान नहीं रखा तो चेक रिजेक्ट या कैंसिल हो सकता है।
चेक की डिटेल्स हमेशा रखें पास में
चेक की डिटेल अपने पास रखना बहुत जरूरी होता है। जो भी चेक भरकर किसी को दें तो चेक बुक में ही उसकी डिटेल दर्ज कर सकते हैं। इस डिटेल को न रखने की भूल कभी न करें। इस डिटेल (cheque book detail ke fayde) में चेक नंबर, अकाउंट होल्डर का नाम, खाता नंबर, अमाउंट और तारीख जरूर नोट कर लें। यह डिटेल चेक कैंसिल होने या कैंसिल करने के समय आपके बहुत काम आएगी। साथ ही आपको यह जानकारी भी रहेगी कि कब-कब किसको चेक दिया और अपने खाते की राशि का भी सही अनुमान रहेगा। साथ ही चेक गुम होने या भूलने का संशय नहीं रहेगा। इस डिटेल से यह भी पता चल जाता है कि आपके संज्ञान में डाले बिना किसी ने आपकी चेक बुक (cheque book detail kaise bhren) से चेक का यूज तो नहीं किया।