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Credit Score: सिबिल स्कोर अब नहीं होगा खराब, RBI ने जारी की नई गाइडलाइन

Credit Score: अगर आप किसी भी लोन कि किस्त समय पर नहीं भर पाते हैं तो बैंक की नजर में आप डिफाल्ट ग्राहकों की सुची में दर्ज हो जाते हैं। इसी के चलते बैंक आपका नाम सिबिल कंपनियों (Loan cibil score) को दे देता हैं जिस कारण आपकी सिबिल हिस्ट्री खराब हो जाती है। लेकिन अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं हैं आरबीआई के नए निर्देशों के अनुसार आप अपनी सिबिल हिस्ट्री खराब होने से बचा सकेगें...
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Credit Score: सिबिल स्कोर अब नहीं होगा खराब, RBI ने जारी की नई गाइडलाइन

My job alarm - (Credit Score) अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता हैं तो बैंकों द्वारा सारी जानकारी सिबिल कंपनियों को दे दी जाती हैं। जिससे आपको भविष्य में लोन ना मिलने की समस्या आती हैं। लेकिन अब आपके लिए राहत भरी खबर हैं कि आप अपना सिबिल स्कोर खराब होने से बचा सकते हैं। जी हां, दरअसल आरबीआई ने गाइडलान्स जारी की हैं कि अब कोई भी बैंक ग्राहक के सिबिल खराब होने का रिकॉर्ड सिबिल कंपनियों को नहीं भेजेगा। अब सिबिल स्कोर जांचने पर कंपनियों को इसकी सूचना ग्राहक को मेल पर (Credit Score CBL) देनी होगी, साथ ही वर्ष में एक बार संपूर्ण रिपोर्ट निश्शुल्क उपलब्ध करानी होगी।

यह नए नियम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बनाए गए हैं। यदि कोई ग्राहक सिबिल खराब या गलत तरीके से सिबिल का उपयोग किया जाना अथवा सिबिल स्कोर बढ़वाने को लेकर शिकायत करता है, तो कंपनी को 30 दिन के भीतर शिकायत का निवारण (reserve bank of india) करना होगा। ऐसा न होने पर 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कंपनियों को जुर्माना अदा करना पड़ेगा। ग्राहकों की समस्याओं का निवारण करने के लिए आरबीआई ने ये पांच नियम बनाए हैं-


आरबीआई के पांच नियम -


1. ग्राहक को भेजनी होगी सिबिल चेक किए जाने की सूचना -
आरबीआई ने सभी क्रेडिट इन्फार्मेशन कंपनियां जैसे क्रषिल,सिबिल ,अमेरिकन एक्सप्रेस आदि कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उस ग्राहक को इसकी जानकारी भेजा जाना जरूरी है। यह जानकारी एसएमएस या ई-मेल के (credit score) जरिये भेजी जा सकती है। क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही थीं, जिसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने ये फैसला किया है।

2. रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की वजह बताना जरूरी -
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर किसी ग्राहक की किसी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसे इसका औपचारिक कारण बताना जरूरी होगा। इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी (Reserve Bank's rule on CIBIL) होगी कि किस वजह से उसकी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया गया है। इसी के साथ रिक्वेस्ट कैंसिल करने की वजहों की एक लिस्ट बनाकर उसे सभी क्रेडिट इन्स्टीट्यूशन को भेजना जरूरी है।

3. साल में एक बार ग्राहकों को दें फ्री फुल क्रेडिट -
रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर अपने ग्राहकों को मुहैया कराया जाना चाहिए। इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट (personal finance) पर एक लिंक डिस्प्ले करना होगा, ताकि ग्राहक आसानी से अपनी फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट चेक कर सकेंगे। इससे साल में एक बार ग्राहकों को अपना सिबिल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री पता चल जाएगी।

4. रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को देनी होगी सुचना -
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर कोई ग्राहक डिफाल्ट की लिस्ट में चला जाता हैं तो ग्राहक को इसकी सुचना देना अति अनिवार्य हो जाता हैं। लोन देने वाली संस्थाएं एसएमएस ई-मेल भेजकर सभी जानकारी शेयर करें। इसके अलावा बैंक, लोन बांटने वाली संस्थाएं नोडल अफसर रखें। नोडल अफसर लोगों की क्रेडिट स्कोर से जुड़ी हुईं दिक्कतें सुलझाने का काम करेंगे।

5. 30 दिन में हो शिकायत निपटारा, वरना लगेगा जुर्माना -
अगर क्रेडिट इन्फार्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर-अंदर ग्राहकों की शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो फिर उसे हर रोज 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना चुकाना होगा। यानी जितनी देर से शिकायत का निपटारा किया जाएगा, उतना ही अधिक जुर्माना चुकाना होगा। ऋण बांटने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को नौ दिन का वक्त मिलेगा। 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक हर्जाना देगा। वहीं बैंक की सूचना के नौ दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया गया तो क्रेडिट ब्यूरो को हर्जाना चुकाना होगा। इससे जुड़ी जानकारी देनी होगी। जिससे उपभोक्ता को सारी बातों का पता रहे।

नए नियम से अब ग्राहक को सूचना सिबिल चेक करने की सुचना पहले ही दी जाएगी। जिससे वह सतर्क रहेगा और ठगी होने बचेगा। ग्राहक की शिकायत का निपटारा यदि समय पर नहीं होता तो कंपनी पर जुर्माना लगेगा। ग्राहक की रिक्वेस्ट रिजेक्ट करने की वजह भी संबंधित को बतानी होगी। यह नियम काफी राहत (how to improve Credit Score) देने वाले हैं। कपंनियों को साल में एक बार सिबिल रिपोर्ट देनी होगी। आरबीआई ने जो नियम बनाए है वह नए साल में लागू होंगे जिससे ग्राहकों को काफी राहत मिलने वाली है। अब बैंक आदि डिफाल्ट रिपोर्ट, सिबिल कंपनियों को भेजने से पहले ग्राहक को सूचना देंगी। इससे ग्राहक के पास मौका रहेगा वह अपनी सिबिल को खराब होने से रोकने का।
 

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