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CIBIL Score : 60 करोड़ लोगों का सिबिल स्कोर कौन करता है मैनेज, जानिये सिबिल स्कोर को लेकर क्यों हुआ हंगामा

CIBIL Score :  करोड़ों लोग बैंक में लेन देन (bank transaction) करते हैं। उनका बैंक के पास रिकॉर्ड जमा हो जाता है। लेकिन अलग अलग बैंकों के लेन देन की हिस्ट्री नाजाने कितनी ही एप्स में सिबिल स्कोर (CIBIL Score Update) के रूप में आ जाती है। सिबिल स्कोर देखकर ही यह तय होता है कि लोन मिलेगा या नहीं, अब सवाल आता है कि 60 करोड़ ग्राहकों का सिबिल स्कोर कौन तय करता है। इसी सवाल पर हंगामा खड़ा हो गया है। 

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CIBIL Score : 60 करोड़ लोगों का सिबिल स्कोर कौन करता है मैनेज

My job alarm (CIBIL Score) : सांसद के एक सवाल पर पूरे बैंकिंग सिस्टम (banking system) पर सवाल खड़े हो गए हैं। सांसद कार्ति चिदंबरम  ने एक सवाल पूछ लिया तो पूरी संसद में हंगामा हो गया। अब ये सवाल ऐसा है जो आज के दौर में लगभग हर व्यक्ति से जुड़ा है। बैंकों में लोन आदि के लिए सिबिल स्कोर (CIBIL Score for Loan) जरूरी है।  कार्ति का सवाल भी सिबिल स्कोर पर ही था।
 सिबिल स्कोर खराब होने पर लोन मिलना लगभग न के बराबर ही संभव रहता है। चाहे होम लोन हो या पर्सनल लोन। यहां तक की क्रेडिट कार्ड भी नहीं बनता। बैंक लोन नहीं देंगे तो आपको बाहर से पैसा उठाना पड़ सकता है। वहीं इसके लिए भी मिन्नतें करने के साथ मोटा ब्याज चुकाना पड़ सकता है। 

 

पहले जानिए क्या है CIBIL Score


सिबिल स्कोर (what is cibil score) हमारा बैंक से लेन देन के आधार पर तय होता है। हमारा आर्थिक लेने देन का व्यवहार सिबिल स्कोर दिखात है। यह तीन अंकों का नंबर होता है। यह 300 से 900 तक होता है। इससे ही तय होता है कि आपको कितना उधार या कर्ज (loan) मिल सकता है। सिबिल स्कोर से इसे चुकाने की आपकी क्षमता भी आंकी जाती है। 


यह पहले लिए गए लोन और उसको चुकाने के तरीके के आधार पर तय होता है। अगर आप सभी किस्तें (EMI) समय से चुका रहे हैं तो आपका सिबिल स्कोर अच्छा (good cibil score) माना जाता है। अगर देरी करते हैं तो ये खराब की श्रेणी में चला जाता है। इसके अलावा भी कई कारण होते हैं। सिबिल स्कोर के आधार पर ही  बैंक और वित्तीय संस्थान किसी व्यक्ति के लोन लेने की क्षमता आंकते हैं। इसी से तय होता है कि कौन व्यक्ति कितने रुपये लेकर समय से चुका सकता है। 

 

खराब CIBIL Score पड़ सकता है भारी


कई बार इंसान को एमरजेंसी में रुपयों की जरूरत पड़ जाती है। अमुमन लोग रुपयों के लिए बैंक से लोन (bank loan) लेने जाते हैं। लेकिन अगर हमारा पहले ही बैंक से खराब व्यवहार रहा है तो हमारा सिबिल स्कोर (cibil score) कम हो जाएगा और हमें लोन नहीं मिल पाएगा। 


 

कैसे तय होता है सिबिल स्कोर, कौन करता है


क्रेडिट इनफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (Credit Information Bureau India Limited) सिबिल स्कोर तय करने का काम नाम की कंपनी करती है। इसका शॉर्ट फॉर्म ही सिबिल (cibil) है। इस कंपनी का गठन साल 2000 में रिजर्व बैंक (RBI) की सिद्दीकी कमेटी की रिपोर्ट पर हुआ था। वहीं 2003 में अमेरिका की ट्रांस यूनियन कंपनी  में इसका विलय हो गया। इसके बाद इसका नाम ट्रांस यूनियन सिबिल लिमिटेड (Trans Union CIBIL Limited) बन गया। बता दें कि यह एक प्राइवेट कंपनी है। इसके भरोसे ही भारत के 60 करोड़ लोगों के सिबिल स्कोर (cibil score) को तय करने का काम रहता है।


सिबिल स्कोर को लेकर पहले भी कई बार विवाद उठते रहे हैं। सांसद कार्ति चिंदबरम ने भी सिबिल स्कोर को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने इसके लिए रिजर्व बैंक (RBI) के अधिन सरकारी एजेंसी (government agency for cibil) के गठन की मांग की है।

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