CIBIL Score Update : सिबिल स्कोर कैसे पहुंचेगा 750 के पार, लोन लेने वाले जरूर जान लें काम की बात
My job alarm (ब्यूरो) : लोन लेने वाले ये बात भलिभांति जानते है कि अगर लोन है तो सिबिल स्कोर अच्छा होना तो एक जरूरी तत्व है। आमतौर पर लोगों का सिबिल स्कोर कम-ज्यादा या मिडिल रेंज में होता है। लेकिन किसी का सिबिल स्कोर का मीटर कभी चालू ही न हुआ हो, ऐसा आपने कम सुना होगा। लेकिन ऐसा होता है। इसे Minus Cibil Score कहा जाता है। अगर नॉर्मल भाषा में देखा जाए तो इसे जीरो सिबिल स्कोर भी कह देते हैं।
माइनस सिबिल स्कोर तब होता है, जब व्यक्ति ने कभी बैंक से न तो कभी कोई लोन लिया हो और न ही कभी क्रेडिट कार्ड (Credit card) वगैरह का कभी इस्तेमाल किया हो। ऐसे में बैंक के पास ग्राहक के रीपेमेंट को लेकर किसी तरह की हिस्ट्री नहीं होती। इस कारण से उनका क्रेडिट स्कोर माइनस में होता है। तो अब सवाल ये उठता है कि आप अपने इस स्कोर को कैसे बढ़ सकते है। सिबिल स्कोर की रेंज के अनुसार 750 सिबिल स्कोर (Cibil score) होना बेस्ट रेंज है। अब आप ये जानना चाहेंगे कि इस 0 सिबिल स्कोर को 750 तक कैसे लाया जाए।
सबसे पहले जान लें माइनस CIBIL score के नुकसान
बहुत से लोग सिबिल स्कोर क्या होता है इसी से अंजान होते है। ना कभी कर्ज लिया होता है न ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तो ऐसे में 0 सिबिल स्कोर ही होता है। अब बहुत से लोग ये नही जानते है कि इससे उन्हे क्या क्या नुकसान हो सकते है। इस मामले में बैंक की एक अधिकारी का कहना है कि सिबिल स्कोर से ही ग्राहक की विश्वसनीयता को परखा जाता है।
जब उसकी सिबिल स्कोर हिस्ट्री ही नहीं होगी, तो बैंक को ये कैसे पता चलेगा कि ये ग्राहक लोन का रीपेमेंट समय पर करेगा या नहीं। ग्राहक पर भरोसा किया जाए या नहीं, इसको लेकर बैंक के सामने असमंजस की स्थिति होती है। इस वजह से बैंक व्यक्ति को लोन देने से हिचकिचाते हैं या कई बार इनकार कर सकते हैं।
माइनस CIBIL score होने पर क्या मिल सकता है लोन?
सबसे अहम सवाल तो ये उठता है कि क्या माइनस सिबिल स्कोर (cibil score in minus ) होने पर लोन मिल सकता है या नही? तो आपको बता दें कि ऐसा नहीं है कि माइनस सिबिल स्कोर होने पर आपको लोन मिल ही नहीं सकता। ऐसे में बैंक आपकी विश्वसनीयता को दूसरे मापदंडों पर पर खते हैं। उसकी आय के स्रोत, उसकी शैक्षणिक योग्यता वगैरह को देखा जाता है। जैसे कोई व्यक्ति डॉक्टर या सीए या किसी उच्च पद पर है, तो उसकी क्रेडिट हिस्ट्री न होने पर भी उसे लोन मिलने की पूरी संभावना होती है क्योंकि उसकी आय अच्छी खासी होती है।
अब दूसरी स्थिति ये उत्पन्न होती है कि अगर आपके पास ऐसे ऊंचे पद वाली नौकरी नहीं है, तो आप अपनी बेहतर आर्थिक स्थिति को दिखाने के लिए बैंक को कुछ वर्षों का बैंक स्टेटमेंट (Bank Statement) देकर आश्वस्त कर सकते हैं। इसके अलावा आपके तमाम बिल जो आप अब तक नियमित रूप से चुकाते आए हैं, प्रमाण के तौर पर दिखा सकते हैं। अगर आपने बैंक को आश्वस्त कर दिया तो आपको माइनस सिबिल स्कोर पर भी लोन मिल सकता है। लेकिन अगर बैंक संतुष्ट नहीं है तो वो इनकार भी कर सकता है।
कैसे चालू करें CIBIL का मीटर?
बहुत बार ऐसा होता है कि बैंक माइनस सिबिल स्कोर होने पर लोन देने से इंकार कर देता है। ऐसे में ये समझना भी जरूरी है कि सिबिल स्कोर का मीटर कैसे चालू किया जाए और इसे कैसे बढ़ाया जाए। इस स्थिति में आपके पास क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के दो ऑप्शन होते हैं: पहला- या तो आप बैंक से क्रेडिट कार्ड (Credit card) लेकर इसका इस्तेमाल शुरू करें और भुगतान समय से करें। इससे बैंकिंग सिस्टम में आपका कर्ज शुरू हो जाएगा और दो या तीन हफ्ते में आपका सिबिल स्कोर अपडेट हो जाएगा।
वहीं अगर दूसरें तरीके की बात करें तो दूसरा तरीका ये है कि आप बैंक में दो छोटी-छोटी 10-10 हजार की एफडी कराएं। एफडी खुलने के बाद उसके एवज में ओवरड्राफ्ट सुविधा (Overdraft Facility) के तहत लोन ले लें। जैसे ही आप अपनी एफडी पर ओवरड्रॉफ्ट के तहत पैसों की निकासी करेंगे, आपका कर्ज शुरू हो जाएगा और जल्द ही आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ जाएगा।