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CIBIL Score : खराब सिबिल स्कोर वालों को लोन तो मिल जाएगा, लेकिन करना होगा इस बड़ी मुश्किल का सामना

CIBIL Score -  मुश्किल समय में कहीं से पैसों का इंतजाम न हो पाए, तब लोग पर्सनल लोन (Personal loan) का सहारा लेते हैं। लेकिन कई बार Cibil Score अच्‍छा नहीं होने के कारण आपको लोन मिलने में समस्‍या आती है। खराब क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को पर्सनल लोन ना मिले ऐसा भी नहीं है दरअसल, ऐसे ग्राहकों को लोन तो मिल जाता है लेकिन ब्याज बहुत ज्यादा लगता है। 

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CIBIL Score : खराब सिबिल स्कोर वालों को लोन तो मिल जाएगा, लेकिन करना होगा इस बड़ी मुश्किल का सामना

My job alarm -  मुश्किल समय में जब कहीं से पैसों का इंतजाम न हो पाए, तब लोग पर्सनल लोन का सहार लेते हैं। लेकिन कई बार Cibil Score अच्‍छा नहीं होने के कारण आपको लोन मिलने में समस्‍या आती है। देश के छोटे-बड़े बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां आसानी से पर्सनल लोन दे भी देती हैं। हालांकि, जिन ग्राहकों का खराब क्रेडिट स्कोर (Credit score) होता है उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

खराब क्रेडिट स्कोर की चुनौतियां (Challenges of bad credit score)-

खराब क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को पर्सनल लोन ना मिले ऐसा भी नहीं है दरअसल, ऐसे ग्राहकों को लोन तो मिल जाता है लेकिन ब्याज बहुत ज्यादा लगता है। इसके अलावा लोन अमाउंट भी लिमिटेड (limited loan amount) रहता है। 

दरअसल, लेंडर्स कम क्रेडिट स्कोर (आमतौर पर 620 से नीचे) को डिफॉल्टर (defaulter) के तौर पर देखते हैं। यही वजह है कि लिमिटेड लोन ऑप्शन मिलते हैं। वहीं, ज्यादातर बड़े बैंक इस तरह के ग्राहकों को लोन देने से इनकार कर देते हैं। अगर लोन अप्रवूल (approval) हो भी जाता है तो बेहतर क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों की तुलना में काफी अधिक ब्याज की वसूली की जाती है।

क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है तब भी दिक्कत-

अगर ग्राहक का क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) नहीं है तब भी पर्सनल लोन मिलने में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में लेंडर्स के पास आपकी क्रेडिट योग्यता और री-पेमेंट की हैबिट का आकलन करने के लिए जरूरी डेटा नहीं होता है। जिसके चलते लेंडर्स के लिए ग्राहक के प्रोफाइल (customer profile) का पता लगाना बड़ा मुश्किल हो जाता है, जिससे संभावित रूप से आपके ऋण आवेदन पर विचार करते समय लेंडर्स को झिझक होती है। 

ऐसे ग्राहकों को लिमिटिड लोन ऑपशन (limited loan options) का सामना करना पड़ सकता है या मंजूरी मिलने पर संभावित रूप से बढ़ी हुई ब्याज दरों (Interest rate increased) का सामना करना पड़ सकता है। कई बार लेंडर्स केवल आपके क्रेडिट स्कोर (credit score) पर निर्भर रहने के बजाय वैकल्पिक मानदंडों जैसे आय स्थिरता आदि का मूल्यांकन करते हैं। फिर भी, वे अक्सर बढ़ी हुई ब्याज दरें लागू करते हैं।

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