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CIBIL Score: सस्ता लोन लेने के लिए कितना होना चाहिए सिबिल स्कोर, बैंक में जाने से पहले जान लें ये बात

CIBIL Score for Loan: अगर आप किसी भी बैंक में लोन अप्लाई करने जाओगे तो सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर चेक किया जाएगा। अगर आपको भी कम ब्‍याज दर पर लोन चाहिए तो आपको अपना क्रेडिट स्‍कोर हमेशा उच्‍च रखना चाहिए। उच्‍च क्रेडिट स्‍कोर बताता है कि आप एक जिम्‍मेदार उधारकर्ता हैं और आपके लोन चुकाने की संभावना बहुत ज्‍यादा है आइए जानते हैं इसकी पुरी डिटेल्स...
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CIBIL Score: सस्ता लोन लेने के लिए कितना होना चाहिए सिबिल स्कोर

My job alarm (ब्यूरो) : पर्सनल लोन लेना ज्यादा मुश्किल नहीं होता। इस लोन के लिए कस्टमर को ज्यादा कागजी कार्यवाही भी नहीं करनी पडती। लेकिन यदि आपको कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन चाहिए तो हम (Free CIBIL Score and Report) आपको बताएगें कि आप कैसे आप सस्ता लोन पा सकते हैं। सबसे जरूरी बात यह हैं कि कम ब्याज दर पर पर्सनल (How to Improve Credit Score) लोन लेने के लिए आपका सिबिल स्कोर अच्छा होना चाहिए। इसके साथ ही अगर आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ गया है तो इस आर्टिकल में हम जानेगें कि इसे कैसे सुधार सकते हैं।


पहले आपको ये जान लेना चाहिए कि पर्सनल लोन मिलना बेसक आसान हो लेकिन पर्सनल लोन अन्य ऋणों की तुलना में महंगा होता है। क्योंकि बैंक पर्सनल लोन देकर ज्यादा ब्याज दरें वसुलते हैं।  उच्‍च क्रेडिट स्‍कोर बताता है कि आप एक जिम्‍मेदार उधारकर्ता हैं और आपके लोन चुकाने की संभावना बहुत ज्‍यादा है। पर्सनल लोन की ब्‍याज दर हर बैंक की अलग-अलग है. यह 9 फीसदी सालाना से लेकर 30 फीसदी तक हो सकती है.


आपका क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय स्थिति की जानकारी देता हैं। क्योंकि सिबिल स्कोर से आसानी से यह पता लगाया जा सकता हैं। खास तौर पर लोन के लिए बैंक आपका सिबिल चेक करने के बाद ही लोन (CIBIL score report) अप्रुव करता हैं। इसी वजह से आपको एक हेल्दी क्रेडिट स्कोर मेंटेन करके रखें. अच्छा क्रेडिट स्कोर हो तो आप कई फायदे उठा सकते हैं. आप सस्ता लोन पाने के लिए इसकी मदद ले सकते हैं. 

बैंक अच्छे क्रेडिट स्कोर पर सस्ता (Loan Solutions) लोन देते हैं. बैंक सिबिल स्कोर के आधार पर कर्ज देते हैं. अगर आपका सिबिल स्कोर टॉप नॉच है तो आपको लोन रेट पर 0.15-0.25% डिस्काउंट मिल सकता है.


CIBIL score क्यों जरूरी होता है?

  • सिबिल स्कोर से क्रेडिट हिस्ट्री पता चलती है.
  • बैंक लोन अप्लाई करने वाले का सिबिल स्कोर देखते हैं.
  • आवेदक के लोन बिहेवियर को जांचा जाता है.
  • क्रेडिट स्कोर में मौजूदा लोन, बिल का पेमेंट का खाका होता है.
  • क्रेडिट स्कोर का दायरा 300 से 900 के बीच होता है.
  • 700 या इससे ज्यादा स्कोर हो तो बैंक इसे अच्छा मानते हैं.


CIBIL score का पैरामीटर क्या है?

  • बहुत ही अच्छा- 800-850
  • बहुत अच्छा- 799-740
  • अच्छा- 739-670
  • ठीक- 699-580
  • बहुत खराब- 579-300
  • कैसे बिगड़ता है क्रेडिट स्कोर?
  • समय पर कर्ज भुगतान न करने पर
  • क्रेडिट लिमिट से ज्यादा कर्ज लेने पर
  • लोन डिफॉल्ट करने पर
  • लोन सेटलमेंट करने पर
  • गारंटर बनने पर


कम CIBIL score है तो क्या होगा?
सिबिल स्कोर अगर कम है तो (Personal Loan Interest Rate) दिक्कत होगी. पर्सनल या बिजनेस लोन के लिए आवदेन दिया है तो बैंक से लोन मिलने में मुश्किल पेश आएगी. लोन की मंजूरी/नामंजूरी क्रेडिट स्कोर पर निर्भर होती है. कम स्कोर हो तो लोन नामंजूर होने की आशंका ज्यादा होती है. कम स्कोर का असर लोन की रकम पर भी पड़ता है.

सिबिल स्कोर कैसे सुधारें? (How to improve Bad CIBIL Score?)

  • जरूरत से ज्यादा और बड़ा लोन नहीं लें.
  • EMI समय पर भरें.
  • क्रेडिट कार्ड का बिल भरें.
  • क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो कम रखें.
  • क्रेडिट कार्ड पर लोन लेने से बचें.
  • पुराना क्रेडिट कार्ड बंद नहीं करें.
  • पुराने क्रेडिट कार्ड की पेमेंट हिस्ट्री आएगी काम.
  • एलिजिबिलिटी देखने के बाद ही लोन आवेदन दें.
  • क्रेडिट स्कोर समय-समय पर चेक करें.


सस्ते होम लोन के टिप्स (Tips for cheaper Home Loan Rate)

  • लोन की टर्म एंड कंडीशन पढ़ें.
  • प्रोमोशनल ऑफर को अच्छे से समझें.
  • आर्थिक स्थिति को आंकें.
  • EMI को आय के 30-40% तक सीमित रखें.
  • लोन की ऑनलाइन तुलना जरूर करें.
  • प्रोसेसिंग फीस के अतिरिक्त चार्ज का पता करें.


कैसे मिलेगा सस्ता कर्ज?

  • अच्छा क्रेडिट स्कोर रखें.
  • लोन-टू-वैल्यू रेश्यो कम रखें.
  • ज्वाइंट होम लोन ले सकते हैं.
  • ज्वाइंट होम लोन (Joint Home Loan)
  • होम लोन में को-एप्लिकेंट जोड़ सकते हैं.
  • को-एप्लिकेंट का आय स्थायी, क्रेडिट स्कोर अच्छा हो.
  • को-एप्लिकेंट जोड़ने से लोन अप्रूव होने के चांस बढ़ते हैं.
  • ज्वाइंट होम लोन पर इनकम टैक्स का फायदा भी मिलता है.


कम लोन-टू-वैल्यू रेश्यो -

  • कम लोन-टू-वैल्यू रेश्यो लोन के लिए अच्छा होता है.
  • घर खरीदने के लिए अपना योगदान ज्यादा रखें.
  • कम रेश्यो चुनने से प्रॉपर्टी में खरीदार का योगदान बढ़ता है.
  • बैंक का जोखिम कम होता है, लोन अफोर्डिबिलिटी बढ़ती है.


फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो (Fix Obligation to Income Ration)
बैंक ग्राहक का FOIR भी देखते हैं. FOIR का मतलब फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो यानी कि आपकी इनकम कितनी है और किस्त भरने की आपकी क्षमता कितनी है. यानी कि आप हर महीने लोन की कितनी किस्त दे सकते हैं. आपका खर्च सैलरी के 50% के बराबर हो तो लोन रिजेक्ट हो सकता है.
 

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