CIBIL Score : क्या बार बार चेक करने से खराब होता है सिबिल स्कोर, लोने लेने वाले जान लें जरूरी बात
My job alarm - (Cibil score for loan) लोन लेने का विचार कर रहे है तो आपको सबसे पहले ये मालूम होना चाहिए कि आपका सिबिल स्कोर कितना है। क्योंकि सिबिल स्कोर से ही ये निर्धारित किया जाता है कि आप लोन देने के योग्य है भी या नही। इसी के आधार पर आपकी वित्तिय येग्यता का अंदाजा लगाया जाता है। अगर आप पहली बार लोन के लिए अप्लाई करने वाले (how to apply for loan) है तो आपको बता दें कि जब भी किसी लोन, फाइनेंस या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर ही चेक करता है। इसलिए लोन या बाकी किसी फाइनेंशियल सुविधा के लिए अप्रूवल दिलाने में सिबिल स्कोर का रोल अहम होता है। एक बेहतर स्कोर आपको आकर्षक दर पर जरूरत के अनुसार राशि लोन के रूप में दिला सकता है। सिबिल स्कोर चेक करना अब पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है। आज कल आप अपने स्मार्टफोन के जरिए एक मिनट में आसानी से इसे चेक कर सकते (How to check cibil score) हैं।
लेकिन यहां एक और जरूरी बात ये भी है कि क्या आप जानते हैं कि बार-बार सिबिल स्कोर चेक (Frequent CIBIL Score Checking effects) करने पर आपको बड़ा नुकसान हो सकता है और आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि बार-बार सिबिल स्कोर चेक करने से आपको क्या नुकसान हो सकते हैं और जरूरत पड़ने पर आपको कौन से ऐप से इसे चेक करना चाहिए।
सिबिल स्कोर खराब होने के क्या है कारण
सिबिल स्कोर की रेंज 300 से 900 के बीच होती (cibil score range) है। अगर आपको सिबिल स्कोर 700 से ज्यादा है तो वो अच्छा माना जाता है। इसमें आपको लोन मिलने की संभावना भी ज्यादा होती है। लेकिन अगर वही सिबिल स्कोर 500 या उससे कम हो तो आपको लोन मिलने के चांस न के बराबर ही है। अगर आपका सिबिल स्कोर ही खराब (reason for bad cibil score) हो जाता है तो आपकी परेशानी बढ़ जाती है। आपका सिबिल स्कोर कई चीजों पर निर्भर करता है। लेकिन इस पर सबसे ज्यादा असर आपके द्वारा लिए गए किसी लोन या क्रेडिट का समय पर भुगतान करने या नहीं करने का होता है। वहीं अगर आप बार-बार सिबिल स्कोर चेक करते हैं तो इसका असर भी आपके स्कोर पर पड़ सकता है और वह कमजोर होने लगता है।
सिबिल स्कोर बार-बार चेक करना पड़ सकता है भारी
अब ये तो स्वाभाविक बात है कि जब भी लोन की जरूरत हो तो व्यक्ति अलग-अलग बैंक में इसके लिए अप्लाई करता है। लोन मिलना आपके सिबिल स्कोर पर निर्भर करता है। इन सभी बैंक जिनमें कि आपने लोन के लिए अप्लाई किया है उनके द्वारा आपका सिबिल स्कोर चेक किया जाता है। इस तरह अलग-अलग बैंक जब किसी का सिबिल स्कोर चेक करते हैं तो उसमें गिरावट आ जाती (reason for decline in cibil score) है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंक जब आपका सिबिल स्कोर चेक करते हैं तो वह हार्ड सिबिल स्कोर होता है। वहीं जब यूजर्स ऐप की मदद से स्कोर चेक करता है तो वह सॉफ्ट स्कोर चेकिंग (soft cibil score checking) होता है। इन दोनों ही तरीकों से सिबिल स्कोर चेक करने पर उसके कमजोर होने की संभावना होती है। जितना आपका सिबिल स्कोर चेक किया जाता है उतना ही वो कमजोर होता चला जाता है।
अलग-अलग ऐप से सिबिल स्कोर चेक करने के ये हो सकते है नुकसान
जो लोग लोन लेने के बारे में सोच रहे होते है वो बार बार अपना सिबिल स्कोर चेक करते रहते (impact of checking credit score again and again) है। कई बार तो लोग बिना किसी वजह ही अपने सिबिल स्कोर को देखते रहते है कि इसमें कमी आई या बढ़ोतरी हुई लेकिन आपको बता दें कि ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। लोग अकसर अपने स्मार्टफोन के जरिए अलग-अलग ऐप से बार-बार यह देखने के लिए सिबिल स्कोर चेक (how to check cibil score on smartphone) करते रहते हैं कि उनके स्कोर में कितना सुधार हुआ है। लेकिन ऐसा करने से आपके स्कोर के और भी ज्यादा खराब होने की संभावना रहती है।
आपको बता दें कि अलग-अलग ऐप के जरिए सिबिल स्कोर चेक करने पर आपको दो तरह के नुकसान हो सकते हैं। एक आपका सिबिल स्कोर खराब होगा और दूसरा उन सभी ऐप के पास आपका डेटा चला जाएगा। इससे ऑनलाइन फ्रॉड (online frauds) होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। अगर आप अपना सिबिल स्कोर (cibil score) चेक करना चाहते हैं तो किसी एक आधिकारिक ऐप के जरिए ही इसे चेक करें और इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा जरूरत होने पर ही करें।