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CIBIL Score : लोन नहीं भरने के अलावा इस कारण भी खराब होता है आपका सिबिल स्कोर, भूलकर भी न करें गलती

CIBIL Score:  किसी भी बैंक से कोई भीलोन लेना हो, सिबिल स्कोर की बात होती है।  ये सिबिल स्कोर होता क्या है ये जानना बेहद जरूरी है। समझने के लिए एक बात समझें, आपसे किसी ने पैसा मांगा है। आपको यदि बड़ी रकम देनी है तब आप ये जरूरी देखेंगे कि पैसा वापस मिलने में कोई दिक्कत तो नहीं होगी। क्या उधार मांगने वाला इतना सक्षम है कि वह पैसा लौटा देगा। उसका ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है। क्या इसने पहले किसी से उधार पैसे लिए हैं। उधार लिया है तो वापस कितने दिनों में किया है। क्या वापस देने में कोई आना-कानी तो नहीं की है। यदि किश्तों (Loan EMI) में पैसा वापस किया है तो क्या किश्त सही समय पर चुकी है। आप कुछ इन बातों पर ध्यान देंगे। इन्हीं सब बातों से सिबिल स्कोर (CIBIL Score) का नाता है। इस कारण बैंक से लोन लेने में सिबिल स्कोर का जिक्र आता है। 
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CIBIL Score : लोन नहीं भरने के अलावा इस कारण भी खराब होता है आपका सिबिल स्कोर, भूलकर भी न करें गलती

My job alarm - (credit card)   अब ये तो आप समझ गए होंगे की सिबिल स्कोर अगर खराब हो जाए तो कोई भी बैंक आपको पैसा नहीं देगा। यहां आपको ये जानना भी जरूरी है कि सिबिल स्कोर (CIBIL Score low) खराब क्यों होता है। सबसे पहला कारण है समय पर पैसे न देना। मान लीजिए आपने बैंक से पैसे उधार लिए हैं या क्रेडिट कार्ड का बिल है, अगर आप समय पर ये पैसे नहीं देते, तो आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है। दूसरा बहुत ज्यादा कर्ज लेना, अगर आप बहुत सारे कर्ज ले लेते हैं, तो बैंक को लगता है कि शायद आप सारे पैसे वापस नहीं कर पाएंगे। इस कारण सिबिल स्कोर कम होता है। तीसरा कारण क्रेडिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल करना है अगर आप क्रेडिट कार्ड पर बहुत ज्यादा खर्च करते हैं और हर महीने पूरा बिल नहीं भरते, तो भी सिबिल स्कोर खराब हो सकता है। 


अब जानते हैं एक और प्रमुख कारण जिसके चलते आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है।  आप जानते हैं कि अब घर पर बैठकर आप मोबाइल पर आसान स्टेप्स के साथ सिबिल स्कोर चेक कर सकते हैं। लेकिन यह सुविधा आपके लिए नुक्सान का कारण भी बन सकती हैं। जी हां, दरअसल, बार-बार क्रेडिट स्‍कोर चेक करने से आपका सिबिल स्‍कोर (Cibil Score) कम हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई हैं? क्रेडिट स्‍कोर के कम होने की कई वजह हो सकती हैं। आमतौर पर सिबिल स्‍कोर कम होने की वजह लोन चुकाने में देरी होती है। बार-बार स्‍कोर चेक करने से ये कम होता है या नहीं, इसके लिए आपको पहले हार्ड इन्क्वायरी (Hard Enquiry) और सॉफ्ट इन्क्वायरी (Soft Enquiry) को समझना होगा। लेकिन, पिछले कुछ समय में RBI को इसे लेकर कई शिकायतें मिलीं। इसलिए RBI ने बदल दिया इससे जुड़ा नियम। दरअसल, बैंक अधिकारियों (How to Improve CIBIL Score) का कहना हैं कि सिबिल तभी चेक कराएं, जब आपको बैंक के साथ वित्तीय व्यवहार रखना हो। इससे संकट के समय आपको बैंक से ऋण लेने में परेशानी आ सकती है।
 


Cibil स्कोर क्या है?
Cibil स्कोर एक तीन अंकों का नंबर (CIBIL Score Meaning) होता है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिटवर्थिनेस को दर्शाता है। बता दें कि यही आपको बैंक से कर्ज दिलवाने में सबसे अहम रोल अदा करता हैं। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, जिसमें 750 या उससे ऊपर का स्कोर एक अच्छा स्कोर माना जाता है। यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा होगा तो आपको बैंक भी आसानी से लोन दे देगें।


सिबिल के अंक बताते हैं आपका व्यवहार


सिबिल आपको बैंक से कर्ज दिलाने में सबसे अहम रोल अदा करता हैं। जिन लोगों का सिबिल स्कोर माइनस -वन होता है, उनका पिछले 24 महीने में बैंक से ऋण संबंधी लेनदेन का कोई व्यवहार नहीं माना जाता है। लेकिन जिनका सिबिल स्कोर एक है उनका डिफाल्टर होने का खतरा सर्वाधिक होता है। यदि आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Rating Hindi) दो है तो डिफाल्टर होने का खतरा होता है। स्कोर तीन होने से डिफाल्टर होने खतरा सामान्य होता है। इसी के चलते आपको बता दें कि यदि सिबिल स्कोर कम हैं तो ऋण ज्यादा ब्याज पर मिलेगा। बैंक अधिकारी बताते हैं ऐसे लोग, जिनका सिबिल स्कोर 750 से कम होता है उनसे बैंक ब्याज अधिक लेती है। उनका बैंक के साथ लेन देन ठीक नहीं रहा। इसलिए (Reserve Bank Of India) उन पर बैंक ब्याज नौ फीसद से अधिक रहता है। 750 से अधिक स्कोर होने पर बैंक ब्याज 8.70 फीसद है, जिनका सिबिल स्कोर माइनस-वन है उन पर बैंक का ब्याज 8.80 निर्धारित है।


हार्ड इंक्वारी के नुक्सान


बैंक अधिकारियों का कहना है कि जब भी उनके पास कोई हितग्राही ऋण लेने आता है, तब वह उसकी सिबिल देखते हैं, जिसमें यह पता चलता है कि बैंक के साथ उसका व्यवहार रहा है या नहीं। आम तौर पर, जब आप खुद अपना Cibil स्कोर (Credit Card Bill) चेक करते हैं, तो इसे "सॉफ्ट इंक्वायरी" कहा जाता है। सॉफ्ट इंक्वायरी आपके स्कोर को प्रभावित नहीं करती है। लेकिन जब कोई बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन आपके क्रेडिट स्कोर को चेक करता है, तो इसे "हार्ड इंक्वायरी" कहा जाता है। हार्ड इंक्वायरी आपके Cibil स्कोर को कुछ पॉइंट्स से घटा सकती है।

 

 हर किसी से न कराएं सिबिल चेक
सिबिल हर किसी से चेक न कराएं। आपके साथ धोखा हो सकता है। सिबिल में आपकी पूरी जानकारी होती है। उसमें बैंक डिटेल से लेकर आपका पेन, आधार, आपका, मोबाइल नंबर, मेल आइडी सबकुछ होता है। यह जब किसी अनजान व्यक्ति के पास पहुंचता है तो वह आपके डेटा का गलत उपयोग कर सकता है। जिससे आपको वित्तीय जोखिम भी उठाना पड सकता हैं। 

 

जानिए जरूरी सवालों के जवाब


सवाल: पैसा बाजार, पेटीएम, गूगल पर फ्री में सिबिल देखने पर स्कोर पर कोई प्रभाव पड़ता है।
जवाब: यह साफ्ट इंक्वारी मानी जाती है। आपने इंक्वारी की इसकी डिटेल आपके सिबिल में जुड़ेगी, लेकिन स्कोर पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सवाल: बैंक या फिर किसी क्रेडिट कार्ड बनाने वाली कंपनी से स्कोर चेक कराना उचित है?
जवाब: इसके जवाब में बताया गया हैं कि बिना आवश्यकता बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी से स्कोर चेक न कराएं। यह हार्ड इंक्वारी में आती है, जो आपका सिविल स्कोर कम करती है। बार-बार चेक कराने वाले व्यक्ति के साथ बैंक व्यवहार रखने से कतराते हैं।

 

इसी के चलते आप जितनी बार किसी भी प्लेटफार्म से सिबिल चेक करेंगे वह आपके सिबिल में जुड़ जाती है। यदि आप बार बार अपना सिबिल (Improve CIBIL Score) स्कोर जांच कर रहे हैं तो कोई भी बैंक आप पर संदेह कर सकता हैं। क्योंकि बैंक से आपका कोई व्यवहार नहीं हो रहा हैं। इससे आपके साथ ऋण देने संबंधी व्यवहार रखने से कतराते हैं।

 


आप जितनी बार सिबिल जांचते हैं। उतनी बार आपका स्कोर कम होता है। अच्छा स्कोर ही आपको बैंक से ऋण दिलाने में मदद करता और (HOW TO CHECK CREDIT SCORE) ब्याज भी कम लगता है। क्रेडिट कार्ड के लिए या बिना किसी प्रायोजन के सिबिल स्कोर जांचना दुखदायी हो सकता है। इसलिए प्रयास करें कि इसे बार-बार न देखें।

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