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Cheque Signature Rule : चेक के पीछे क्यो किया जाता है साइन, जारी करने से पहले जान लें नियम

Bank Cheque Signature Rules : आज के समय में लोग यूपीआई के जरिए पेमेंट करने लगे है। इसके चलते अब लोगों के पास कैश बेहद कम ही मिलता है। यूपीआई ने पेमेंट प्रोसेस को काफी आसान बना दिया है। लेकिन इसी के साथ ही चेक का महत्व भी कम नही हुआ है। लोग आज भी चेक के जरिए भुगतान करते है। लेकिन इसके बावजूद बहुत से लोग ये नही जानते है कि चेक के पीछे साइन (sign on back of cheque)  कब और क्यो किया जाता है। ऐसे में आइए आज हम आपको बताते है कि क्यो करते है चेक के पीछे साइन...
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Cheque Signature Rule : चेक के पीछे क्यो किया जाता है साइन, जारी करने से पहले जान लें नियम

My job alarm - (Bank Cheque Rule) आज के इस डिजिटलीकरण के जमाने में भी चेक की उपयोगिता कम नही हुई है। आज भी अगर 50 प्रतिशत लोग डिजिटल माध्यम यानि कि गूगल पे, फोन पे आदि का इस्तेमाल करते है तो वहीं आधी जनता कैश और चेक के जरिए अपना लेन-देन का सारा काम करती है। अधिकतर लोग अपनी बड़ी पेमेंट चेक (cheque apyment)  के जरिए करना ही उचित और सेफ समझते है। अब बात करते है चेक के नियमों (cheque rules) की तो अकसर लोग चेक के जरिए लेन देन तो कर रहे है लेकिन ये लोग इसके नियमों से अवगत नही है। अब चेक के पीछे साइन करने की ही बात करें तो लोग ये काम कर जरूर रहे है लेकिन बिना इसके पीछे की वजह जानें। 

 


क्या है चेक के पीछे साइन करने की वजह


इतना कुछ पढ़ने के बाद अब आपके मन में भी ये सवाल तो जरूर उठा होगा कि आखिर ऐसा किया क्यो जाता है। इसलिए हम आपको बता दें कि चेक के पीछे साइन (why to do sign on back of cheque) करने की खास वजह है बैंकों का खुद को सुरक्षित करना। इससे यह तय हो जाता है कि इस चेक के जरिए किया जाने वाला ट्रांजैक्शन आपकी सहमति से हुआ है और इसमें किसी तरह की गलती होने पर बैंक जिम्मेदार नहीं होगा। तो कुल मिलाकर बैंक अपनी ओर से सारी सिरदर्दी ग्राहक पर ही छोड़ता है। अगर बियरर चेक खो जाता है, तो बैंक भुगतान कर देता है, तो दावे के वक्त बैंक अपनी स्थिति साफ कर सकता है। साथ ही, अगर कोई गलत व्यक्ति को ट्रांसफर हो जाता है, तो उसमें बैंक की कोई गलती नहीं है।


चेक के पीछे साइन करने का मतलब


बैंक चेक के पीछे साइन करना बेहद जरूरी काम होता है। चेक के पीछे साइन (sign on back of check) करने को सबूत कहा जाता है। इस स्थिति में अगर कोई व्यक्ति साइन करने से मना करता है, तो उसे कैश निकालने के लिए बैंक में फ़ॉर्म भरकर आवेदन देना होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंक उस व्यक्ति की पूरी जानकारी एक पेपर पर लिखने के बाद ही उसे पैसे निकालने की अनुमति देता है। ऑर्डर चेक (what is order cheque) के मामले में चेक के पीछे साइन की जरूरत नहीं होती।


कौन करता है चेक के पीछे साइन


अगर आपने आज तक चेक के जरिए भुगतान  आदि नही किया है तो ये खबर वैसे भी आपके लिए बेहद काम की है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि चेक भेजने वाला व्यक्ति चेक के सामने सिग्नेचर (cheque signature rules in hindi)  करता है, ताकि बताई गई रकम उसके बैंक खाते से निकलकर चेक रिसीवर को दी जा सके। वहीं, चेक पाने वाले व्यक्ति को चेक लेन-देन को अंतिम रूप देने और पैसा पाने के लिए चेक के पीछे सिग्नेचर या समर्थन करना होता है। यही वजह है कि चेक के पीछे साइन करना बेहद जरूरी होता है। 

 


लेकिन यहां आपका ये जान लेना भी बेहद जरूरी है कि हर चेक के पीछे साइन करना जरूरी नहीं होता। बता दें कि सिर्फ बियरर चेक के पीछे साइन किया जाता है। अब आप य सोच रहे होंगे कि आखिर ये बियरर चेक (bearer cheque) कौन सा होता है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बियरर चेक, वह चेक होता (what is bearer cheque) है, जिसे बैंक में जमा कराया जाता है और उसमें किसी व्यक्ति का नाम नहीं होता। इस चेक की मदद से कोई भी कैश बैंक से निकाल सकता है। अगर इस तरह के चेक से कोई फ़्रॉड होता है, तो बैंक की जिम्मेदारी नहीं होती। इसलिए, बैंक बियरर्स चेक के पीछे साइन (sign on bearers cheque) करवाता है। पीछे साइन किए बिना बैंक बियरर्स चेक को स्वीकार नहीं करता।


अगर कोई चेक एक से ज़्यादा लोगों या कंपनियों के लिए है, तो चेक के पीछे दूसरे पक्ष के सिग्नेचर (what is the need to sign on back of cheque) जरूरी होते हैं। या, अगर कोई आपको अपना बना हुआ चेक दे रहा है, तो उसके पीछे भी उसके सिग्नेचर होने चाहिए।
 

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