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UP के इन शहरों में घर खरीदना हुआ महंगा, योगी सरकार ने बदले नियम

Property Rate Hike : अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन इस बढ़ते महंगाई के जमाने में खुद का घर खरीदना कोई आसान बात नहीं है। रियल एस्टेट बाजार में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है जिसके चलते प्रॉपर्टी के रेट भी दिन प्रतिदिन आसमान छू रहे हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में पिछले कुछ सालों में यहां घर खरीदने (Propert Rate Hike In Noida) की डिमांड तेजी से बढ़ रही थी। क्योंकि यूपी के ये क्षेत्र किफायती प्रोपर्टी के लिए खूब जाने जाते थें लेकिन अब यूपी सरकार ने रियल एस्टेट बाजार में कुछ बदलाव किए हैं। जिससे प्रोपर्टी के रेट में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। आईये नीचे खबर में जानते हैं - 

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UP के इन शहरों में घर खरीदना हुआ महंगा, योगी सरकार ने बदले नियम

My job alarm - अगर आप भी यूपी में फ्लैट खरीदने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, आपको बता दें कि यूपी सरकार ने हाल ही में एक नया नियम जारी किया है। जिसके चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट बाजार में (noida authority builder buyer agreement) एक बड़ा  बदलाव आया है। जहां ये दोनों क्षेत्र मध्यम वर्गीय प्रॉपर्टी के लिए जाने जाते थे, वहीं यहां की प्रॉपर्टी की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं।जिससे खरीददारों की जेब पर भार पड़ने के आसार बढ़ गए हैं। आइए जानते हैं इस बारे में खबर के माध्यम से।

इस नियम को लागू करने का मकसद 

यूपी सरकार के इस नए नियम के तहत अब फ्लैट की कुल कीमत का 10 प्रतिशत पेमेंट (noida builder buyer agreement charges) करने के बाद बिल्डर-बायर एग्रीमेंट को रजिस्टर कराना (property latest news noida) अनिवार्य होगा। इस फैसले से घर खरीदने वाले और डेवलपर्स के बीच खलबली मची है। लेकिन सरकार का इस नियम को लागू करने का मकसद रियल एस्टेट बाजार में पारदर्शिता लाना है।

खरीदारों पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ

इन नए नियमों के मुताबिक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में (noida property news) खरीदारों को रजिस्ट्रेशन के लिए फ्लैट की कीमत का 10 प्रतिशत पेमेट, 6 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन चार्ज का भुगतान करना होगा। सरकार की यह व्यवस्था दूसरे राज्यों से अलग है, नियम के लागू होने से पहले यह खर्च प्रोजेक्ट के पूरा होने पर किया जाता था, जिससे खरीददार अपनी आर्थिक स्थिती अनुसार इसकी पेमेंट (noida me flats Registraion fees) करते थे। लेकिन अब नए नियमों के अनुसार पैसा नहीं होने की कंडीशन में सरकारी नियमों का पालन करना होगा।

मध्यवर्गीय परिवारों को आ सकती हैं दिक्कतें


इस नए नियम के तहत खरीदारों को पहले ही बड़ी राशि जमा करनी होगी, जिसके चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा(Noida me flats ki kimat) जैसे इलाकों में खासतौर पर मध्यवर्गीय परिवारों के थोड़ी मुश्किलें हो सकती हैं।खरीदारी से पहले ही बड़ी राशि जमा करने के चलते कई टोल अपने इन क्षेत्रों में फ्लैट लेने के निर्णय(Noida aur Greater Noida me Property ke rate) को बदल सकते हैं। जिससे घर खरीदने वालों की संख्या में कमी आ सकती है।


बिल्डरों को करना पड़ेगा इन चुनौतियों का सामना

बिल्डरों और खरीददारों को हर सेल समझौते को जल्द रजिस्टर कराने की जिम्मेदारी को ओर भी ढंग से निभाना पड़ेगा। जिसके चलते खासकर बिल्डरों पर प्रशासनिक और वित्तीय बोझ बढ(UP rules on property prices) सकता है। इन नियमों के लागू होने से प्रोजेक्ट की कॉस्ट में बढ़ोतरी और निर्माण कार्य में देरी होने की संभावना है। इस बारे में एक्सपर्टस की राय है कि ये नए नियम बिल्डरों के कामकाज को और चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं, जिससे प्रोजेक्ट समय पर पूरे न हो पाने के कारण खरीदार असंतुष्ट हो सकते हैं। उनका मानना है कि यह नया नियम हर किसी को घर (Propert Rates In Noida And Greater Noida)के सपने को भी प्रभावित कर सकता है

अन्य राज्यों में घर के रजिस्ट्रेशन के शुरुआती चार्ज


अन्य राज्यों की बात करें तो हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में घर का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए शुरुआती चार्ज बेहद कम है जो कि लगभग 1,000-10,000 के बीच (hariyana aur maharashtr me flats registration fees)है। यहां खरीदारों की जेब पर ज्यादा भार इसलिए नहीं पड़ता है क्योंकि इन राज्यों में बड़े खर्च प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद करने पड़ते हैं। जिससे खरीदार की आर्थिक स्थिति बनी रहती है और बिल्डरों को चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं, यूपी के इन दो क्षेत्रों में 6 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1प्रतिशत पंजीकरण कराने(increased property costs in Noida-Greater Noida) के लिए खरीददारों को शुरुआत में ही ज्यादा पैसे अरेंज करने होंगे। इससे बिल्डरों और खरीददारों दोनों पर बोझ बढ़ सकता है।


रिफंड नीतियों की कोई  स्पष्टता नहीं 


इस मामले में रिफंड नीतियों की स्पष्टता नहीं बताई गई है जिसके चलते खरीददारों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। मान लों कि अगर किसी खरीददार को किसी रिजन से बुकिंग रद्द करानी पड़े, तो उन्हें पहले से चुकाई गई स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज का नुकसान (costly flats in Noida due to new rules) उठाना पड़ सकता है। इस बारे में रियल एस्टेट एक्सपर्ट का कहना है कि लगभग 15-20 प्रतिशत खरीदार किसी न किसी वजह से बुकिंग कैंसिल करते हैं। इससे खरीदारों का भरोसा डगमगा सकता है।

बाजार में बढेगा कंपिटिशन 


इन नए नियमों से नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे इलाकों में घर खरीदनें वालों की संख्या में कमी ला (Noida real estate) सकती है। क्योकि खरीदार अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही पैसे अरेंज कर सकते हैं। तो इसलिए खरीददार उन राज्यों का रुख कर सकते हैं, जहां शुरुआती खर्च कम हो। इसके साथ ही बिल्डरों पर काम का दबाव बढेगा, क्योंकि बढ़ती लागत और देरी से बिल्डरों के प्रोजेक्ट महंगे हो सकते हैं, जिससे बाजार में कंपिटिशन भी प्रभावित होगा।

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