Business Ideas: आपके पास है थोड़ी बहुत जमीन तो एक साथ शुरू करें ये 2 बिजनेस, मुनाफा होगा डबल
Business Ideas: अगर आप भी अपना कोई नया बिजनेस शुरू कर मोटी कमाई करना चाहते है तो ये खबर आपके लिए है। आपको बता दें कि इन बिजनेस को शुरू करने के लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद भी मुहैया कराई जा रही है... ऐसे में बिजनेस से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे.
My job alarm - Business Idea: अगर आप भी नया बिजनेस शुरू कर मोटी कमाई करना चाहते हैं तो आज हम आपको अपनी इस खबर में बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। बता दें कि इन बिजनेस को शुरू करने के लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद भी मुहैया कराई जा रही है। ऐसे में आप भी जान लें इन बिजनेस से जुड़ी पूरी जानकारी-
मछली के साथ बत्तख पालन का बिजनेस कैसे करें शुरू?
मछलियों के साथ बत्तख पालन के लिए अच्छी नस्ल की बत्तख पालनी चाहिए। बत्तख पालन के लिए खाकी कैम्पबेल प्रजाति, सिलहेट मेटे (भारतीय प्रजाति), नागेश्वरी (भारतीय प्रजाति), इंडियन रनर प्रजाति को चयन कर सकते हैं। मछली के साथ बत्तख पालन (Duck Farming) के लिए ऐसे तालाब का चयन किया जा सकता है। (How to start my own business)
जिसकी गहराई कम से कम 1.5 से 2 मीटर हो। तालाब में 250 से 350 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से चूने का इस्तेमाल करना चाहिए। तालाब के ऊपर या किसी किनारे पर बत्तखों के लिए बाड़ा बना सकते हैं। तालाब पर बांस और लकड़ी से बाड़ा बनाएं। बाड़ा हवादार होने का साथ-साथ सुरक्षित भी होना चाहिए। एक हेक्टेयर एरिया में 250 से 300 बत्तख पाल सकते हैं।
ये दोनों बिजनेस एक-दूसरे को सहयोग करने के साथ-साथ कम लागत (Lower costs as businesses cooperate with each other) में अधिक उत्पादन मिलता है। इस तरह के बिजनेस से मछली पालन (fish farming) पर होने वाले खर्च में करीब 60 प्रतिशत की बचत की जा सकती है। इसके साथ ही बत्तख, तालाब की गंदगी को खाकर उसकी साफ-सफाई कर देती हैं। ये पानी में तैरने से तालाब में ऑक्सीजन (oxygen in pond) का स्तर भी बढ़ा देती हैं। इससे मछलियों की ग्रोथ बढ़ जाती है।
मछली के साथ बत्तख पालन से ऐसे होता है फायदा-
- मछली के साथ बत्तख पालन से सालाना 3500 से 4000 किलोग्राम मछली, 15,000 से 18000 अंडे और 500 से 600 बत्तख के मांस का उत्पादन किया जा सकता है।
- बत्तख को 120 ग्राम दाना रोज देना जरूरी होता है। वहीं मछली के साथ बत्तख पालन (Duck farming with fish) से 60 से 70 ग्राम दाना देकर आप आहार की मात्रा पूरी कर सकते हैं।
- मछली के साथ बत्तख पालन से तालाब में एक्स्ट्रा खाद (Extra fertilizer in the pond) डालने की जरूरत नहीं पड़ती है।
- बत्तख कीट-पतंगों, पौधे, मेढक के बच्चे आदि खाती है, जो कि मछलियों के लिए हानिकारक है।
- तालाब में बत्तख के तैरते रहने से वायुमंडल की ऑक्सीजन पानी में घुलती रहती है।
- एक हेक्टेयर तालाब में मछली के साथ पलने वाली 200-300 बतखों की बीट ही मछलियों के लिए भरपूर भोजन है।
