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Business Idea : इस पेड़ से फूल नहीं उगते हैं पैसे, एक बार लगाने पर 30 साल तक होगी बंपर कमाई

Business Idea : अगर आप भी खेती से जुड़ा कोई बिजनेस शुरू करना चाहते है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल आपको बता दें कि पलाश के फूलों की खेती (Palash Flower Cultivation) कर आप जिंदगी भर के लिए मालामाल हो सकते है। आप चाहें तो प्रति एकड़ खेत में 50 हजार रुपये की लागत से पलाश की बागवानी कर सकते हैं। जिसके बाद अगले 30 साल तक मोटी कमाई होगी।

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Business Idea : इस पेड़ से फूल नहीं उगते हैं पैसे, एक बार लगाने पर 30 साल तक होगी बंपर कमाई

My job alarm - अगर आप भी खेती से जुड़ा कोई बिजनेस शुरू करना चाहते है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल आपको बता दें कि पलाश के फूलों की खेती (Palash Flower Cultivation) कर आप जिंदगी भर के लिए मालामाल हो सकते है। पलाश के फूल को कई क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से पहचाना जाता है। इसे परसा, ढाक, टेसू, किशक, सुपका, ब्रह्मवृक्ष और फ्लेम ऑफ फोरेस्ट जैसे शब्दों से जाना जाता है। इसके इतने गुण हैं कि इसके बारे में बताने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। यह फूल अपनी खूबसूरती के लिए पहचाना जाता है। इसे उत्तर प्रदेश का राजकीय फूल भी घोषित किया गया है।

इस चीज में किया जाता है इस्तेमाल-

आपको बता दें कि इस फूल का इस्तेमाल रंग बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में इस फूल की खेती में तेजी से कमी आई है। वहीं दूसरी ओर किसान इस खेती से बढ़िया मुनाफा हासिल कर रहे हैं। यह फूल उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, मानिकपुर, बाँदा, महोबा और मध्य प्रदेश से जुड़े बुंदेलखंड में पाया जाता है।

पलाश के फूलों के सरकार ने भी दिया स्थान-

टेसू के महत्व को आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि सन 1981 में भारत सरकार ने 35 पैसे का डाक टिकट जारी किया था। वही उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pardesh) ने 8 दिसंबर 2010 को पलाश को राज्य पुष्प घोषित किया।

पलाश की खासियत (specialty of palash)-

इस फूल में कोई खूशबू नहीं होती। इसकी खेती झारखंड, दक्षिण भारत, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में होती है। दुनियाभर में जैविक रंगों के लिए मशहूर इन फूलों की खेती झारखंड के अलावा दक्षिण भारत में भी हो रही है। आप चाहें तो प्रति एकड़ खेत में 50 हजार रुपये की लागत से पलाश की बागवानी कर सकते हैं। जिसके बाद अगले 30 साल तक मोटी कमाई होगी। इसके बीज, फूल, पत्ते, छाल, जड़ और लकड़ी के अलावा पलाश का आयुर्वेदिक चूर्ण और तेल भी काफी अच्छे दामों पर बिकता है। इसके पौधे लगाने के बाद 3-4 साल में फूल आने लगते हैं।

जान लें पलाश के फूल के फायदे (Benefits of Palash flower)-

- अगर नाक, कान, मल-मूत्र या अन्य किसी जगह से रक्तस्त्राव हो तो पलाश की छाल का 50 मिली काढ़ा बनाएं और इसे ठंडा करके मिश्री में मिलाकर पीने से काफी लाभ होता है।

-पलाश के गोंद को 1 से 3 ग्राम मिश्री में मिलाकर दूध या आंवला के रस के साथ लें। इससे हड्डियां मजबूत होंगी।

- इसके साथ ही गोंद को गर्म पानी के साथ घोलकर पीने से दस्त का इलाज किया जा सकता है।

पलाश का विदेशों में भी है सम्मान-

ये पेड़ कितना महत्वपूर्ण है इसका अनुमान इस बात से लगा सकते हैं कि विदेशों में भी वहां की सरकारों ने पलाश पर डाक टिकट जारी किया। 25 अगस्त 2004 को बांग्लादेश, 1978 में थाईलैंड सहित कई देशों ने पलाश के पेड़ के फूल को सम्मान दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, 24 अगस्त 2004 को बांग्लादेश और 1978 में थाईलैंड (thailand) सहित कई देशों ने पलाश के फूल को सम्मान स्वीकार किया है।

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