Business Idea : इस पेड़ की खेती से होगी अंधाधुंध कमाई, पूरी दुनिया में रहती है डिमांड
Rubber Cultivation : अमीर बनना कोई मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए आपको नया आइडिया सोचकर उस पर काम करने की जरूरत है। यहां पर आपको ऐसा ही बिजनेस आइडिया देने जा रहे हैं, जिसके जरिये आपको करोड़पति बनने में देर नहीं लगेगी। आप कम जमीन और कम लागत से रबड़ की खेती करके हर महीने लाखों रुपये कमा सकते हैं। आइये जानते हैं रबड़ की खेती करने का सही तरीका।
My job alarm (ब्यूरो)। खेती आजकल नौकरी और बिजनेस से भी ज्यादा कमाई देने वाला प्रोफेशन बन गया है। खेती को आधुनिक तकनीकों व सही तरीके से किया जाए तो कम समय में छप्परफाड़ कमाई होने लगती है। बाजार में हमेशा डिमांड में रहने वाली चीजें उगाकर किसान खेती से लाखों-करोड़ों रुपये कमा (how to become rich ) रहे हैं। रबड़ की खेती (Rubber Ki Kheti) भी ऐसा ही प्रोफेशन है। रबड़ से कई वस्तुएं बनाई जाती हैं, इसलिए इसकी हमेशा डिमांड रहती है। इस कारण किसानों को इसके अच्छे भाव भी मिल जाते हैं।
इन पेड़ों से 40 साल तक होगी कमाई -
आप एक बार रबड़ का पेड़ लगा देते हैं तो 40 वर्षों तक पैसों की टेंशन लेने की जरूरत नहीं। इससे आप लगातार मुनाफा कमा सकते हैं। रबड़ की खेती (Rubber Ki Kheti Kaise Kren) के जरिए बंपर कमाई की जा सकती है। देश के कई क्षेत्रों में किसान रबड़ की खेती के जरिए बंपर कमाई कर रहे हैं। सरकार भी ऐसे किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। भारत रबड़ उत्पादन के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है। भारत में रबड़ का सबसे ज्यादा उत्पादन केरल राज्य में होता है। त्रिपुरा रबड़ उत्पादन में दूसरे नंबर पर है। यहां रबड़ के पेड़ बहुतायत में उगाए जाते हैं।
इस वजह से बड़ रही रबड़ की डिमांड -
भारत रबड़ के प्रमुख निर्यातक देशों में आता है। आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में भारत से करीब 12 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा नेचुरल रबड़ का निर्यात किया गया था। भारत से ब्राजील, अमेरिका, चीन, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, स्वीडन, पाकिस्तान, मलेशिया, बेल्जियम और तुर्की आदि कई देशों में रबड़ का निर्यात किया जाता है। भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी रबड़ की काफी डिमांड रहती है।
दरअसल रबड़ का इस्तेमाल (Rubber ka Use kaha hota h) टायर, इंजन की सील, इलेक्ट्रिक उपकरण और इलास्टिक बैंड जैस कई सामान बनाने में किया जाता है। रसोईघर के उपकरणों में भी इसका बड़े स्तर पर इस्तेमाल होता है। रबड़ के पेड़ों का इस्तेमाल रबड़वुड फर्नीचर (Rubberwood Furniture) बनाने में भी किया जाता है। रबड़ की पूरी दुनिया में डिमांड होने के कारण रबड़ की खेती करने के लिए केंद्र सरकार को वर्ल्ड बैंक से आर्थिक सहायता दी जाती है।
रबड़ को इस तरह किया जाता है तैयार
केंद्र सरकार और विश्व बैंक की ओर से रबड़ की खेती (Rubber Ki Kheti krne ka treeka) करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है। रबड़ के पेड़ काफी ऊंचे भी होते हैं। आमतौर पर 44 मीटर ऊंचे होते हैं। इस पेड़ में छेद करने पर इससे दूध जैसा पदार्थ निकलता है। इसे जमा किया जाता है, इसको लेटेक्स कहते हैं। इस लेटेक्स को एक खास केमिकल के साथ मिलाकर परीक्षण किया जाता है ताकि अच्छी क्वालिटी की रबड़ (Rubber Ki Keemat kitni h) तैयार की जा सके।
लेटेक्स को पहले सुखाया जाता है और इससे रबड़ शीट व दूसरे प्रोडक्ट बनाए जाते हैं। रबड़ के पौधों को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। रबड़ का पौधा 5 वर्ष में पेड़ (Rubber Tree) बन जाता है। इसके बाद इसमें उत्पादन शुरू होता है जो किसानों के लिए कमाई का जरिया बनता है।