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Budget 2025: इंश्योरेंस पर GST दरों में की जाए कटौती, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर 80C से अलग मिले छूट

Budget 2025 - यूनियन बजट 2025 से सभी सेक्टर्स को बड़ी उम्मीदें हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करेंगी, और केवल चार हफ्ते बचे हैं। हाल में आए नए वायरस HMPV के कारण इंश्योरेंस और हेल्थ सेक्टर (health sector) की मांग में वृद्धि हुई है। इस बार सरकार की ओर से कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं करने की संभावना है... ऐसे में आइए नीचे खबर में जान लेते है इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी-

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Budget 2025: इंश्योरेंस पर GST दरों में की जाए कटौती, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर 80C से अलग मिले छूट

My job alarm - (Union Budget 2025) यूनियन बजट 2025 से सभी सेक्टर्स को बड़ी उम्मीदें हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करेंगी, और केवल चार हफ्ते बचे हैं। मोदी सरकार के तीसरे टर्म का यह पहला पूर्ण बजट है, जिससे इंश्योरेंस सेक्टर (Insurance sector) को खास अपेक्षाएं हैं। सरकार ने अधिक से अधिक लोगों को इंश्योरेंस कवर दिलाने पर ध्यान केंद्रित किया है।

हाल में आए नए वायरस HMPV के कारण इंश्योरेंस और हेल्थ सेक्टर (health sector) की मांग में वृद्धि हुई है। इस बार सरकार की ओर से कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं करने की संभावना है, जो इन क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। वित्तमंत्री की रणनीतियों का प्रभाव वाणिज्यिक गतिविधियों (commercial activities) और लोगों की सुरक्षा पर पड़ सकता है। सभी की नजरें आगामी बजट पर टिकी हुई हैं।

टैक्स छूट बढ़ाने की जरूरत-

लोगों की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) खरीदने में सबसे बड़ी दिलचस्पी टैक्स बचाने के कारण होती है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है, जिसमें पीपीएफ और बच्चों की ट्यूशन फीस जैसी चीजें शामिल हैं। इससे इंश्योरेंस के लिए जगह कम पड़ती है। यदि इंश्योरेंस के लिए अलग से टैक्स छूट (tax free) का प्रावधान हो, तो इससे लोग टर्म इंश्योरेंस खरीदने के लिए प्रेरित होंगे। टर्म इंश्योरेंस सस्ती प्रीमियम दरों (Affordable term insurance premium rates) के साथ एक अच्छा सुरक्षा विकल्प है।

इंश्योरेंस सेक्टर पर जीएसटी दरों में कमी की जाए-

वर्तमान में, इंश्योरेंस पॉलिसी पर 18% जीएसटी लगता है, जो इन्हें महंगा बनाता है। इंश्योरेंस सेक्टर की मांग है कि इसे घटाकर 5% किया जाए, जिससे प्रीमियम कम होंगे और इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ेगी। इससे ज्यादा लोग इंश्योरेंस लेने के लिए प्रेरित होंगे। इसके अलावा, पेंसन प्रोडक्ट्स के लिए राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) जैसे नियम बनाना आवश्यक है। एन्युटी इनकम पर टैक्स छूट देने का सुझाव भी है, जिससे रिटायरमेंट प्लानिंग (retirement planning) में लोगों की रुचि बढ़ेगी। इन कदमों से ना केवल बीमा उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी, बल्कि वित्तीय सुरक्षा की भावना भी मजबूत होगी।

इंश्योरेंस सेक्टर की उम्मीदें-

सरकार अगर इंश्योरेंस पॉलिसी को सस्ता और टैक्स-फ्रेंडली (tax-friendly) बनाती है, तो इससे देश में इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ेगी। IRDA के विजन 2047 के तहत हर नागरिक को इंश्योरेंस कवर (Insurance Cover) देना है। बजट 2025 से सेक्टर को ऐसे फैसलों की उम्मीद है, जो इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगे। अब देखना होगा कि सरकार बजट में क्या घोषणाएं इंश्योरेंस और हेल्थ सेक्टर (Health sector) के लिए करेंगी। ताकि, आम लोगों खासकर मिडिल क्लास (middle class) को फायदा हो सके।

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