My job alarm

Bank Notes : 10, 20 और 50 रुपये के नोट को लेकर बड़ी खबर

Bank Notes Update News -पिछले कुछ दिनों से इंडियन करंसी को लेकर कई अपडेट्स सामने आए हैं। हाल ही में 10, 20 और 50 के नोटों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। ये नोट चाहने वाले दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उनको रुपये नहीं मिल रहे हैं। बैंकों से भी उन्हें बैरंग लौटाया जा रहा है। इससे आम आदमी के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। आइये जानते हैं इस जरूरी अपडेट के बारे में इस खबर में।

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Bank Notes : 10, 20 और 50 रुपये के नोट को लेकर बड़ी खबर

My job alarm (Bank Notes Update) : करारा नोट जेब में हो, यह हर कोई चाहता है लेकिन मिलना आसान नहीं। ये हालात बने हुए हैं राजस्थान में कई जिलों में। दरअसल ब्याह शादियों में अगर आम आदमी को बैंक से 10,20,50 या अन्य नए नोटों की जरूरत पड़ जाए तो उसे ना का ही जवाब मिलेगा। इसका कारण है कि नए नोट मालाओं में सिमटकर रह गए हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि यह भी पता नहीं चल रहा कि उनके पास ये नोट कहां से आते हैं। बैंक भी इस मामले में हाथ खड़े कर रहे हैं, आरबीआई (RBI) का भी कोई ठोस नियम इस बारे में नहीं है।

 

 

बैंक से ग्राहक लौट रहे खाली हाल

 

 

बैंक शाखाओं में 10 व 20 रुपए के नए नोटों की जरूरत पड़ने पर ग्राहक बैंक में इन्हें लेने जाते हैं तो उन्हें खाली हाथ लौटा दिया जाता है। उनको यही जवाब मिलता है कि नए नोटों की  किल्लत (shortage of new notes) चल रही है। शहर में नोटों की माला बनाने वाले लोग 10 रुपए के नए नोटों की एक गड्डी के 1400 रुपए तक चुकाते हैं। ये माला ग्राहकों को और महंगी पड़ती है। इतना सब होने पर भी शहर में नए नोटों की माला बनाकर बेचने वालों के लिए नए नोटों की कमी नहीं और आम लोग जूझ रहे हैं।

 

 

शहर में मुख्य पीपी ब्रांच में भी नहीं नए नोट

 

बैंक कर्मचारी छिपे रूप से कहते हैं 10 रुपए, 50 रुपए व 200 रुपए के नए नोट (Indian currency update) आम आदमी को मिल ही नहीं रहे हैं और दुकानदार नए नोट कहां से ला रहे हैं, पता ही नहीं चल रहा। अगर घर में शादी ब्याह है तो खासकर 10 रुपये  के नए नोटों को हासिल करने के लिए उन्हें बैंककर्मी दोस्तों की सिफारिश करनी पड़ती है। बैंकों में एक, दो, पांच, दस व 20 व 50 रुपए के नए नोट ब्रांच में सीमित मात्रा में भेजे जाते हैं। इनकी बुकिंग पहले से ही रहती है। इसलिए आम जनता नए नोटों से वंचित रह जाती है। हालात ये हैं कि शहर में मुख्य पीपी ब्रांच में भी नए नोट नहीं हैं।

सरकार की अनुमति के बिना नोटों की बिक्री तो दूर उसे नष्ट करना भी गलत है। इस मामले में हर जिला प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। यह कहना है एक सेवानिवृत्त अधिकारी का। रुपए लीगल टेंडर के अंडर होते हैं। किसी भी सूरत में इनकी बिक्री अधिक कीमत पर नहीं की जा सकती है। यह अपराध की श्रेणी में आता है।


RBI ने अंकुश के लिए नहीं बनाए नियम

हैरानी की बात तो यह है कि RBI की ओर से नए नोटों को लेकर कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। कटे-फटे, जले नोटों के बदलने के तो रूल हैं लेकिन नए नोटों की कालाबाजारी कैसे रुके, इसे लेकर कोई ठोस नियम आरबीआई (RBI Rules for new notes) की ओर से नहीं हैं।


नए नोटों की गडि्डयां आती हैं न के बराबर


एसबीआई (SBI) की पीपी ब्रांच के मुख्य प्रबंधक के अनुसार 10 व 20 रुपए के नए नोटों की गड्डियां बहुत ही सीमित मात्रा में मिलती हैं, जो आरबीआई की ओर से आती हैं। बैंक की अन्य शाखाओं की पूर्ति भी करनी पड़ती है।  10 रुपये की नोटों की तो गड्डियां न के बराबर आती हैं। 20, 50 और 100 रुपए के नए नोटों की गड्डियां फिर भी मिल जाती हैं। बाजार में इन नए नोटों की गडि्डयां कहां से आ रही हैं, यह नहीं पता और न ही बैंक का इससे कोई वास्ता है।
 

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