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Bank News : खाते से कट जाएंगे पैसे पर नहीं आएगा मैसेज, 1 तारीख से लागू होगा ये नियम, हो जाएं सावधान

TRAI New Rules : फर्जी कॉल और मैसेज पर अंकुश लगाने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने कमर कस ली है। इसको लेकर 1 सितंबर से नये नियम लागू किए जा रहे हैं। इन नये नियमों के मुताबिक अब एक सितंबर से टेलीकॉम कंपनियां ऐसे किसी भी मैसेज को संचारित नहीं कर पाएंगी, जिनमें यूआरएल, ओटीटी लिंक या एपीके शामिल हो। आइये विस्तार से जानते हैं कि नये नियमों में और क्या-क्या कंडीशन लागू की गई हैं।

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Bank News : खाते से कट जाएंगे पैसे पर नहीं आएगा मैसेज, 1 तारीख से लागू होगा ये नियम, हो जाएं सावधान

My job alaram (ब्यूरो)। रोजाना बढ़ते जा रहे आनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने अपना रुख सख्त कर दिया है और फर्जी कॉल और मैसेज के खिलाफ कार्यवाही तेज कर दी है। TRAI ने अब सख्त नियम बना दिए हैं, जो 1 सितंबर 2024 से लागू हो जाएंगे। इन नये नियमों के अनुसार 1 सितंबर के बाद टेलीकॉम कंपनियां ऐसा कोई भी मैसेज संचारित नहीं कर पाएंगी, जिनमें यूआरएल, ओटीटी लिंक या एपीके शामिल हो। इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों की वाइटलिस्ट (Whitelist of telecom companies) में बिना रजिस्टर्ड के कॉलबैक नंबरों को भी ब्लॉक कर दिया जाएगा।


ग्राहकों को करना पड़ सकता है दिक्कतों का सामना


TRAI ने स्पैम, विशेषतौर पर फिशिंग मैसेज (phishing message) पर रोक लगाने के मकसद से यह कदम उठाया है। हालांकि TRAI के इस कदम से ग्राहकों को बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीटूशन्स और ई-कॉमर्स कंपनियों से मैसेज प्राप्त करने में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

टेलीकॉम सेक्टर में आएगी ज्यादा ट्रांसपेरेंसी 


जानकारी के अनुसार TRAI के इस प्रयास (TRAI's efforts) से उपभोक्ताओं को फर्जी मैसेज और स्कैम (Fake messages and scams) से बचने में अच्छी खासी मदद मिल सकती है। TRAI का यह कदम उपभोक्ताओं के बीच टेलिकॉम कंपनियों और अन्य सेवा प्रदाता के प्रति विश्वास बढ़ाने का काम करेगा। इसके साथ ही ये कदम टेलीकॉम सेक्टर में और ज्यादा ट्रांसपेरेंसी (more transparency) और जवाबदेही लाएगा।


मैसेज भेजने वाली कंपनियों को इस तरह करना होगा काम


जानकारी के मुताबिक इस नये नियम के तहत मैसेज भेजने वाली कंपनियों को अपने सभी मैसेज टेम्प्लेट व कंटेंट को टेलिकॉम कंपनियों के साथ रजिस्टर करना होगा। मैसेज टेम्प्लेट व कंटेंट रजिस्टर करने के बाद ही टेलिकॉम कंपनियां (telecom companies) एक सिस्टम का इस्तेमाल करेंगी जो मैसेज के कंटेंट को स्कैन करेगा और यह निर्णय लेगा कि वह रजिस्टर्ड टेम्प्लेट (registered template) से मेल खाता है या नहीं। रजिस्टर्ड टेम्प्लेट से मेल नहीं खाने वाले मैसेज को ब्लॉक कर दिया जाएगा।


परेशानी का करना पड़ सकता है सामना


बताया जा रहा है कि TRAI द्वारा लागू किए जाने वाले नये नियम से शुरुआत में उपभोक्ताओं को कुछ सेवाओं को लेकर परेशानी का सामना (face trouble) करना पड़ सकता है। क्योंकि टेलिकॉम कंपनियों को नये सिस्टम को अपनाने में थोड़ा समय भी लग सकता है। TRAI का यह कदम बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीटूशन्स और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भी थोड़ी बहुत परेशानी खड़ी कर सकता है। हालांकि TRAI के इस कदम से फर्जी मैसेज (fake message) पर काफी हद तक रोक लग सकती है और इसको पूरी तरह से लागू करने में भी समय लग सकता है।

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