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नौकरीपेशा लोगों को आ सकते हैं 7 तरह के Income Tax Notice, जानिये किसका क्या होता है मतलब और कैसे देना होता है जवाब

Income Tax Return: जब भी टैक्स पेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करवाते हैं तो अक्सर ऐसा देखा जाता हैं कि लोगों को आयकर विभाग की तरफ से कुछ नोटिस भेजे जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस नोटिस एक ही मतलब नहीं होता हैं। बल्कि यह अलग अलग प्रकार के होते हैं। इनकम टैक्स विभाग के अनुसार 7 तरह के अलग-अलग नोटिस (Tax Notice) भेजे जा सकते हैं तो आइए जानते हैं इन नोटिस के मतलब...
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नौकरीपेशा लोगों को आ सकते हैं 7 तरह के Income Tax Notice, जानिये किसका क्या होता है मतलब और कैसे देना होता है जवाब

My job alarm - (Income Tax Notice) टैक्स पेयर्स ये बात भली भांती जानते हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से आईटीआर फाइल करने के बाद लोगों को कईं तरह के नोटिस भी भेजे जाते हैं। लेकिन इन नोटिस के मतलब हर किसी को समझ नहीं आते। इसी के चलते यदि आप भी टैक्सपेयर्स हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी होने वाली हैं। जी हां, हम आपको बताने जा (Personal Finance) रहे हैं कि यदि आयकर रिटर्न में कुछ भी गड़बड़ होने पर आयकर विभाग की तरफ से नोटिस आते है। यह सारे नोटिस आयकर अधिनियम के अलग-अलग सेक्शन के तहत भेजे जाते हैं। हर नोटिस का जवाब देने के लिए अलग-अलग टाइम दिया जाता है। तो आइए जानते हैं टैक्सपेयर्स को आयकर विभाग की तरफ से भेजे जाने वाले इन 7 इनकम टैक्स नोटिस के बारे में पुरी डिटेल- 


1. Section 143(1) (a) tax notice
यह सूचना आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 143(1) के अनुसार भेजी जाती है। आयकर सूचना कर विभाग के साथ करदाता के पंजीकृत ईमेल पते पर भेजी जाएगी। इसके अतिरिक्त, करदाता को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस प्राप्त होगा, जिसमें उन्हें सूचित किया जाएगा कि संचार पंजीकृत ईमेल पते पर भेजा गया है। इस नोटिस द्वारा बताया जाता हैं कि (income tax notice news) आईटीआर में किए गए टैक्स कैलकुलेशन को आयकर विभाग ने स्वीकार किया है या नहीं। अगर आपसे कोई गलती हो गई हैं तो (section 143 (1)) इस नोटिस के माध्यम से आपको सुचित किया जाता हैं। मिसमैच को सही करने के लिए आयकर विभाग की तरफ से 30 दिन का वक्त दिया जाता है।


2. Section 139 (9) defective ITR notice
अक्सर ऐसा होता है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय हम कुछ चीजें छोड़ देते हैं या कुछ गलतियां कर बैठते हैं। ये गलतियाँ आपके रिटर्न को "दोषपूर्ण" बनाती हैं और आपको धारा 139(9) के तहत दोषपूर्ण रिटर्न का नोटिस जारी किया जाता है। कोई भी डिफेक्ट होने के बाद आपको गलती सुधारने (revised return) के लिए आयकर विभाग द्वारा 15 दिन का समय दिया जाता है। दरअसल, इस नोटिस में डिफेक्टिव का मतलब होता हैं कि जब अधूरी जानकारी के साथ उसे सबमिट कर दिया जाता है या गलत आईटीआर फॉर्म चुन लिया जाता है। इस नोटिस का जवाब देने के लिए आपके पास 15 दिन का वक्त होता है।


3. Section 142(1) tax notice
करदाता द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न और एओ को उपलब्ध जानकारी के बीच बेमेल की प्रारंभिक जांच करने के लिए मूल्यांकन अधिकारी द्वारा धारा 142(1) के तहत एक नोटिस जारी किया जाता है। इसका अर्थ यह हैं कि यदि किसी शख्स की कमाई टैक्सेबल है लेकिन वह टैक्स पे (Income Tax) नहीं करता हैं तो नोटिस के माध्यम से उससे पुछताछ की जाती हैं कि टैक्स छूट की सीमा से अधिक इनकम होने के बावजूद आपने आईटीआर फाइल क्यों नहीं किया है। इस नोटिस का जवाब देने के लिए आपके पास करीब 15 दिन का वक्त होता है।


4. Section 143 (2)
आयकर अधिनियम की धारा 143 (2) के तहत आयकर नोटिस यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी किया जाता है कि करदाताओं ने किसी भी आय को कम नहीं दिखाया है या अत्यधिक नुकसान नहीं दिखाया है, या (Tax Compliance) कम कर का भुगतान नहीं किया है। इन्हें चेक करने के लिए आयकर विभाग आपसे कुछ चीजों के सबूत भी मांग सकता है। इस नोटिस का जवाब देने के लिए भी आपके पास करीब 15 दिन का वक्त होता है।

 

5. Section 148
आयकर अधिनियम की धारा 148 में उल्लेख है कि किसी भी कर गणना जिसका पुनर्मूल्यांकन नहीं किया गया है, यानी कि आपकी कोई इनकम टैक्स से बहार रह गई हैं उसे कर विभाग द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि एक आईटी मूल्यांकन अधिकारी प्रश्न में (Income Tax Refund) निर्धारिती से संपर्क करेगा। इसके लिए असेसमेंट ऑफिसर कोई ना कोई सबूत आपको पेश करता है। नोटिस में आपसे पूछा जा सकता है कि आखिर क्यों आपके मामले का री-असेसमेंट नहीं किया जाना चाहिए। इसका जवाब देने के लिए आपके पास करीब 30 दिन का वक्त होता है।

 

6. Section 245
यह सूचना तब जारी की जा सकती है जब आपके पास किसी दिए गए वित्तीय वर्ष के लिए रिफंड हो और किसी अन्य वित्तीय वर्ष के लिए भुगतान (section 245 of income tax act) की जाने वाली कर मांग भी लंबित हो। आयकर अधिनियम की धारा 245 करदाता से बकाया किसी भी कर मांग के (Reply to Income Tax Notice) विरुद्ध रिफंड (या रिफंड का एक हिस्सा) को समायोजित करने के लिए मूल्यांकन अधिकारी (एओ) को अधिकार देती है। सरल शब्दों में, आईटी विभाग आपके द्वारा देय मांग के विरुद्ध देय रिफंड को समायोजित करना चाहता है। यह मांग पिछले मूल्यांकन वर्ष से संबंधित हो सकती है। इसका जवाब देने के लिए आपके पास करीब 30 दिन का वक्त होता है।


7. Section 154
धारा 154(1ए) में कहा गया है कि अपील/पुनरीक्षण में विचार किए गए और निर्णय लिए गए मामले के अलावा किसी भी मामले में सुधार किया जा सकता है। जहां अपील या पुनरीक्षण के माध्यम से किसी भी (income tax act) कार्यवाही में किसी भी मामले पर विचार और निर्णय लिया गया हो, ऐसे मामले का सुधार धारा 154 के तहत मूल्यांकन अधिकारी द्वारा नहीं किया जा सकता है। आमतौर पर यह नोटिस आईटीआर फाइल करने के 4 साल के भीतर भेजा जाता है और आपसे उस गलती को ठीक करने के लिए कहा जाता है।
 

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