FD में पैसे लगाने के 10 बड़े नुकसान, निवेश करने से पहले जान लें ये जरूरी बात
My job alarm - (Fixed Deposit) देश में सुरक्षित निवेश की जब भी बात आए तो फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) का नाम इनमें सबसे ऊपर आता है। लोग इसमें निवेश कर आंख बंद करके भरोसा करते है लेकिन अगर हम ये कहें कि एफडी में निवेश के भी नुकसान है तो आप शायद ये जानकर हैरान रह जाएंगे। वर्तमान में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD investment) सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प बना हुआ है। भारत के अधिकतर लोग नियमित रूप से एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं। एफडी की बढ़ती ब्याज दरों ने भी इसे एक बेहतरीन निवेश विकल्प बना दिया है। न केवल वेतनभोगी वर्ग या वरिष्ठ नागरिक, यहां तक कि मिलेनियल्स भी टर्म डिपॉजिट (Term Deposits invstment) में निवेश करने में रुचि दिखा रहे हैं। इसमें निवेश कर लोग खूब लाभ कमा रहे है।
अगर देखा जाए तो ये एक शानदार निवेश विकल्प है लेकिन ऐसा होने के बावजूद, एफडी में भी कमियां हैं। इसलिए एक निवेशक को इसके बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। एफडी में निवेश करने के कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी (drawbacks of fd) हैं। आज हम आपको एफडी में निवेश के 9 नुकसान के बारे में बताने वाले हैं।
बेहद कम रिटर्न
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिक्स्ड डिपॉजिट (fived deposit investment) में निवेश करने का नुकसान यह है कि फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज की एक निश्चित दर प्रदान करता है, जो आमतौर पर स्टॉक या म्यूचुअल फंड (mutual funds) जैसे अन्य निवेश विकल्पों द्वारा दिए गए रिटर्न से कम होता है।
प्रीमैच्योर विड्रॉल पर लगता है जुर्माना
आपने अपने पैसों की एफडी करवा दी लेकिन अब आपको पैसों की जरूरत पड़ गइ है तो बैंक जमाकर्ताओं को अपनी एफडी से प्रीमैच्योर विड्रॉल का विकल्प (Premature withdrawal option in fd) प्रदान करते हैं। हालांकि, उन्हें प्रीमैच्योर विड्रॉल के लिए शुल्क देना पड़ता है।
होती है निश्चित ब्याज दर
एफडी का एक और दोष यह है कि आवेदन के समय ब्याज दर निर्धारित की जाती है। जब आप एक निश्चित ब्याज दर पर एफडी (FD at fixed interest rate) खोलते हैं, तो आपको अवधि के अंत तक उस दर पर ब्याज मिलता रहता है। इस बीच इसकी एफडी की ब्याज दरों में कोई बदलाव नही किया जाता है।
एफडी का लॉक-इन-पीरियड
एफडी के नियामेां के बारे में तो आप जानते ही होंगे कि एक बार जब आप एफडी में निवेश (invest in fd) करते हैं, तो आपका पैसा डिपॉजिट की अवधि के लिए लॉक (fd lock in period) हो जाता है। इसका मतलब यह है कि आप अपने पैसे का उपयोग तब तक नहीं कर सकते जब तक कि अवधि समाप्त न हो जाए, भले ही आपके पास आपात स्थिति हो।
महंगाई दर
अगर आप एफडी करवा रहे है ध्यान रखें कि तो टैक्स को ध्यान में रखे जाने के बाद भी निवेश पर रिटर्न आदर्श रूप से महंगाई की दर से अधिक होनी चाहिए। एफडी पर ब्याज दर (interest rate in fd) ज्यादातर महंगाई की दर (inflation rate) से कम होती है। ऐसे में अगर एफडी से महंगाई को मात देने वाला रिटर्न नहीं मिलता है तो उसमें निवेश करना अच्छा विचार नहीं है। अगर महंगाई दर आपके एफडी पर ब्याज दर से अधिक है, तो समय के साथ आपके पैसे का मूल्य कम हो जाएगा।
टीडीएस
सबसे बड़ा नुकसान तो ये है कि एफडी पर आप जो ब्याज (tax on interest rate in fd) अर्जित करते हैं वह टैक्सेबल इनकम है। इसका मतलब है कि आपको अर्जित ब्याज पर टैक्स चुकाना होगा। एफडी का ब्याज ‘Income from Other Sources’ की श्रेणी में आता है।
नही मिलता कैपिटल गेन्स बेनेफिट
एफडी पर कोई कैपिटल गेन्स लाभ (long term capirtal gain) नहीं कमाते। इससे दीर्घकालिक अवधि में आपको नुकसान होता है।
एफडी में लिक्विडिटी
एक और नुकसान की बात की जाए तो एफडी में आपको लिक्विडिटी (liquidity in FD) की दिक्कत होती है। अगर आप जरुरत पड़ने पर एफडी को तोड़ते हैं तो आपको इस पर प्री-मैच्योर पेनल्टी (pre-mature penalty) देनी होती है।
अगर बैंक दिवालिया हो जाए
एफडी को आमतौर पर लोग एक सुरक्षित निवेश (safe investment options) मानते है, लेकिन वह भी तभी तक सुरक्षित है, जब तक बैंक दिवालिया नहीं होता। अगर बैंक ही डूब गया (bank went bankrupt) तो इस बात की कोई गारंटी नहीं कि आपकी एफडी बचेगी।
रीइन्वेस्टमेंट
रीइन्वेस्टमेंट करते (reinvestment plan) हैं तो अब एफडी पर कम हुई दर से ब्याज मिलेगा। इसलिए जरुरी है कि रीइन्वेस्टमेंट करने से पहले यह जांच लें किएफडी की दर कम हुई है बढ़ी है।