wife's property rights : शादी करने से नहीं मिलेगा पति की संपत्ति में हिस्सा, ये है कानून
wife's property rights :कानूनी प्रावधानों के अनुसार क्या एक पत्नी का अपने पति की संपत्ति में हक होता है या नही इसे लेकर अकसर लोगों के मन में दुविधा देखी गई है। लोग ये नही जानते है कि पत्नी का कब और किन हालातों में अपने पति की संपत्ति पर अधिकार होता है। अगर आप भी इस बारे में जानने के इच्छुक है तो ये खबर अंत तक पढ़ें।
My job alarm (ब्यूरो) : अगर आप एक लड़की है तो आपको अकसर ये बाते सुनने को मिलती है कि तुम्हारा असली घर तुम्हारा ससुराल ही है। आप सब अपने घरों में ये बात जरूर सुन चूके होंगे कि लड़की के सारे हम उसके ससुराल में ही होते है। हमारे देश मे अधिकतर (women rights) लोगों का यही मानना है कि विवाह के पश्चात एक महिला के लिए उसका ससुराल ही सबकुछ होता है। शादी के बाद महिला अपने माता-पिता, भाई-बहन, घर-परिवार सभी को छोड़कर ससुराल में जीवन बिताती है।
यही वजह है कि सामाजिक और कानूनी रूप से शादी के बाद महिला कुछ अधिकार भी दिए जाते (property rights of daughter in law) हैं। लेकिन क्या आपको इस बात के बारे में जानकारी है कि केवल शादी मात्र से ही लड़की को अपने सारे अधिकार नही मिल जाते है। इस खबर के माध्यम से हम आपको ये बताने की कोशिश करने वाले है कि सिर्फ शादी कर लेने से कोई महिला किसी पुरुष की प्रॉपर्टी में बराबर की हकदार (equal rights in man's property) नही हो जाती है। आइए जान लें इसके पीछे की सारी जानकारी...
सबसे पहले जानिए क्या कहता है कानून?
अगर आपको कानूनी नियमों की जानकारी नही है तो आपको सबसे पहले ये जान लेना चाहिए कि किसी भी संपत्ति का उत्तराधिकारी (inheritor of property) तय होने में भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम और मुस्लिम पर्सनल लॉ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन्हीं के आधार पर तय होता है कि संपत्ति में किसका कितना अधिकार है कितना नही। इन कानूनों के अनुसार, सिर्फ शादी होने से महिला को अपने पति या ससुराल की संपत्ति पर हक (rights on in-laws' property) नहीं मिलता है, बल्कि यह कई परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है।
जान लें जरूरी ये नियम
भारत में नियमों और कानूनों के बारे में अगर बात करें तो इनके अनुसार, जब तक पति जिंदा है तब तक उसकी खुद से अर्जित की गई (self owned propery rights) संपत्ति पर पत्नी का कोई अधिकार नहीं होता है। पति के देहांत के बाद ही उसकी पत्नी का संपत्ति में हक होगा, लेकिन मरने से पहले अगर पति ने कोई वसीयत लिखी होगी, तो उसके आधार पर संपत्ति का अधिकार तय होगा। लेकिन अगर वसीयत में पत्नि का नाम नहीं होगा तो उसे उस संपत्ति में भी अधिकार नहीं मिलेगा। जबकि, नियमानुसार, तलाक की स्थिति में या पति से अलग होने की स्थिति में महिला को अपने पति से भरण-पोषण के लिए सिर्फ गुजारा-भत्ता पाने का अधिकार (right to alimony of women) है। यानी ये बात तो साफ है कि अलग होने पर वह पति की संपत्ति में से अधिकार नहीं मांग सकती।
ससुराल की संपत्ति में अधिकार को लेकर क्या है प्रावधान
इसके बारे मे हम आपको बता दें कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 8 (Section 8 of Hindu Succession Act) के अनुसार, एक महिला का अपने ससुराल की पैतृक संपत्ति में भी तब तक कोई हक नहीं होता जब तक कि उसका पति या उसके सास ससुर जीवित हैं। हालांकि, पति की मौत होने पर ससुराल की संपत्ति में उसका अधिकार होता है। बहू पैतृक संपत्ति (ancestral property rights) में अपने पति के हिस्से की संपत्ति पा सकती है।