UP के 3.5 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका, इतने बढ़ने वाले हैं बिजली के रेट
UP Electricity Bill Hike : यूपीवासियों के लिए हाल ही में एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। ये खबर यूपी वालों के लिए एक तरह से तगड़ा झटका है। जी हां, UP के 3.5 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को अब 440 वॉट का झटका लगने वाला है क्योंकि यूपी में अब बिजली की खपत उपभोक्ताओं को महंगी पड़ने वाली है। जानकारी के मुताबिक अब यूपी में बिजली के रेट (Bijli ke rate) ढ़ने वाले है। आइए नीचे खबर में जान लें कि बिजली के रेट में कितनी होने वाली है बढ़ोतरी...

My Job Alarm - (Uttar Pradesh Power Corporation) यूपी में रहने वालों को जल्द ही उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानि कि UPPCL तगड़ा झटका देने वाली है। यूपी में अब बिजली को सोच समझकर इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ने वाली है क्योंकि हाल ही में ये जानकारी सामने आ रही हे कि यूपी में बिजली के रेट (Bijli rate in UP) में बढोतरी कर दी गई है। ये बढोतरी जल्द ही लोगों को भारी पड़ने वाली है। यूपी के करीब 3.5 करोड़ उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई बिजली दरें जानकर हैरानी होने वाली (UP news) है।
UPPCL का प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार बिजली के रेट बढ़ाने का कारण यूपी में विभाग को चल रहा घाटा है। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Uttar Pradesh Power Corporation Limited) ने विद्युत् नियामक आयोग को बिजली दरों में 20 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव भेजा है। यूपीपीसीएल ने वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) का हवाला देते हुए बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा है। बता दें कि अगर विद्युत् नियामक आयोग से इसकी मंजूरी मिलती है तो उपभोक्ताओं की और अधिक जेब ढीली करनी पड़ सकती है। कहने का मतलब ये है कि बिजली के बिल (electricity bill in UP) ज्यादा आने वाले है।
12800 करोड़ का दिखाया घाटा
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने हाल ही में 2025-26 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) दाखिल किया है जिसमें, आयोग ने 12800 करोड़ का घाटा दिखाया है। विधुत नियामक आयोग अब बिजली दरों की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर सुनवाई करेगा। नियामक आयोग अगर उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो 20 प्रतिशत तक बिजली महंगी (electricity is expensive in UP) हो सकती है।
उधर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष (Chairman of Electricity Consumer Council UP) का कहना है कि कंपनियों ने वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) मसौदा में 33,122 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं से बकाया वसूली के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है। उन्होंने कहा कि नियामक आयोग में सुनवाई के दौरान राज्य विद्युत् उपभोक्ता परिषद इसका पुरजोर विरोध करेगा।
योगी सरकार के बाद से नही हुई थी कोई बढ़ोत्तरी
बिजली की दरों में बढोतरी की बात करें तो योगी सरकार बनने के बाद से ही प्रदेश में बिजली को दरों में कोई बढ़ोत्तरी (electricity price hike in UP) नहीं की गई है। हालांकि, यूपी पॉवर कॉर्पोरेशन की तरफ से कई बार बिजली दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत् नियामक आयोग को भेजा जा चुका है। लेकिन हर बार आयोग से प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया गया। अब गौरतलब है कि यूपी में शहरी उपभोक्ताओं से 0-150 यूनिट तक बिजली के लिए 5.50 रुपए प्रति यूनिट, 151 से 300 तक 6 रुपए प्रति यूनिट (per unit electricity price) और 300 से ऊपर 6.50 रुपए पार्टी यूनिट वसूला जाता है।
UPPCL ने बताई ज़रूरत
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने 2025-26 के लिए 16 हजार करोड़ यूनिट बिजली की आवश्यकता का अनुमान लगाया है। इस बिजली की खरीद की कुल लागत 92 से 95 हजार करोड़ रुपये होगी, जबकि वितरण हानि 13.25 प्रतिशत आंकी गई है। कंपनियों ने घाटे की भरपाई का दारोमदार विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) पर छोड़ दिया है। अगर बिजली वितरण आयोग बिजली की कीमतें (bijli ki kimat) बढ़ाने का फैसला करता है, तो उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को 15-20 प्रतिशत अधिक बिजली बिल चुकाने पड़ सकते हैं।