UP News : प्राइवेट होगी यूपी की बिजली व्यवस्था, इस शहर से होगी शुरूआत
My job alarm - (Electricity power system in UP) घरों में बिजली न हो तो ऐसा लगता है कि जैसे कोई काम ही निपटने को नही आ रहा है। आज के समय में लगभग सभी चीजें इलेक्ट्रीसिटी पर ही चलती है। कपडें धोने से लेकर खाना बनाने तक हर काम ही बिजली द्वारा संचालित मशीनों के जरिए ही होता है। वहीं बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में भी सारा काम बिजली पर ही निर्भर करता है। बिजली की इतनी जरूरत रहती है तो लोगों को हाल ही में बिजली व्यव्स्था (electricity systum) में हुए बदलाव के बारे मे भी जरूर मालूल होना ही चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूपी का पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन (Uttar Pradesh Power Corporation Management) बिजली की व्यवस्था को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रहा है।
हाल ही में ये जानकारी सामने आ रही है कि घाटे में चल रही प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों को प्राइवेट हाथों में दिया जाएगा। इसी के साथ ही घाटे की दुहाई देकर प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (private public partnership model) मॉडल अपनाया जाएगा। इसकी शुरुआत दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम से करने की तैयारी है। सोमवार को बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर हुई समीक्षा बैठक हुई। बैठक में यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन (Chairman of UP Power Corporation) और सभी बिजली वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशक ने अपनी सहमति जताई है कि ऐसे क्षेत्र जहां घाटा अधिक है, वहां सहभागिता के आधार पर निजी क्षेत्र को जोड़कर सुधार किया जाए।
पावर कार्पोरेशन की बैठक में सलाह-मशविरा
इस मामले पर हाल ही में बैठक् भी बुलाई गई थी। लखनऊ स्थित शक्ति भवन में कल पावर कार्पोरेशन की बैठक (power corporation meeting) में सभी वितरण निगमों के प्रबंध निदेशक, निदेशक और मुख्य अभियंताओं से निजीकरण के मुद्दे पर राय मशविरा किया गया। इस बैठक में निदेशकों और मुख्य अभियंताओं से घाटे से निपटने के सुझाव मांगे गए। बैठक के दौरान रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई। निदेशकों एवं मुख्य अभियंताओं ने राजस्व वसूली, लाइन हानियां कम करने तथा थू्र-रेट आदि बढ़ाने के अब तक के प्रयासों की जानकारी दी इस बीच सहभागिता के आधार पर पार्टनरशिप करके निजी क्षेत्र को जोड़कर सुधार पर चर्चा (lucknow) हुई।
निजीकरण के खिलाफ आंदोलन का ऐलान
बिजली को निजी हाथों में देने पर बैठक हुई। प्रबंधन के पद पर प्रबंध निदेशक संबंधित निजी क्षेत्र की कंपनी का होगा, जबकि कार्पोरेशन का अध्यक्ष सरकार का प्रतिनिधि रहेगा। और जैसे ही इसकी भनक ऊर्जा संगठनों को लगी तो उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया है और निजीकरण (Privatization of electricity in up) के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है।
ऐसे होगी शुरुआत
हाल ही में रिपोर्ट्स सामने आ रही है कि निजीकरण की शुरुआत (beginning of privatization of electricity in UP) पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी (Purvanchal Electricity Distribution Corporation Varanasi) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा (Dakshinanchal Electricity Distribution Corporation Agra) से की जाएगी। अधिकारी लेवल पर इस बात का फैसला लिया जा चुका है।
50-50 के फ़ॉर्म्युले पर ये कंपनियां करेंगी काम
आपको बता दें कि बिजली व्यवस्था के प्राइवेट (power system pvt) होने के बाद इस नई व्यवस्था के तहत इसका चेयरमैन सरकार की ओर से होगा और प्रबंध निदेशक निजी क्षेत्र का व्यक्ति होगा। फिलहाल 50-50 के फ़ॉर्म्युले पर प्राइवेट कंपनियां काम करेंगी। इस नई व्यवस्था में इसका चेयरमैन आईएएस अधिकारी को बनाया जाएगा। इसके लिए ओड़िसा में संचालित निजी मॉडल (model of privatization of electricity) का अध्ययन किया जाएगा, जिसके आधार पर आगे की प्रक्रिया तय की जा सकती है।