UP News : यूपी के इस शहर में है सबसे ज्यादा लावारिस संपत्ति, 46 हजार संपत्तियों को लेकर भेजे जाएंगे नोटिस
UP News : हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इस शहर सबसे ज्यादा लावारिस संपत्ति है। आवंटन के बाद लावारिस पड़ी इन संपत्तियों की रजिस्ट्री (Registry of Properties) कराने के लिए बार-बार नोटिस भेजे जा रहे हैं, लेकिन इनके द्वारा संज्ञान भी नहीं लिया जा रहा है।
My job alarm - Properties in UP cities: यूपी के शहरों में 46 हजार से अधिक ऐसी संपत्तियां पड़ी हैं जिनको आवंटित तो करा लिया गया, लेकिन उनकी रजिस्ट्रियां नहीं कराई जा रही हैं। विकास प्राधिकरण (Development Authority) और आवास विकास परिषद के लिए ऐसी संपत्तियां जी का जंजाल बनी हुई हैं। आपको बता दें कि आवंटन के बाद लावारिस पड़ी इन संपत्तियों की रजिस्ट्री (Registry of Properties) कराने के लिए बार-बार नोटिस (Notice) भेजे जा रहे हैं, लेकिन इनके द्वारा संज्ञान भी नहीं लिया जा रहा है।
रजिस्ट्री न कराने की वजहों की होगी पड़ताल-
शासन स्तर पर यह फैसला किया गया है कि बिना रजिस्ट्री वाली संपत्तियों की पड़ताल कराई जाए कि आखिर इसकी क्या वजहें हैं। इसमें यह भी देखा जाएगा कि कहीं इनमें में कुछ संपत्तियां बेनामी (Benami Property) तो नहीं हैं। पड़ताल के बाद इन आवंटियों को नोटिस भेजा जाएगा।
गाजियाबाद में सर्वाधिक संपत्तियां-
एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि गाजियाबाद (Ghaziabad) में सर्वाधिक 12150 संपत्तियां हैं जो आवंटित किए जाने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं कराई जा रही हैं। लखनऊ में 10739, आवास विकास परिषद की 9563, आगरा 3157, मेरठ 3412, अलीगढ़ 1744, कानपुर (kanpur)1565, मुरादाबाद 1198, प्रयागराज 587 ऐसी संपत्तियां हैं, जिनकी रजिस्ट्री नहीं कराई गई है।
ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा-
- राज्य सरकार ने विकास प्राधिकरणों को अपनी संपत्तियों की ऑनलाइन रजिस्ट्री (Online regiestry) करने की सुविधा दे दी है।
- इनके आवंटियों को अब निबंधन कार्यालय न जाकर संबंधित विकास प्राधिकरण में ही रजिस्ट्री करा सकते हैं। इसीलिए विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिया गया है कि वहीं पर संपत्तियों की रजिस्ट्री की जाए।
- ऑनलाइन मॉड्यूल (Online Module) विकसित न होने की स्थिति में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विकास से संपर्क कर कैंप लगवाए जाएं।
- अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि वे हर महीने यह सूचना देंगे कि उनके यहां कितनी संपत्तियों की रजिस्ट्रियां हुई हैं।