UP News : यूपी के 1,69,99,611 बिजली उपभोक्ताओं की हो गई मौज, 3 रुपये यूनिट मिलेगी बिजली, किसानों का फ्री
UP electricity rates : देश में बढ़ती बिजली खपत के साथ ही बिजली दरों में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है। लेकिन यूपी सरकार ने इस समस्या को देखते हुए 1.69 करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने का फैसला किया है। इसके अलावा, किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली (free electricity) उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 10,067 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। इस फैसले से घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को काफी राहत मिली है।

My job alarm - (UP Electricity News) पिछले कुछ सालों में लगातार बिजली की खपत तेजी से बढ़ी है। ऐसे में बिजली दरों (electricity rates) में भी तेजी आई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप तक पहुंचने वाली बिजली की औसत आपूर्ति लागत कितनी है? दरअसल बिजली की औसत आपूर्ति लागत 7.86 रुपये प्रति यूनिट है? इस महंगी बिजली को गरीब और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार भारी सब्सिडी देती है। उदाहरण के तौर पर, गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाले परिवारों को यही बिजली केवल 3 रुपये प्रति यूनिट की दर (Rate per unit of electricity) पर दी जाती है। इस कीमत को कम करने के लिए सरकार हर यूनिट पर 3.50 रुपये की सब्सिडी देती है। यही नहीं, किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 10,067 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी दी है।
बिजली की आपूर्ति और उपभोक्ता
उत्तर प्रदेश में कुल 3,65,86,814 बिजली उपभोक्ताओं (Uttar Pradesh electricity consumers) में से 3,21,57,293 सिर्फ घरेलू उपभोक्ता हैं। राज्य में बिजली की आपूर्ति की औसत लागत 7.86 रुपये प्रति यूनिट है, जिसमें कोयले की कीमतों (coal prices) में बढ़ोतरी का बड़ा योगदान है। हालांकि, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपयोग के लिए बिजली दरें बढ़ाकर सरकार गरीब और घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरें कम करने का प्रयास करती है। इस प्रकार घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें 6.85 रुपये प्रति यूनिट पर आ जाती हैं, जो औसत आपूर्ति लागत से थोड़ी कम है।
तीन रुपये प्रति यूनिट में बिजली
लाइफ लाइन उपभोक्ताओं (जिनका भार एक किलोवाट से कम है और जो प्रति माह 100 यूनिट से कम बिजली खर्च करते हैं) के लिए सरकार ने बिजली की दर तीन रुपये प्रति यूनिट तय की है। इन उपभोक्ताओं को कम दर पर बिजली मुहैया कराने के लिए सरकार ने 2,386 करोड़ रुपये की सब्सिडी (Subsidy on electricity rates) दी है। यह सब्सिडी प्रति यूनिट 3.50 रुपये के हिसाब से पावर कॉरपोरेशन को दी जाती है।
अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को भी राहत देने के लिए सरकार ने 35 पैसे से लेकर 1.35 रुपये प्रति यूनिट तक की सब्सिडी दी है। 150 यूनिट तक की बिजली खपत पर सरकार 1.35 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी देती है, जबकि 151 से 300 यूनिट की खपत पर यह सब्सिडी 85 पैसे और 300 यूनिट से अधिक की खपत पर 35 पैसे प्रति यूनिट रहती है। इसलिए शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को 6.85 रुपये की बजाय अधिकतम 6.50 रुपये प्रति यूनिट और ग्रामीण उपभोक्ताओं को केवल 5.50 रुपये प्रति यूनिट ही बिजली के बिल का भुगतान करना पड़ता है।
किसानों के लिए मुफ्त बिजली
किसानों की सिंचाई के लिए निजी नलकूपों पर मुफ्त बिजली (Bijli News) प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने इस वर्ष 10,067 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की है। इसमें से 705 रुपये प्रति एचपी प्रति माह की दर से बिजली कंपनियों को 2,245 करोड़ रुपये दिए गए हैं, ताकि 15,72,373 किसानों को अपने ट्यूबवेल के बिजली बिल का भुगतान न करना पड़े।
राज्य सरकार की इस सब्सिडी ने किसानों के लिए एक बड़ी राहत प्रदान की है। किसानों की सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली योजना (free electricity scheme) का लाभ देशभर में किसानों के हित में उठाया जा रहा है। इस योजना से किसानों की उत्पादन लागत में कमी आई है और वे आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।
उपभोक्ता परिषद का दृष्टिकोण
उत्तर प्रदेश (UP Latest News) राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि पिछले पांच वर्षों से प्रदेश में बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन बिजली की आपूर्ति का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। यदि राज्य सरकार ने 17,511.88 करोड़ रुपये की सब्सिडी नहीं दी होती, तो घरेलू उपभोक्ताओं को 6.85 रुपये प्रति यूनिट (Electricity rate per unit for domestic consumers) का बिल देना पड़ता। वर्मा ने यह भी कहा कि उपभोक्ताओं के बिजली कंपनियों पर बकाया लगभग 35 हजार करोड़ रुपये हैं, जिसके एवज में बिजली दरों (electricity rates) में और कमी आ सकती है।