UP Liquor Sale: शराब पीने के मामले में यूपी के ये 2 जिले सबसे आगे, देसी वालों ने भी दिखाया दम
My job alarm- Liquor sales in UP: देश में हीं नहीं बल्कि पुरी दुनिया में शराब पीने वालों की तादाद बढती जा रही हैं। लेकिन भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य में पिछले कुछ सालों के दौरान शराब की खपत में रिकॉर्ड तोड वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य के आबकारी विभाग के आंकडों से पता (beer sales) चला हैं कि इस राज्य में हर रोज शराब की खपत 10-10 करोड़ रुपये से ज्यादा की है। यूपी में शराब से (iconiq white whisky) सरकारी कमाई रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंच गई है. वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 46,710 करोड़ रुपये का राजस्व शराब बिक्री से मिला। पिछले वित्त वर्ष में कमाई का यह आंकड़ा 41,260 करोड़ रुपये था। इसमें बीयर, अंग्रेजी शराब और देसी शराब के पियक्कड़ों में बंपर इजाफा हुआ है।
2 साल में इतनी बढ़ी खपत
एक खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश के लोग हर रोज 115 करोड़ रुपये की शराब और बीयर गटकते जा रहे हैं जोकि बेहद (iconiq white whisky) हैरान कर देने वाली खबर हैं। सुत्रों के अनुसार पुरे राज्य में एक भी ऐसा जिला नहीं हैं जहां शराब की बिक्री रिकॉर्ड से कम होती हो। यहां शराब और बीयर की डेली बिक्री ढाई-तीन करोड़ रुपये से कम की है। पिछले कुछ सालों के दौरान राज्य में शराब की खपत तेजी से बढ़ी है। सिर्फ 2 साल पहले राज्य में शराब की औसत खपत हर रोज करीब 85 करोड़ रुपये की थी।
इन 2 जिलों में सबसे ज्यादा खपत
बता दें कि आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया हें कि इस राज्य में अनेकों जिले ऐसे हैं जहां शराब की डेली खपत 12-15 करोड़ रुपये है। यूपी में वर्तमान में दिल्ली की तुलना में ज्यादा शराब (noida liquor sale gst collection) ब्रांड उपलब्ध हैं। इसमें बीयर, अंग्रेजी शराब और देसी शराब के पियक्कड़ों में बंपर बढ़ोत्तरी हुई है। क्या आप जानते हैं कि बीयर, अंग्रेजी और देसी शराब में कौन-कौन सा जिला टॉप पर आता है। जी हां, नोएडा और गाजियाबाद इनमें से सबसे ऊपर हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ इन दो जिलों में हर रोज 13 से 14 करोड़ रुपये की शराब व बीयर की सेल हो रही हैं।
कम नहीं इन जिलों के रहवासी
पर्यटकों से गुलजार रहने वाला आगरा जिला भी बहुत पीछे नहीं है, जहां औसत रोजाना खपत 12-13 करोड़ रुपये की है। लखनऊ जिले में यह खपत 10-12 करोड़ रुपये डेली है। इसी तरह मेरठ और कानपुर भी दहाई (noida liquor news) अंकों का आंकड़ा रखते हैं। मेरठ के लोग हर रोज करीब 10 करोड़ रुपये की शराब पी रहे हैं, तो वहीं कानपुर में हर रोज 8 से 10 करोड़ रुपये की शराब की खपत हो रही है। वाराणसी भी 6-8 करोड़ रुपये की शराब की रोज खपत कर रहा है।
इन कारणों से बढ़ रही है डिमांड
आबकारी अधिकारी का दावा है कि पिछले 2-3 साल के दौरान राज्य के लगभग सभी जिले में शराब और बीयर की (UP liquor Sale) खपत बढ़ी है। मजेदार है कि शराब की खपत के कुल आंकड़े में 45 से 50 फीसदी योगदान देसी पीने वाले दे रहे हैं। अधिकारी का कहना है कि कई कारण हैं, जो शराब की खपत को बढ़ा रहे हैं। लोगां की कमाई बढ़ रही है और उनके जीने के स्तर में सुधार हो रहा है। धीरे-धीरे शराब की सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ रही है और आबकारी विभाग की सख्ती से तस्करी पर अंकुश है.
पूरे देश में बढ़ी है बिक्री
शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है फिर भी पीने वाले इस चेतावनी को दरकिनार कर देते हैं. यही वजह है (India Liquor Sale) कि हर साल शराब की बिक्री में इजाफा देखने को मिलता है। भारत में बनी विदेशी शराब (IMFL) की बिक्री मात्रा के लिहाज से 14 प्रतिशत बढ़कर 38.5 करोड़ पेटी तक पहुंच गई। उद्योग संगठन CIABC के अनुसार, इस दौरान 1000 रुपये प्रति 750 मिली से अधिक कीमत वाली प्रीमियम सेगमेंट की शराब की बिक्री 48 प्रतिशत बढ़ी। इससे पहले एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में लोगों ने करीब 40 करोड़ शराब की पेटियों की खरीदारी की। बिक्री के आंकड़े बताते हैं कि शराब की मांग हर कैटेगरी में आई। इनमें भी प्रीमियम यानी अधिक कीमत वाली शराब की बिक्री ज्यादा रही.