My job alarm

UP expressway : नोएडा से लखनऊ सिर्फ 3 घंटे की दूरी, 45000 करोड़ से बनेगा नया एक्सप्रेसवे

Expressway : यूपी में लगातार नए नए हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। अब यहां पर एक और एक्सप्रेसवे बनने की प्लानिंग की जा रही है। इस एक्सप्रेसवे (Expressway in UP) के बनने की वजह से नोएडा से लखनऊ सिर्फ 3 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 45000 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है। आइये नीचे खबर जानते इस बारे में पूरी जानकारी।

 | 
UP expressway : नोएडा से लखनऊ सिर्फ 3 घंटे की दूरी, 45000 करोड़ से बनेगा नया एक्सप्रेसवे

MY Job Alarm : (Noida-Lucknow Greenfield Expressway) फिलहाल यूपी में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे को बनाया जा चुका है। अब यूपी में एक और नए एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। इस एक्सप्रेसवे के बनने की वजह से लोगों को काफी लाभ हो रहा है। यहां पर रोजगार के भी नए नए मौके बन रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ये एक्सप्रेसवे (Noida to Lucknow Expressway) नोएडा से लखनऊ के बीच बनाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे के बनने की वजह से ये दूरी सिर्फ 3 घंटे तक की रहने वाली है। खबर में जानिये नोएडा और लखनऊ के बीच बन रहे इस एक्सप्रेसवे के बारे में पूरी जानकारी। 

45,000 करोड़ रुपये की आएगी लागत-


नोएडा से लखनऊ तक 45,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला अत्याधुनिक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 2026 तक पूरा होने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह पूरी तरह एक्सेस-कंट्रोल्ड मार्ग (access-controlled routes) यात्रा समय को 8–9 घंटे से घटाकर 3–4 घंटे कर देने वाला है। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक व आर्थिक विकास को नई गति देगा।


अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण-


उत्तर प्रदेश की सड़क संपर्क व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने जा रही है एक नई परियोजना - नोएडा से लखनऊ तक प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway)। लगभग 45,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे न सिर्फ राजधानी लखनऊ और दिल्ली-एनसीआर के बीच की दूरी को बेहद कम करेगा, बल्कि व्यापार, उद्योग और निवेश के नए अवसर भी खोलेगा।

मात्र इतने घंटे में पूरा हो जाएगा सफर-


फिलहाल नोएडा से लखनऊ पहुंचने में सड़क मार्ग से औसतन 8 से 9 घंटे का समय लगता है। नए एक्सप्रेस (Expressway Noida Lucknow) वे के चालू होने के बाद यह समय सिर्फ 3 से 4 घंटे तक रहने वाला है। इसकी वजह से न सिर्फ यात्रियों को राहत मिलने वाली है। बल्कि माल ढुलाई और औद्योगिक परिवहन को भी नई गति मिलने वाली है।

एक्सेस-कंट्रोल्ड रहने वाला है ग्रीनफील्ड कॉरिडोर-


यह परियोजना एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway Noida Lucknow) के रूप में विकसित किया जाने वाला है। इसका मतलब है कि इसे नई भूमि पर शून्य से विकसित किया जाने वाला है। इसमें कोई ट्रैफिक सिग्नल नहीं होने वाला है, वहीं वाहन बिना रुके तेज गति से यात्रा कर सकेंगे। 


एक्सप्रेसवे की प्रमुख विशेषताएं-


स्मार्ट टोलिंग सिस्टम – वाहन बिना रुके टोल पार कर सकते हैं।
सर्विस लेन – लोकल ट्रैफिक के लिए अलग व्यवस्था।
ओवरब्रिज और अंडरपास – हर प्रमुख जंक्शन पर सुरक्षित क्रॉसिंग।
समर्पित ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर – हर समय मॉनिटरिंग और सुरक्षा व्यवस्था।
इको-फ्रेंडली डिजाइन – ध्वनि रोधी दीवारें, वर्षा जल संचयन और सोलर लाइटिंग।


आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा-


इस एक्सप्रेसवे के बनने की वजह से उत्तर प्रदेश (UP News) के पश्चिमी और केंद्रीय हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली-एनसीआर के उद्योगों से जुड़े माल को लखनऊ और आसपास के बाजारों तक तेजी से पहुंचाया जा सकेगा।
व्यापार को बढ़ावा – निर्यातक और आपूर्ति श्रृंखला कंपनियों को लॉजिस्टिक्स लागत घटने वाली है।
निवेश के नए अवसर – हाई-स्पीड कनेक्टिविटी से औद्योगिक पार्क और वेयरहाउस हब का विकास होने वाला है।
पर्यटन को बढ़ावा – लखनऊ, कानपुर और आसपास के ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों तक पहुंचना आसान होगा।


2026 तक पूरी होगी परियोजना-


उत्तर प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI Latest Project) ने इस परियोजना को तेज गति से पूरा करने की योजना बनाई है। निर्माण कार्य के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) लगभग अंतिम चरण में है और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने वाली है। इसका लक्ष्य है कि यह एक्सप्रेसवे (Expressway in UP) वर्ष 2026 तक चालू हो जाए।


रोजगार और क्षेत्रीय विकास के मौके-


इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने वाला है। निर्माण सामग्री, इंजीनियरिंग सेवाएं, (Engineering Services) ढांचागत सुविधाएं और स्थानीय संसाधनों की मांग बढ़ने वाली है। इसके अलावा, रास्ते में पड़ने वाले कस्बों और शहरों में रियल एस्टेट और व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार होने वाला है।


सुरक्षा और आधुनिक तकनीक को मिलेगा बढ़ावा-


यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरे मार्ग पर CCTV कैमरे, इमरजेंसी कॉल बॉक्स और एम्बुलेंस सर्विस उपलब्ध होगी। हाईवे के प्रत्येक 30-40 किमी पर ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट (Traffic Control Unit) और हर 100 किमी पर फ्यूल स्टेशन और रेस्ट एरिया बनाए जाएंगे। स्मार्ट लाइटिंग और स्वचालित मॉनिटरिंग सिस्टम इसे भारत के सबसे सुरक्षित और आधुनिक एक्सप्रेस वे में शामिल किये जाने वाले हैं।


ग्रीन कॉरिडोर का फायदा-


यह एक्सप्रेसवे इको-फ्रेंडली ग्रीन कॉरिडोर के रूप में भी विकसित होने वाला है। किनारों पर लाखों पौधे लगाए जाएंगे और सौर ऊर्जा से कुछ हिस्से रोशन होने वाला है। वर्षा जल संग्रहण प्रणाली भी बनाई जाने वाली है ताकि पर्यावरण संरक्षण और भूजल स्तर को लाभ मिले।


रणनीतिक का फायदा-


नोएडा से लखनऊ के बीच हाई-स्पीड कनेक्टिविटी उत्तर प्रदेश के विकास के लिए रणनीतिक दृष्टि से अहम है।
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ा जा सकता है।
राज्य के औद्योगिक गलियारों को नई दिशा मिलेगी।
पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच आर्थिक असंतुलन घटेगा।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now