Toll Plaza New Rules - टोल प्लाजा के बदले नए नियम, बिन बूथ के टोल प्लाजा पर इतना लगेगा टोल टैक्स
Toll Plaza New Rules - वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर। दरअसल हाल ही में, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने टोल टैक्स में राहत देने के लिए नए नियम लागू किए हैं। नए नियमों के अंतर्गत, विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए टोल शुल्क अलग-अलग निर्धारित किया गया है...
My job alarm - Toll Plaza New Rules: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने टोल टैक्स में राहत देने के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिनसे यात्रियों को काफी फायदा होगा। नए नियमों के मुताबिक झिंझौली स्थित देश के पहले बिना बूथ के टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर सोनीपत से लेकर बवाना तक 29 किमी के सफर पर मात्र 65 रुपये लगेंगे। यह कदम यात्रियों के सफर को सुगम बनाने और समय की बचत के लिए उठाया गया है।
नए नियमों में मिनी बस, हल्के व्यवसायिक वाहनों के लिए 105 रुपये, दो एक्सल के व्यवसायिक वाहन 225 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। वहीं, सबसे कम 65 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
ये कैसे करेगा काम?
NHAI के अधिकारियों के मुताबिक, अभी इसे एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) सिस्टम से जोड़ा गया है। यहां पर टोल कलेक्शन करने की पूरा प्रोसेस ऑटोमेटिक होगा। इसमें लगे सेंसर फास्टैग (fastag) से खुद ही टोल की राशि काट लेंगे। अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 के सोनीपत स्पर पर इसका ट्रायल किया गया था।
जैसे ही गाड़ी गुजरेगी इसमें लगे सेंसर बैरियर को खोल देंगे। इस टोल प्लाजा (toll plaza) पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली के पायलट प्रोजेक्ट पर भी काम किया जा रहा है।
कैश के लिए भी होगी एक लाइन-
सभी लोगों में जागरूकता लाने के लिए इसपर काम किया जाएगा। लेकिन इसके साथ ही एक लाइन कैश देने वालों के लिए भी रखी जाएगी। अगर कोई ब्लैक लिस्ट फास्टैग या फिर कैश देने वाला आता है तो उसको लेफ्ट साइड की लेन से निकाला जाएगा। हालांकि ऐसी गाड़ियों से दूसरे टोल प्लाजा (toll plaza) की तरह ही ज्यादा भुगतान कराया जाएगा। वाहन चालक ऑटोमेटिक लेन में न पहुंचे, इसके लिए हाईवे पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे।
भविष्य का क्या है प्लान?
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में और भी उन्नत तकनीकें लागू की जाएंगी। जीएनएसएस आधारित टोल सिस्टम एक ऐसी प्रणाली होगी, जिसमें टोल भुगतान के लिए फास्टैग या बैरियर्स की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रणाली के माध्यम से, जैसे ही कोई वाहन हाईवे पर प्रवेश करेगा, उसकी एक यूनिक आईडी (Unique Id) बनेगी और टोल राशि अपने आप कट जाएगी। इस प्रकार की तकनीक अन्य स्थानों पर भी लागू की जाएगी, जैसे कानपुर में एक समान टोल प्लाजा का निर्माण किया जा रहा है।
एनएच 344 पी के टोल शुल्क को बोर्ड पर लिख दिया गया है। दिसंबर तक टोल (toll) शुल्क लेने का काम शुरू कर दिया जाएगा। किसी तरह की खामी होती है तो कंट्रोल रूम में मौजूद इंजीनियर इसे सही करेंगे। इस टोल प्लाजा को पूरी तरह से ऑटोमेटिक (automatic) तरीके से चलाने की प्लानिंग है।