हरिद्वार से जोड़ा जाएगा UP का यह एक्सप्रेसवे, 110 किलोमीटर का 6 लेन हाईवे मंजूर
UP Expressway Update :औघोगिकरण ओर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार की ओर से नए-नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है और अब इन्हीं एक्सप्रेसवे के निर्माण से यूपी देश का सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन गया है। अब हाल ही में यूपी (UP Expressway News)में एक ऐसा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जो सीधे तौर पर हरिद्वार से जोड़ा जाएगा। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

MY Job Alarm : (UP Expressway) यूपी में नए-नए एक्सप्रेसवे की सौगात दी जा रही है और अब इसी बीच प्राधिकरण की ओर से 6 लेन हाईवे की मंजूरी मिल गई है और इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 110 किलोमीटर के आस-पास हो सकती है।
यूपी का ये नया एक्सप्रेसवे (UP Expressway Updates) हरिद्वार से सीधे तौर पर जोड़ा जाएगा। यूपी के इस एक्सप्रेसवे का लगभग काम पूरा करने की तैयारी की जा रही है। खबर में जानिए यूपी के इस एक्सप्रेसवे के बारे में।
गंगा एक्सप्रेसवे का कितना हुआ काम
हम बात कर रहे हैं गंगा एक्सप्रेसवे (UP Ganga Expressway Update) की, जिसका पहला चरण तकरीबन पूरा होने को है। इसका निर्माण निर्धारित समय पर किया जा सकता है। वहीं जैसे ही बारिश का मौसम समाप्त होता है तो उसके बाद दूसरे चरण के निर्माण में भी तेजी आ सकती है और इसके डीपीआर के लिए कंपनी निर्धारित कर दी गई है।
इस एक्सप्रेसवे (UP Expressway News) से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की कनेक्टिविटी बेहतर होने के साथ ही तीर्थाटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे गढ़मुक्तेश्वर में गंगाधाम योजना को नई रफ्तार मिलेगी।
दूसरे चरण से कितनी होगी लंबाई
वहीं, इसके दूसरे चरण में मेरठ से हरिद्वार तक गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway from Meerut to Haridwar)का निर्माण किया जाएगा। इसके विस्तार के बाद यह तकरीबन 110 किलोमीटर लंबा हो जाएगा।
इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है। इसके विस्तारीकरण के साथ ही नोएडा की एक कंपनी डीपीआर तैयार करेगी,जिससे कुछ मार्ग में बदलाव हो सकता है। यह कंपनी चार महीने में इसकी डीपीआर तैयार करके यूपीडा को इसकी पेशकश कर देगी।
किसको सौपां गया इस एक्सप्रेसवे का काम
हालांकि इस प्रोजेक्ट (UP New Project) के दौरान नोएडा की कंपनी एक्सप्रेसवे की लंबाई कम करने और आसपास के दूसरे जिलों के संपर्क से होकर निकालने का प्रयत्न करेगी। जैसे ही यह बनता है तो इसके बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को उत्तराखंड से बेहतर जुड़ाव हो सकेगा। वहीं, प्रयागराज से हरिद्वार तक का एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगा।
लंबे एक्सप्रेसवे में से एक बनेगा ये एक्सप्रेसवे
वैसे मूल रूप से गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway Updates) मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा है। जैसे ही यह एक्सप्रेसवे बनकर तैयार होगा तो ये भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है। इससे पहले पिछले दिनों शासन ने इसके विस्तार के लिए हरिद्वार तक बनाने का प्लान किया था।
बता दें कि यह गंगा एक्सप्रेसवे का दूसरा चरण (Ganga Expressway Phase II) है, जिसकी लंबाई 110 से 150 किलोमीटर के आसपास हो सकती है। यह मेरठ से मुजफ्फरनगर होकर रुड़की से उत्तराखंड में एंट्री लेगस। जैसे ही यह एक्सप्रेसवे हरिद्वार तक विस्तारित हो जाता है तो उसके बाद, यह एक्सप्रेसवे सीधे चार धाम राजमार्ग और चार धाम रेलवे से जुड़ जाएगा।
क्या है गंगा एक्सप्रेसवे को तैयार करने का प्लान
सिर्फ इतना ही नहीं गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway News) के दोनों ओर औद्योगिक सिटी का निर्माण किया जा रहा है। इससे उद्योगों को पर्याप्त स्थान मिलने के साथ ही कच्चा माल मंगवाने, तैयार माल बाजार भेजने के लिए हाईवे भी बराबर में होगा। इसके साथ ही जगह-जगह पर आवासीय और शापिंग सिटी भी बनाए जाने वाले हैं।
एचपीडीए ने गढ़मुक्तेश्वर में गंगाधाम योजना को गति प्रदान करना आरंभ कर दिया है।इससे हरिद्वार से प्रयागराज तक का सफर आसानी से और सीमित समय में पूरा कर लिया जाएगा।
अभी कितना हुआ एक्सप्रेसवे का काम
अभी वर्तमान में तो गंगा एक्सप्रेसवे के मेरठ से प्रयागराज तक के पहले चरण का निर्माण का काम अपने अंतिम चरण में है और इसका तकरीबन काम 93 प्रतिशत पूरा हो चुका है। जेसे ही बारिश थमती है तो उसके बाद वापस से इसके काम में तेजी आएगी।
जानकारी के मुताबिक इसका औपचारिक उदघाटन 15 दिसंबर तक किया जा सकता है और इसके दूसरे चरण के लिए सर्वेक्षण का काम कंपलिट हो चुका है। अब इसकी डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार करने पर कार्य किया जा रहा है।
इतना है इस प्रोजेक्ट का बजट
जानकारी के लिए बता दें कि इस मार्ग के लिए शासन की ओर से 50 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हो गया है। वहीं, इसके दूसरे चरण में बनने वाला यह एक्सप्रेसवे (UP Expressway News )पश्चिम यूपी को हरिद्वार से सीधे तौर पर जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे का फायदा यह होगा कि इससे दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों से हरिद्वार तक की यात्रा आसान और सुगम हो सकेगी।