Petrol Pump पर तेल डालने वाला आपको इन 3 तरीकों से लगाते हैं चूना, कोई भी नहीं पकड़ पाता
Petrol Pump Tips : अगर आपके पास वाहन है, तो आप पेट्रोल या डीजल भरवाने के लिए पेट्रोल पंप पर जरूर जाते होंगे। लेकिन जरा सी लापरवाही आपको धोखाधड़ी का शिकार बना सकती है। कई लोग पेट्रोल पंप पर ध्यान नहीं देते, जिससे उन्हें नुकसान होता है। ऐसे में अगर आप ठगी से बचना चाहते हैं, तो पेट्रोल पंप पर फ्यूल भरवाते समय कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है। मीटर में सिर्फ 'जीरो' देखकर संतुष्ट न हों, डेंसिटी मीटर और नोजल पर भी नजर रखें। इससे आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
My job alarm - अगर आप कार या बाइक का इस्तेमाल करते हैं, तो पेट्रोल पंप पर आना-जाना एक आम बात है। हर बार जब आप पेट्रोल या डीजल (Petrol or Diesel) भरवाते हैं, तो आप इस बात पर ध्यान रखते हैं कि आपका वाहन सही मात्रा में ईंधन पा रहा है। लेकिन कई बार आपकी आंखों के सामने ही ठगी हो सकती है और आपको इसका अंदाजा भी नहीं होता। पेट्रोल पंप पर ठगी के कई तरीके होते हैं, जिनमें मीटर में हेरफेर, डेंसिटी मीटर से छेड़छाड़, और नोजल का दुरुपयोग शामिल हैं। अगर आप सावधानी से इन चीजों पर नजर रखें, तो इस धोखाधड़ी से बच सकते हैं। आइए जानते हैं कि पेट्रोल पंप पर किस तरह आपकी गाढ़ी कमाई को ठगा जा सकता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
1. मीटर में 'जीरो' देखकर संतुष्ट ना हों
जब आप पेट्रोल या डीजल भरवाने पेट्रोल पंप (Petrol Pump) पर पहुंचते हैं, तो सबसे पहले पंप कर्मचारी आपको मीटर में 'जीरो' चेक करने के लिए कहता है। आप मीटर में जीरो देखकर मान लेते हैं कि अब आपके पैसे के बदले पूरा पेट्रोल या डीजल डाला जाएगा। हालांकि, इस जीरो को देखकर संतुष्ट होना काफी नहीं है। दरअसल, यहां पर मीटर में हेरफेर का खेल होता है, और आपको इसकी भनक भी नहीं लगती। मीटर पर एक और स्क्रीन होती है, जिस पर नजर रखना बहुत जरूरी है। इस स्क्रीन पर डेंसिटी (Density) दिखाई जाती है, जो पेट्रोल-डीजल की शुद्धता को दर्शाती है। अगर आप सिर्फ जीरो देखकर संतुष्ट हो जाते हैं, तो आपके साथ धोखाधड़ी होने की संभावना बढ़ जाती है।
2. डेंसिटी मीटर पर नजर रखना है जरूरी
पेट्रोल या डीजल की शुद्धता को मापने का एक तरीका है डेंसिटी मीटर। यह मीटर ईंधन की गुणवत्ता को दर्शाता है। पेट्रोल पंप पर लगे डेंसिटी मीटर (Petrol Pump Meter) से हेरफेर करके आपके साथ ठगी की जा सकती है। पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी (घनत्व) एक तय सीमा में होती है। उदाहरण के लिए, पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच होनी चाहिए, जबकि डीजल की डेंसिटी 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (Density Meter At Pertol Pump) होनी चाहिए। अगर पेट्रोल या डीजल की डेंसिटी इससे कम या ज्यादा होती है, तो इसका मतलब है कि ईंधन की गुणवत्ता सही नहीं है और उसमें मिलावट हो सकती है।
आपको पेट्रोल पंप (Petrol Pump Jump Trick) पर ईंधन भरवाते समय डेंसिटी मीटर पर नजर रखनी चाहिए। अगर डेंसिटी निर्धारित मानकों से अलग होती है, तो आप समझ सकते हैं कि ईंधन में कुछ गड़बड़ी है और आप कम गुणवत्ता का ईंधन प्राप्त कर रहे हैं। इससे आपकी गाड़ी की परफॉर्मेंस पर भी असर पड़ सकता है और आपको लंबे समय में नुकसान हो सकता है।
3. 'जंप ट्रिक' से धोखाधड़ी
पेट्रोल पंप (Petrol Pump New) पर एक और आम तरीका जिससे ग्राहकों के साथ ठगी की जाती है, उसे 'जंप ट्रिक' कहा जाता है। इसमें मीटर में हेरफेर करके आपको धोखा दिया जाता है। जब आप मीटर में 'जीरो' देखते हैं और पंप कर्मचारी ईंधन डालना शुरू करता है, तो आपने कभी गौर किया होगा कि मीटर अचानक 5-6 रुपये पर पहुंच जाता है, जबकि बीच का 2-3-4 रुपये दिखाई ही नहीं देता। यह 'जंप ट्रिक' होती है, जिसमें मीटर को इस तरह सेट किया जाता है कि वह क्रमबद्ध तरीके से न बढ़कर सीधा कुछ रुपये ऊपर छलांग लगाता है। इसका मतलब है कि आपको जितना पेट्रोल-डीजल मिलना चाहिए, उससे कम मात्रा में मिल रहा है और आपके पैसे का पूरा फायदा आपको नहीं मिल रहा।
इससे बचने का तरीका यह है कि आप मीटर को ध्यान से देखें। मीटर को धीरे-धीरे 1-2-3 रुपये के हिसाब से बढ़ना चाहिए, ना कि अचानक छलांग लगानी चाहिए। अगर आपको ऐसा कुछ नजर आता है, तो आप तुरंत पंप कर्मचारी को इस बारे में बता सकते हैं और अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
4. नोजल के इस्तेमाल से ठगी
पेट्रोल या डीजल (petrol pump frauds) भरते समय एक और महत्वपूर्ण चीज जिस पर ध्यान देना जरूरी है, वह है नोजल का इस्तेमाल। पेट्रोल पंप पर नोजल से ईंधन भरते समय कई बार कर्मचारी इसे मैनुअल तरीके से कंट्रोल करता है, जबकि इसे ऑटो कट होना चाहिए। ऑटो कट का मतलब है कि जब आपकी टंकी भर जाती है, तो ईंधन अपने आप बंद हो जाता है। लेकिन मैनुअल तरीके से कर्मचारी नोजल को बीच में रोक सकता है और प्रेशर को कम कर सकता है। इससे पेट्रोल या डीजल की सही मात्रा आपकी गाड़ी में नहीं पहुंचती और आपको लगता है कि टंकी भर गई है, लेकिन असल में आपको कम ईंधन मिलता है।
अगर आपको ऐसा लगे कि नोजल का प्रेशर ठीक नहीं है या कर्मचारी इसे मैनुअल तरीके से इस्तेमाल कर रहा है, तो आप उसे तुरंत रोक सकते हैं और उससे सही तरीके से ईंधन भरने की मांग कर सकते हैं। इस तरह आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
5. डेंसिटी मीटर से कैसे होती है छेड़छाड़?
जैसा कि हमने पहले बताया, पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी (Density of petrol and diesel) एक तय सीमा के भीतर होती है। पेट्रोल पंप पर डेंसिटी मीटर से छेड़छाड़ करके आपको कम गुणवत्ता का ईंधन दिया जा सकता है। अगर पेट्रोल की डेंसिटी 730 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम हो या 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा हो, तो इसका मतलब है कि ईंधन की गुणवत्ता सही नहीं है। इसी तरह, अगर डीजल की डेंसिटी 830 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम या 900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा हो, तो इसमें भी मिलावट हो सकती है।
डेंसिटी मीटर (density meter) से छेड़छाड़ करके पेट्रोल पंप आपको कम गुणवत्ता का ईंधन देता है, जिससे आपके वाहन की परफॉर्मेंस खराब होती है और इंजन पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा, आपकी गाड़ी की माइलेज भी कम हो जाती है। इसलिए, डेंसिटी मीटर को चेक करना बहुत जरूरी है।
6. ठगी की शिकायत कैसे करें?
अगर आप पेट्रोल पंप पर किसी भी तरह की ठगी का शिकार होते हैं, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। सरकार ने इसके लिए एक टोल-फ्री नंबर 18002333555 जारी किया है, जिस पर आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। आपकी शिकायत के आधार पर जांच की जाएगी और अगर पंप में गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसका लाइसेंस (license) रद्द भी किया जा सकता है। इसलिए, अगर आपको किसी भी तरह की धोखाधड़ी का शक हो, तो बिना देर किए शिकायत करें।